देवनानी के आदेशों की बॉल अब अधिकारियों के पाले में

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राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने फिर सर्किट हाउस में अपना दरबार सजाया। फिर ज़िला कलेक्टर! नगर निगम आयुक्त! अजमेर विकास अधिकरण के अफ़सर! सहित कई विभाग हाज़िर रहे! फिर शहर के विकास कार्यों की समीक्षा हुई! फिर समयबद्ध कामों का बंटवारा हुआ! फिर उम्मीद जागी कि दीपावली का त्योहार ! नागरिक मूल भूत सुविधाओं की वापसी के साथ मनाएंगे।*🙋‍♂️

*देश की सबसे बदहाल सड़कें ठीक होंगी! टूटी हुई पाईप लाइन्स का पुनर्जन्म होगा! कालोनियों में भरा पानी और लोगों के ज़ख़्म सूख जाएंगे! आना सागर और बाड़ी नदी के आस पास और अंदर हुए अतिक्रमण हटा दिए जाएंगे!*💁‍♂️
*इसके अलावा भी देवनानी जी ने अधिकारियों को बहुत सी जिम्मेदारियां सौंपी हैं। उनकी तरफ से जो श्रेष्ठतम वह कर सकते थे उन्होंने कर दिया है। उनके पद की गरिमा को उन्होंने बचा कर जितने लोक कल्याण के आदेश देने थे दे दिए ! अब बॉल प्रशासन के पाले में है। दीपावली में अभी ज़ियादा समय नहीं मगर इतना समय तो है कि अधिकारी यदि चाहें तो सकारात्मक परिणाम दे सकते हैं। मुमकिन हैं देवनानी जी की सभी वांछित मुराद पूरी हो जाएं मगर बात फिर वही की प्रशासनिक बहानेबाज़ी और बजट का रोना फिर सामने आ गया तो क्या होगा❓😱*
*और फिर अजमेर में अधिकारियों में इतनी ही जवाबदेही होती तो आज करोड़ों करोड़ के बजट से अजमेर स्मार्ट न हो जाता! अधिकारी करोड़ पति बन गए मगर अजमेर स्मार्ट होने की जगह मूर्ख शहर में तब्दील हो गया।*🫢
*देवनानी जी! आप जितना ज़िम्मेदार इस प्रशासन को समझ रहे हैं यह उससे भी ज़ियादा ज़िम्मेदार हैं मगर बजट के बिना इनके हाथ पांव काम ही नहीं करते! ये भी क्या करें!

*नगर निगम में किस तरह पोपा बाई का राज स्थापित है पूरा शहर जानता है। पार्षदों की एकजुटता के क़िस्से तो हर रोज़ समाचारों में जगह बना ही रहे हैं। राज्य का यह इकलौता शहर होगा जहां भाजपा और कांग्रेस समान दिशा और समान मुद्दों पर एक साथ है। शहर की कॉमन कॉज सोसाइटी भले ही ख़बरों में न हो मगर निगम में यह सोसायटी भली भांति काम कर रही है। लिफ़ाफ़ा प्रबन्धन निगम के आन्तरिक निर्णयों पर निराश्रित हो जाता है।

*मुझे प्रसन्न्ता है कि निगम के पार्षद खुल कर शहर की समस्याओं से दो दो हाथ कर रहे हैं। एस्केप चैनल को गहरा करने की मांग जो उठाई जा रही है यदि इस पर बारिश से पहले काम हो जाता तो शायद निचली बस्तियों में बाढ़ के हालात पैदा नहीं होते। बाड़ी नदी और आनासागर के अंदर बाहर के अतिक्रमण यदि मानसून से पहले हटा दिए जाते तो सागर इतना रौद्र रूप नहीं दिखाता।

*देवनानी जी जितनी ईमानदारी से इस शहर की सेहत को सुधारना चाहते हैं और जिस तरह अपनी संप्रभुता का उपयोग कर रहे हैं प्रशासन यदि उसका 50 फ़ीसदी हिस्सा भी साकार कर दे तो शहर को थोड़ी बहुत राहत की सांस मिल जाए।

*असलियत तो यह है कि शहर के अधिकारी हुक़्म बजाते नहीं और मना करते नहीं। उधर सर्किट हाउस में जो हुक़्म मेरे आक़ा! जैसे भाव रखते हैं वह उनके विभागों तक पहुंचते पहुंचते चुटकुलों में तब्दील हो जाता है। आपस में कहते नज़र आते हैं कि ये नेता लोग ख़ुद को मुख्यमंत्री समझते हैं। जो मन आया हुक़्म दे देते हैं। अख़बारों में हैड लाइन्स में आने के लिए! हमारे पास कौनसा जादुई चराग़ है जिसे रगड़ कर जिन्न निकाल लें और सारी मनोकामनाएं पूर्ण कर दें!

