विधानसभा सीटें दो है, शहर तो एक ही है

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बाढ़ के हालात में भी एक साथ नहीं दिखे जनप्रतिनिधि

अजमेर शहर में दो विधानसभा सीटें हैं। कोई शहर दो भागों उत्तर-दक्षिण में नहीं बंटा है। पूरे शहर ने बरसात में नरक भोगा, लेकिन दोनों विधायक वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल ने कभी शहर का एक साथ दौरा और निरीक्षण नहीं किया। मेयर ब्रजलता हाडा को तो जैसे शहर से कोई मतलब ही नही है। विधायक तो फिर भी दो हैं, लेकिन मेयर तो पूरे शहर की एक ही हैं। शहरवासियों की दुख की घड़ी में वो लोगों के साथ नजर नहीं आई। चलो, अनिता भदेल से तो उनका छत्तीस का आंकड़ा है। लेकिन मेयर तो कभी विधानसभा अध्यक्ष देवनानी के साथ भी फील्ड में नहीं दिखी। जो दो बार अपने यानि उत्तर के बारिश से हुए हालात जानने निकले थे। सांसद भागीरथ चौधरी भी रात के समय बस कुछ घंटे के लिए अजमेर आए और फोटो खिंचवाकर चले गए।

क्या ही बेहतर होता कि बारिश से हुए नुकसान और लोगों की परेशानी जानने के लिए देवनानी और भदेल पूरे शहर का साथ निरीक्षण करते, तो ये संदेश जाता कि हमारे जनप्रतिनिधि केवल अपने इलाके के लिए नहीं,पूरे शहर के लिए चिंतित हैं। ऐसे हजारों लोग हैं,जिनका व्यवसाय या काम-धंधा दक्षिण में है लेकिन वह रहते उत्तर में है। ऐसे ही दक्षिण में बहुत से लोग रहते हैं,जिनकी दुकानें या व्यवसाय उत्तर में हैं। विधानसभा चुनाव हो तो उत्तर और दक्षिण से चुनाव लड़ने वाले अपने-अपने लिए वोट मांगते हैं,यह तो ठीक है। लेकिन उसके बाद वह शहर को क्यों बांटते हैं, सवाल ये हैं।

बारिश ने शहर को नहीं बांटा। उसने उत्तर और दक्षिण देखे बिना दोनों इलाकों में तबाही मचाई। दोनों क्षेत्रों के कॉलोनी और मौहल्लों में पानी भरा और कई-कई दिन लोग घरों में कैद रहे। लेकिन हमारे विधायकों ने बंटवारा नहीं भुलाया। राजनीतिक मतभेद जनहित पर भारी रहे। एट सप्ताह से ज्यादा शहर बाढ़ के हालात में रहा, लेकिन शहरवासी ऐसी कोई तस्वीर देखने को तरस गए, जिसमें जिम्मेदार नेता साथ नजर आएं।

इधर, नगर निगम ने तीन दिन बरसात नहीं आने के बाद जगह-जगह पानी उतरने को भी खुद का उपलब्धि बता कर श्रेय लेना शुरू कर दिया है। आज नगर निगम के फेसबुक पेज पर बॉडी नदी, आम का तालाब, पुरानी चौपाटी, मित्तल हॉस्पिटल के सामने, बजरंगगढ़ चौराहा, सूचना केंद्र-ब्रहमपुरी, आनासागर लिंक रोड पर पूर्व की स्थिति और वर्तमान स्थिति शीर्षक से बरसात के दौरान भरे पानी और अब आज कम या खत्म हो गए पानी की फोटो तुलना करते डाली है। लेकिन सवाल ये है कि इसमें निगम की उपलब्धि क्या है? फायसागर व आनासागर का पानी उतरने के बाद इन इलाकों का पानी भी उतर गया। अभघ भी अगर एक दो तेज बरसात और आ जाए, तो इन इलाकों की स्थिति वापस पहले जैसी हो जाएगी।

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