राजस्थान लोक सेवा आयोग सदस्य रहे रामू राम रायका के बेटे-बेटी थानेदार बने
कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने अपनी ही बेटे को हाईकोर्ट में सरकारी वकील बना दिया
यानी भेड़ पर से ऊन कोई नहीं छोड़ना चाहता
31 अगस्त को राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार उपमन ने सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति अतिरिक्त महाधिवक्ता पदमेश मिश्रा को चुनौती देने वाली याचिका पर राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर दिए है। वरिष्ठ वकील सुनील समदरिया ने याचिका में कहा है कि राजस्थान सरकार ने लिटिगेशन पॉलिसी में अचानक बदलाव कर सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता की नियुक्ति की है। पूर्व में इस पद के लिए दस वर्ष की वकालत का अनुभव जरूरी रखा गया, लेकिन 22 अगस्त 2024 को सकुर्लेशन के जरिए मंत्रिमंडल का निर्णय लेकर 10 वर्ष के अनुभव को घटाकर पांच वर्ष कर दिया। और अगले ही दिन 23 अगस्त को पदमेश मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार का अति. महाधिवक्ता नियुक्त कर दिया।
मिश्रा को वकालात का अनुभव पांच वर्ष का ही हे। यहां यह उल्लेखनीय है कि पदमेश मिश्रा के पिता मनोज कुमार मिश्रा सुप्रीम कोर्ट के जज हे। सवाल उठता है कि क्या पदमेश मिश्रा को लाभ पहुंचाने के लिए लिटिगेशन पॉलिसी में बदलाव किया गया? आमतौर पर ऐसे महत्वपूर्ण फैसले मंत्रिमंडल की बैठक में होते हैं, लेकिन लिटिगेशन पॉलिसी में बदलाव का फैसला सक्यूर्लेशन पद्धति से करवा लिया गया। यानी सरकार ने मंत्रियों के हस्ताक्षर घर घर जाकर करवाए।
सदस्य के बेटे बेटी थानेदार बने:
पिछली कांग्रेस सरकार में नियुक्त राम राम रायका जब राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य ने तब उनके बेटे देवेश और बेटी शोभा ने भी पुलिस उपनिरीक्षक की लिखित परीक्षा दी। बाद में दोनों का चयन हो गया। 31 अगस्त को एसओजी ने रायका के बेटे देवेश, बेटी शोभा सहित पांच चयनित अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया। इन पांचों की गिरफ्तारी एसआई भर्ती परीक्षा पेपर लीक के प्रकरण में हुई। आरोप है कि इन अभ्यर्थियों के पास परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र पहुंच गया था। बेटे बेटी की गिरफ्तारी पर कांग्रेस शासन में नियुक्त रामू राम रायका स्वयं को निर्दोष बता रहे है।
रायका का कहना है कि मेरे बेटे बेटी ने योग्यता के आधार पर लिखित परीक्षा उत्तीर्ण की थी। यह बात अलग है कि आयोग से सेवानिवृत्त होने के बाद रायका ने अपने समाज की एक बैठक में कहा था कि मैंने आयोग में रहते हुए इंटरव्यू के दौरान समाज के युवाओं को आगे बढ़ाया। रामू राम ने रायका जाति के कितने युवाओं को आगे बढ़ाया यह तो पता नहीं, लेकिन एसओजी ने उनके बेटे बेटी को अब गिरफ्तार कर लिया है।
पुत्र को बना दिया सरकारी वकील:
राजस्थान की भाजपा सरकार में जोगाराम पटेल कानून मंत्री है। पटेल ने अपने ही पुत्र मनी पटेल को राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ में सरकार का अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त कर दिया। जब विपक्ष ने इस मामले को विधानसभा में उठाया तो मंत्री जी को अपने पुत्र से इस्तीफा दिलवाना पड़ा।
ऊन कोई नहीं छोड़ना चाहता:
राज भाजपा का हो या कांग्रेस का। कोई भी प्रभावशाली व्यक्ति भेड़ पर से ऊन नहीं छोड़ना चाहता है। राजस्थान में परंपरा है कि पशु पालक भेड़ के शरीर पर उगे बाल (ऊन) को बेचकर अपना जीवन यापन करते हैं। इसी परंपरा को सत्ता में बैठे लोग भी निभा रहे हैं। जब किसी प्रभावशाली व्यक्ति के कब्जे में भेड़ आती है तो भेड़ पर उगे सभी बाल उखाड़ लिए जाते हैं। कोई भी व्यक्ति भेड़ पर से बाल नहीं छोड़ना चाहता।