10 सितंबर को भजन गायक कन्हैया मित्तल ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि वे कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे। वे पहले की तरह राम भक्त बनकर सनातन धर्म को मजबूत करने का काम करते रहेंगे। मित्तल ने यह भी स्वीकार किया कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व उन्हें बहुत प्यार करता है। यानी कन्हैया मित्तल अब राम भक्त ही बने रहेंगे।
मालूम हो कि 8 सितंबर को कन्हैया मित्तल ने कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की थी। तब मित्तल का कहना रहा कि उन्होंने भाजपा की सदस्यता नहीं ली। तब यह बात सामने आई कि हरियाणा के पंचकूला से भाजपा उम्मीदवार न बनाए जाने के कारण कन्हैया मित्तल कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे, के भजन से कन्हैया मित्तल को देश भर में लोकप्रियता मिली थी।
भाजपा ने कन्हैया के इस भजन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ा एक वीडियो भी जारी किया। कन्हैया ने भले ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण न की हो, लेकिन उनके भजन सनातन धर्म से जुड़े हुए थे, जिसका फायदा भाजपा को मिला। यही वजह रही कि जब कन्हैया ने कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की तो भाजपा ने भी आत्म मंथन किया। भाजपा को भी लगा कि हरियाणा चुनाव में यदि कन्हैया मित्तल जैसा राम भक्त कांग्रेस में शामिल होगा तो इसका नुकसान भाजपा को होगा।
भाजपा के बड़े नेताओं ने कन्हैया से संवाद किया और उनकी राम भक्ति की प्रशंसा की। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से संवाद के बाद ही कन्हैया मित्तल ने राम भक्त बने रहने का निर्णय किया। कन्हैया मित्तल माने या नहीं, लेकिन कांग्रेस में शामिल होने के बाद वे सनातन धर्म को मजबूत नहीं कर सकते थे। क्योंकि कांग्रेस का गठबंधन उस डीएमके के साथ है, जो सनातन धर्म को नष्ट करने की सोच रखता है।