जयपुर। राजस्थान बीजेपी में क्या सब ठीक चल रहा है? खासकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बीच। राजे की ओर से मंगलवार को बिना नाम लिए किए गए कटाक्ष के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं। राजे ने कह दिया था कि कुछ लोग पीतल की लौंग मिलने पर भी खुद को सर्राफ समझने लगते हैं। चाहत बेशक आसमां छूने की रखो, लेकिन पांव हमेशा जमीं पर रखो।
सीएम भजनलाल शर्मा के सामने राजस्थान की पूर्व सीएम वसुधरा राजे द्वारा ऐसी बाते कहे जाने से अफवाहों को फिर से हवा मिल गई है कि राजस्थान बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। वसुंधरा ने यहां बिड़ला सभागार में सिक्किम के नवनियुक्त राज्यपाल ओमप्रकाश माथुर के नागरिक अभिनन्दन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इशारों ही इशारों में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर निशाना साधा। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि- कई लोगों को पीतल की लौंग क्या मिल जाती है, वो अपने आप को सर्राफ समझ बैठते हैं। बड़ी बात ये भी है कि वसुंधरा राजे ने अपने इस बयान को खुद आॅफिशियल एक्स हैंडल पर शेयर किया है। इससे पहले राजे कुछ दिन पहले उदयपुर में एक कार्यक्रम में भी बीजेपी नेताओं को नसीहत देते दिखी थीं।
वसुंधरा राजे ने कहा, आज जो हॉल भरा है, इसी वजह से क्योंकि आपने अपने पैरों को धरातल में रखने का काम किया है और ये असंख्य लोग और बहुत सारे लोग बैठे हुए हैं, वो इसी की वजह से बैठे हुए हैं। नहीं तो क्या होता है। भाईसाहब ऐसे लोग बहुत सारे हैं, ऐसे लोग बहुत सारे हैं। पीतल की लौंग मिल जाती है तो खुद को सर्राफ मानने लगते हैं। इन बातों से आपको सीख लेनी चाहिए और मैं आज ये कहना चाहूंगी कि चाहत बेशक आसमां छूने की रखो। चाहत बेशक आसमां छूने की रखो, लेकिन पांव हमेशा धरती पर रखो। ये सबसे अच्छी बात है भाई साहब।
वसुंधरा राजे के बयान को उनके राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधने के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, वसुंधरा राजे पिछले एक महीने से सक्रिय हैं और अपने समर्थकों के साथ लगातार बैठक कर रही हैं। करीब 15 दिन पहले निर्दलीय विधायकों की बैठक हुई थी, जिसके पीछे वसुंधरा राजे का हाथ बताया गया था। समर्थक विधायकों को मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराजगी को इसकी वजह बताया जा रहा है। एक विधायक मंत्री बने, लेकिन अहम विभाग नहीं मिला। समर्थकों ने पार्टी हाईकमान पर किनारे करने का आरोप लगाया है। ऐसा कर वसुंधरा राजे फिर पार्टी नेतृत्व को ताकत दिखाना चाहती हैं।
हालांकि कार्यक्रम में मौजूद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देखने को मिला। उन्होंने केवल ओम माथुर के साथ बिताए यादगार पलों को साझा करते हुए उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और विश्वास व्यक्त किया कि सिक्किम के राज्यपाल के रूप में माथुर अपने संवैधानिक दायित्वों का बखूबी निर्वहन करते हुए जनसेवा के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी व डॉ। प्रेमचन्द बैरवा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी भी मौजूद थे।