*सड़कों की बदहाली पर अधिकारी यह कहते सुनाई देते हैं कि यदि हमारे पास बजट और पर्याप्त साधन होते तो हम पहले ही मज़बूत सड़कें नहीं बना देते। नेता जी के आदेश देने में कोई बजट थोड़ी न लगता है। सारी कार्ययोजना परोस देते हैं। जैसे उनके आदेशों की पालना बिना पैसों के हो जाती हो।

*अधिकारियों का यह रवैया ही उनको अधिकारी बनाए हुए है। नई सरकार के कार्यकाल में नेताओं के आदेशों की अनुपालना ये अधिकारी कर कितनी रहे हैं ? यह राज्य की जनता भी जानती है नेता भी।

*पिछले दिनों राज्य के विधायकों में व्याप्त रोष प्रकट भी हुआ था कि कोई अधिकारी उनकी सुन नहीं रहा। यह बात सच भी है। यह तो अजमेर में देवनानी जी ने अपना रुतबा क़ायम कर रखा है जो अधिकारी इतना सुन भी रहे हैं। वह विधानसभा अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण आसन पर हैं जो उनके आदेश सम्मान भी पा रहे हैं। ज़रा अजमेर ज़िले के अन्य विधायकों की हालत तो देखो।
*क्या अन्य विधायक सर्किट हाउस में इस तरह अधिकारियों का दरबार लगा कर आदेश ज़ारी कर सकते हैं❓

*यहाँ साफ़ बता दूँ कि दीपावली तक सड़कों की लीपा पोती के अलावा ये अधिकारी कुछ नया नहीं करने वाले। न बाड़ी नदी के आसपास कोई बदलाव आएगा न आना सागर के। अर्थ प्रबन्धन से हुए अतिक्रमण कोई इतनी आसानी से कैसे हटा देगा❓
*यदि देवनानी जी ने सख़्ती नहीं बरती तो कुछ नहीं होगा। हां,अगर उनकी भवानी चेत गई तो कुछ बक़ाया भी नहीं रहेगा।*
*और मैं चाहता हूं कि देवनानी जी अपना रौद्र रूप दिखा कर अधिकारियों की नाक में नकेल डालें। इस शहर की क़िस्मत बदलने का अब यही तरीका रह गया है।

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1 thought on “देवनानी के आदेशों की बॉल अब अधिकारियों के पाले में”

  1. आप सिर्फ यह काम करें आपके प्रिय देवनानी जी से कहिये इन सारे अजमेर नगर निगम के पार्षदों, महापौर और अजमेर डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारीयों, पुष्करराज के पंडितों, पुष्कर नगरपालिका के पार्षदों के साथ स्कुटर रैली निकलवा लें | सिर्फ पुष्कर घाटी के नौसर माता के मंदिर से ले कर सिटी प्राइड मैरिज गार्डन तक ले आएं |

    पुष्कर घाटी से उतरते ही सड़क पर बने अद्भुत मनोरंजक और स्मार्ट सिटी की आन बान शान में चार चाँद लगाते 1 फीट के गहरे गढ़ों के बीच बनी सड़क पर बने में इन अधिकारीयों को गाड़ी चलाते हुए वीडियों बना कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज दें |

    जिन विदेशी निवेशकों की जेब ढीली कर हज़ारों करोड़ हज़म हुए उन्हें भी यह वीडियो भेजना चाहिए | उनकी भी गलत फहमी दूर हो जाएगी |

    हाँ बुजुर्ग देवनानी अगर यह करिश्मा साइड में खड़े होकर देखना चाहें तो उन्हें गर्म चाय और पकोडों की प्लेट पकड़ा कर आराम से सोफा नौसर घाटी के नीचे ही लगाकर बैठा दें | बुजुर्ग शरीर को क्यों तकलीफ दी जाये | इस उम्र में इधर उधर कुछ हिल गया तो इलाज भी लम्बा चलेगा |

    इस सारे नज़ारे का आनंद लेने के लिए यूट्यब फेसबुक पर इसका सीधा प्रसारण होना चाहिए | कसम से स्मार्ट सिटी में मंगल ग्रह की अनुभूति न हो जाये तो कहियेगा |

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