कांग्रेस शासन में तो गहलोत सरकार का पांच वर्ष तक बैंड बजता रहा
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने 12 सितंबर को कहा है कि भाजपा की भजन सरकार में अफसरशाही हावी है। विधायकों और मंत्रियों तक की कोई नहीं सुन रहा। कृषि और आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ी लाल मीणा पिछले ढाई माह से अपने इस्तीफे की पुंपाड़ी बजाते फिर रहे है। यहां यह उल्लेखनीय है कि पुंपाड़ी राजस्थान का एक वाद्य यंत्र है।
लकड़ी से बनी पुंपाड़ी में फूंक मारने पर ऊंची आवाज निकलती है। डोटासरा विपक्ष में रहते भले ही भाजपा सरकार पर पुंपाड़ी बजाने का आरोप लगाए, लेकिन डोटासरा को यह समझना चाहिए कि कांग्रेस सरकार में पूरे पांच वर्ष अशोक गहलोत सरकार का बैंड बजता रहा। दिसंबर 2018 में मुख्यमंत्री बनने के समय ही बैंड बजना शुरू हो गया । डेढ़ वर्ष बाद ही डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने 18 विधायकों के साथ दिल्ली में एक माह तक बैंड बजाया। इधर जयपुर में खद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर और जैसलमेर की होटलों में नगाड़े बजाते रहे।
डोटासरा को यह भी पता होना चाहिए कि वे जब शिक्षा मंत्री थे, तब शिक्षकों ने हाथ उठाकर कहा था कि तबादलों के लिए रिश्वत देनी पड़ती है। शिक्षकों ने यह बात मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कही, तब डोटासरा को अपना बैंड बजने की आवाज सुनाई दी होगी। इतना ही नहीं कांग्रेस के विधायक भरत सिंह ने अपनी ही सरकार के खनिज मंत्री प्रमोद जैन को सबसे भ्रष्ट मंत्री कहा।
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बीच हुआ युद्ध तो जगजाहिर है। डोटासरा को भाजपा की भजन सरकार में अफरशाही हावी होती नजर आ रही है, जबकि कांग्रेस सरकार के खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मंत्रियों के अधिकार भी अपने प्रमुख सचिव कुलदीप रांका को दे देने चाहिए। चांदना का आरोप था कि अशोक गहलोत मंत्रियों के बजाए कुलदीप रांका की बात को सही मानते हैं। इतना ही नहीं मंत्री खाचरियावास ने तो आईएएस की एसीआर भरने का अधिकार मंत्रियों को देने की मांग की ताकि अफसर शाही नियंत्रण में रह सके।
डोटासरा को यह भी पता होना चाहिए कि 25 सितंबर 2022 को गहलोत सरकार का बैंड भी बजा था। तब 90 विधायकों ने राष्ट्रीय नेतृत्व के खिलाफ खुली बगावत की थी। यह बगावत सीएम गहलोत के समर्थन में हुई थी। डोटासरा को यह भी पता होगा कि वे सचिन पायलट की बगावत की वजह से ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने हुए हैं। यदि अगस्त 2019 में सचिन पायलट दिल्ली जाकर गहलोत सरकार का बैंड नहीं बजाते तो डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष बनने का मौका भी नहीं मिलता।