जिस घर में सुख शांति है, वही स्वर्ग के समान है
प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अजमेर के कायस्थ मोहल्ला स्थित गुलाब प्रांगण में गणेश उत्सव के दौरान लंबोदर राजा का भव्य दरबार सजा है। 9 सितंबर की शाम को इस दरबार में आयोजित महाआरती में भाग लेने का अवसर मुझे भी मिला। लंबोदर राजा दरबार की प्रबंध समिति की ओर से सम्मान भी किया गया और प्रमुख आयोजक कमल पंवार ने बताया कि मैंने अब तक 11 हजार से भी ज्यादा ब्लॉग लिख दिए हैं।
लंबोदर राजा के दरबार में सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में सम्मानित होना मेरे लिए गर्व की बात रही। मुझे बताया गया कि दरबार में 9 सितंबर को प्रसाद की व्यवस्था भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर बीपी सारस्वत के परिवार की ओर से की गई। महाआरती में सारस्वत का पूरा परिवार मौजूद रहा। बताया गया कि इसी लंबोदर राजा के दरबार में प्रो. सारस्वत ने पौत्र प्राप्ति की मन्नत मांगी थी, जो पूरी हुई।
इस अवसर पर मेरा कहना रहा कि भारत की सनातन संस्कृति में गणेश जी को सुख और शांति का प्रतीक माना गया है। इसलिए गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। घर परिवार में जब कोई शुभ कार्य होता है तो सबसे पहले गणेश जी को आमंत्रित किया जाता है। इसे सनातन धर्म की खूबसूरती ही कहा जाएगा कि निमंत्रण के बाद यह विश्वास हो जाता है कि गणेशजी स्वयं विराजित हो गए हैं। गणेश जी के आ जाने के बाद मंगल कार्य में कोई विघ्न नहीं होता है। जिस घर में सुख शांति है वहीं स्वर्ग के समान है। यदि सुख शांति नहीं है तो फिर घर में रखा करोड़ों रुपया भी बेकार है।
समारोह में बीके कौल नगर वीर बाल हनुमान मंदिर के उपासक भूपेश सांखला आदि का भी सम्मान किया गया। गत 17 वर्षों से हो रहे इस धार्मिक समारोह को सफल बनाने में उत्तम चंद पंवार, टीकम चंद सोनगरा, कमल वर्मा, प्रकाश ओझा, दीनदयाल शर्मा, अजय सोनगरा, हरी सिंह पंवार, अजय चौहान, प्रदीप अग्रवाल, हिमांशु सोनी, अशोक सोनगरा आदि की सक्रिय भूमिका रहती है। कार्यक्रम के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9414005477 पर कमल पंवार से ली जा सकती है।