चौधरी साहब शायद बिफरे हुए हैं। उनका बिफरना भी वाजिब है। वो शहर वासियों के लिए रात दिन एक कर रहे हैं। हर नई चुनौती का सामना कर रहे हैं मगर उनकी व्यवहारिक परेशानियों के लिए सरकार कोई हल नहीं निकाल रही। तंग आकर उन्होंने जिले की प्रभारी मंत्री उपमुख्यमंत्री दीया सिंह को साफ कर दिया है कि यदि अजमेर डेयरी से जुड़ने वाले रास्तों को जल्द ही ठीक नहीं किया गया तो वह अजमेर डेयरी से उपभोक्ताओं को दूध पहुंचाना बन्द कर देंगे।
यह धमकी उन्होंने सोच समझ के दी है। तब दी है जब गत दिनों स्मार्ट सिटी अजमेर में पानी ने तबाही मचा दी थी और चौधरी जी की डेयरी चारों तरफ से टापू बन गई थी। शहर में दूध की सप्लाई पूरी तरह ठप्प होने के आसार बन गए थे । उस बुरे वक़्त में भी हमारे चौधरी साहब ने करिश्माई प्रयोग करते हुए सैकड़ो फीट की पाइप लाइन बिछा कर दूध की सप्लाई अनवरत जारी रखी। यह तिलस्मी रास्ता सिर्फ और सिर्फ कोई सिरफिरा जाट नेता ही निकाल सकता था सो हमारे चौधरी साहब ने निकाल लिया।
इसमें कोई दो राय नहीं कि यदि दूध का वितरण रुक जाता तो एक करोड़ रुपये का हर रोज किसानों को नुकसान हो जाता। हर रोज अजमेर डेयरी इस राशि का दूध संग्रहित करती है। यही नहीं पूरा जिला दूध के लिए त्राहिमाम त्राहिमाम कर उठता।
हमारे मास्टर रामचन्द्र चौधरी ने चुनौतियों की बारह बजाते हुए आज दिनांक तक दूध के लाले नहीं पड़ने दिए।
पर अब उन्होंने साफ कर दिया है उनकी डेयरी आज भी चारों तरफ से पानी में घिरी है। रास्ते सोच भी नहीं सकते उतने खराब पड़े हैं। सड़कों को सड़क कहो तो वे भी अपना अपमान समझें। अनीता भदेल जी की अधूरी पुलिया उनके कार्यकाल पर आँसू बहा रही है। पता नहीं किस दुर्भाग्यपूर्ण क्षणों में उसका नक़्शा बनाया गया था कि आज तक वह किसी महान विधायक के आने का इंतजार कर रही है। रेलवे फाटक सालों से बन्द कर दिए गए हैं। अंडर पास से बड़े वाहनों की तो क्या दो पहिया वाहनों की भी आवाजाही सम्भव नहीं। भरे हुए पानी से इस मार्ग ने भी नार्किक रूप ले रखा है। सुभाष नगर से आने वाले रास्ते भी डेयरी के लिए लाभदायक नहीं। कुल मिलाकर डेयरी टापू बनी हुई है।
यहाँ यह भी बताना चाहूँगा कि अजमेर डेयरी की नई ईमारत और उसका परिसर विश्वस्तरीय है। आपसे आग्रह है कि कभी डेयरी जाकर देखें। दावा है कि आप देख कर अंदाजा नहीं लगा पाएंगे कि यह डेयरी अजमेर में बनी हुई है या विदेश में। विश्व की सबसे घटिया स्मार्ट सिटी अजमेर में विश्व की सबसे स्मार्ट डेयरी अजमेर में है।
बावजूद इसके इस डेयरी को स्थानीय प्रशासन और नेतृत्व ने दो कौड़ी का बना कर रख दिया है।
चौधरी जी चुनाव हार गए वरना उनको किसी नेता को कुछ कहने की जरूरत ही नहीं पड़ती वह स्वयं ही अधिकारियों के होश ठिकाने ले आते। अब सांसद भागीरथ चौधरी और विधायक अनीता भदेल के पाले में डेयरी फुटबॉल बनी हुई है। दोनों ही नेता लम्बे समय से सत्ता में हैं और मंत्री पद से भी सुशोभित रहे हैं मगर डेयरी को लेकर उनकी उपलब्धि जीरो हैं।
हार कर चौधरी साहब ने अर्जुन वाला गांडीव हाथ में उठा लिया है। गांडीव शब्द ही ऐसा है कि सुनकर अच्छे भले की …तबियत ठीक हो जाए।
गांडीव भी चौधरी साहब ने उपमुख्यमंत्री दीया जी के समक्ष उठाया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि यदि रास्ते जल्द ही ठीक नहीं हुए तो वह दूध की सप्लाई रोक देंगे।
यद्धपि दीया जी ने अधिकारियों को स्पष्ठ निर्देश दे दिए हैं मगर पता नहीं क्यों मुझे यह लग रहा है कि मिट्टी के कट्टों से जियादा रास्तों में कुछ नया नहीं होगा। आप भी यहीं हैं चौधरी जी! डेयरी भी यहीं हैं! मन्त्री जी भी यहीं है! सड़कों की सुनवाई न कल हुई न आज होगी।
तो हे चौधरी अर्जुन! गांडीव तैयार रखो! जब तक वह नहीं उठेगा कुछ नहीं होगा।