अजमेर में दिन दहाड़े दो बहनों का अपहरण! अजमेर पुलिस ने कुछ ही घँटों में एक अपहरणकर्ता को दबोचा और महिलाओ को कराया मुक्त

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दिन दहाड़े घर में घुस कर दो बुजुर्ग महिलाओं का अपहरण करना जितना दुस्साहसी अपराध है उससे जियादा सराहनीय काम है पुलिस द्वारा बड़ी मुस्तैदी से अपहरणकर्ताओं में से एक को थोडी देर मे ही दबोच लेना। इनसे भी अधिक साहसी काम है उन अपह्रत महिलाओं द्वारा बहादुरी से अपहरणकतार्ओं से मुकाबला करना। यह किसी क्राइम फिल्म की हेड लाइन स्टोरी नहीं हकीकत है जो आज अजमेर शहर में वारदात के रूप में सामने आई। वारदात हुई सर्किट हाउस के पास आनासागर की उस चढ़ाई के पास जहाँ सामने नेवल आॅफिस है।

घाटी के किनारे बना हुआ है आलीशान लोकेशन पर एक मकान जिस पर एक जैन परिवार रहता है।यह सम्पत्ति जैन परिवार की पैतृक सम्पती है। परिवार का एक बड़ा पुत्र अनिल जैन अकाउंट विभाग का सर्वोच्च अघिकारी रहे हैं। उनकी ही दो छोटी अविवाहित बहनें हैं जिनका आज सुबह अपहरण कर लिया गया। इनमें से एक बहन प्रोफेसर और एक प्रिंसीपल की पोस्ट से रिटायर्ड हुई हैं।

आज सुबह जब वह घर पर थीं अचानक घर के बाहर एक कार आकर रुकी। छोटी बहन देखने के लिए बाहर निकली तो कुछ लोग उसे पकड़ने के लिए भागे। बहन घर के अंदर भागी तो लोग उसके पीछे घर मे चले आए। बड़ी बहन उसे बचाती इससे पहले आक्रमणकारियों ने उसे दबोच लिया और सीढ़ियों से घसीट कर कार तक ले गए। बड़ी बहन उसे बचाने गई तो उसको भी कार में डाल दिया। रास्ते भर दोनों बहनों को घूँसे और लातों से मारा जाता रहा। सतगुरू स्कूल के पास चाणक्य स्मारक पर एक युवक किसी मकान में गया और रिवाल्वर ले आया। कैंची उनके पास पहले से ही थी। एक युवक लाईटर से उनको जिन्दा जलाने की धमकियां दे रहा था।

अपहरणकर्ता बहनों से डरा धमका कर किसी कागज पर दस्तखत करवाना चाहते थे।

तभी कण्ट्रोल रूम और क्रिश्चियन गंज पुलिस तक अपहरण की सूचना पहुंच गई। खुले दिल से प्रशंसा करनी पड़ेगी कि पुलिस ने एक मिनट जाया किये बिना नाकाबंदी करके अपहरणकतार्ओं का पीछा करना शुरू कर दिया। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय तक अपहरण कतार्ओं को पता चल गया कि पुलिस उनके पीछे पड़ चुकी है। उन्होंने कार से दोनों बहनों को धक्का दे दिया।पुलिस ने आखिरकार एक व्यक्ति को पकड़ लिया जबकि अन्य फरार हो गए।

थाने पर लाने के बाद पता चला कि अपहरणकर्ता में प्रमुख आदिल शेख नाम का व्यक्ति है। बहनों की पैतृक सम्पत्ति पर उसकी बुरी नजर है। संपत्ति को लेकर अदालत में मुकदमा भी चल रहा है।

घटना की पूरी वारदात का खुलासा “बात आज की” चैनल पर लाईव किया गया है। पूरे मामले से जाहिर है कि अपहरणकर्ताओं का हौंसला इतना बेखौफ था कि उन्होंने दिन दहाड़े इस खतरनाक वारदात को सर अंजाम दे दिया। चलती रोड पर महिलाओं का अपहरण करने में उनको जरा सा भी भय नहीं लगा।

उधर महिलाओं की बात सुन कर लगा कि वह मार खाती रहीं मगर उन्होंने अपहरणकर्ताओं के आगे झुक कर सम्पत्ति के कागजों पर दस्तखत नहीं किए। थाने पर भी उन्होंने खुल कर सब अपराधियों के नाम लिए।

इस पूरे प्रकरण में क्रिश्चियन गंज पुलिस की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण और सराहनीय रही। यह तय है कि यदि अपहरणकर्ताओं को जरा और समय मिल जाता तो वह दोनों बहनों को मौत के घाट भी उतार सकते थे। उनका व्यवहार ही ऐसा था जैसे आज वो अन्तिम फैसला करके ही आए थे। थाना प्रभारी अरविंद चारण ने बड़ी सूझबूझ से दोनों बहनों की जान बचा ली। निश्चित रूप से वह सराहना के पात्र हैं।

इस पूरे मामले को आप हमारे चैनल “बात आज की” के ऊपर दिए लिंक के माध्यम से जान सकते हैं।

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