सेबी: जब कपूत खुद के घर हों तो दूसरों के बेटों को सलाह नहीं देनी चाहिए

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सरकारी वेब डोमेन से स्टॉक मार्केट में टिप बांटी जा रही है |

फाइनेंसियल इन्फ्लुएंसर पर यदा कदा नियम बना कर वाही वाही लूटने वाली सेबी को खुद के कपूतों की हरकतें नहीं दिखी | यह अनोखा माजरा पकड़ा है स्टॉक टुडे के विवेक शर्मा ने | सरकारी वेब डोमेन ही से स्टॉक मार्केट में टिप बांटी जा रही है | वर्तमान में भारतीय स्टॉक मार्केट में जम कर सट्टा चल रहा है | खुद सरकार के वरिष्ठ अफसर अपने सर को खुजा रहे हैं | हिंडेनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट निकाली सही थी या गलत थी पता नहीं लेकिन वो मामला रफा दफा कर दिया गया |
अब आप नई करतूत सुनिए | भारत में सरकारी डोमेन्स .gov से अंत होते हैं | हमारे चतुर सुजान लोगों ने इसमें भी जनता की जेब काटने का रास्ता निकाल लिया | क्योंकि आम जनता सरकारी डोमेन पर लिखे हर वाक्य को भारत सरकार का आदेश मानती है| लेकिन जब बाड़ ही फसल खाने लगे तो बेचारी आम जनता क्या करे ? यों तो दुनिया को दिखाने के लिए दुनिया भर के नियम कायदे बना दिए जाते हैं | लेकिन जब कपूत खुद के घर हों तो दूसरों के बेटों को सलाह नहीं देनी चाहिए जग हंसाई ही होती हैं |

तो मामला है दुनिया भर का ज्ञान बाँटने वाली सेबी का | आज कल बड़े जोश में है | फाइनेंसियल इन्फ्लुएंसर को यह करना चाहिए वो करना चाहिए | छह बाय छह के केबिन में बैठ कर नियम बनाये जाते हैं | जिनका धरातल से कोई लेना देना ही नहीं है |

हुवा यूँ की 2014 में भारत सरकार ने नया प्रयोग किया दुनिया को योग सिखाने का जिम्मां उठाया | पुराने ज्ञान पॉलिश कर के बाज़ार के हवाले कर दिया | अब इसमें खुराफात यह हुयी की इनके आयुष मंत्रालय के डोमेन जो की gov.in से अंत होता है | उसी में इनके ही स्टाफ ने सब डोमेन बनाकर स्टॉक मार्किट की टिप देनी शुरू कर दी |

अब बेचारी आम जनता उसे तो तकनीक का पता ही नहीं है | वो तो यह मानकर चल रही है की सरकार ही सुजलॉन को बढ़ावा दे रही है | हमारी जनता को इंग्लिश में कुछ बोल दो तो आकाश वाणी ही मान लेती है | जैसे साक्षात् भगवान् ने आकाश वाणी की हो | आजादी के 77 साल बीत गए अंग्रेजों की गुलामी की मानसिकता दिमाग से गयी नहीं |

इतना तो इन्हें कभी पनपने दिया नहीं की यह सवाल कर सकें | अब इस खुराफात में सटोरियों ने कितने लोगों को लुटा होगा या तो पता नहीं पर आजकल आयुष मंत्रालय स्टॉक योगा कर रहा है वो भी खुल्लेआम | सेबी यह वो दांत टुटा हुवा शेर है जो सो रहा है | कमाल है सेबी जिसका असली काम ही इन्वेस्टर्स के हितों की रक्षा करना है वो इतना व्यर्थ कैसे हो सकता है ? क्या सेबी फिर किसी लेहमान बैंक्स जैसी घटना का इंतजार करेगा  ?

अगर भारत सरकार के जिम्मेदार अधिकारी इसे पढ़ रहें हैं तो इस गन्दगी को साफ़ करवाएं यह आपकी ही इज्जत खराब कर रही हैं | सरकारी डोमेन से स्टॉक मार्किट की टिप कैसे दे सकते हैं आप ? और अगर आप दे सकते हैं तो टेलीग्राम के जरिए सटोरिये जो जनता को लूट रहे हैं उस पर भी आपको बोलने का कोई हक नहीं हैं | किसी फाइनैंशल इन्फ्लूसर पर नियम बनाने का कोई अधिकार नहीं है आपको |  पहले अपने कपूतों को सही करें फिर किसी को सलाह दें |

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