गद्दार, धोखेबाज और निकम्मा बताए जाने पर भी सचिन पायलट ने तीखी प्रतिक्रिया नहीं दी तो अब भाजपा के प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल के कथन का क्या बुरा मानेंगे?

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राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने 28 अगस्त को जयपुर के निकट दांतली में राव बादा मूर्ति की स्थापना के बाद पत्रकारों से कहा कि वे भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल के बयानों का बुरा नहीं मान रहे। राजस्थान में अतिथि देवो भव: की परंपरा रही है। उन्होंने हमेशा भाषा पर संयम रखा है। किसी ने कुछ भी आरोप लगाए हो, लेकिन उन्होंने शालीनता से ही जवाब दिया है।

राधा मोहन अग्रवाल को भी विधानसभा के आगामी 6 उपचुनावों में जवाब मिल जाएगा। 28 अगस्त को पायलट ने एक सूझबूझ वाली राजनीति का परिचय दिया। पायलट चाहते तो अग्रवाल को उन्हीं की भाषा में जवाब भी दे सकते थे, लेकिन इसके उलट पायलट ने अपने समर्थकों से भी कहा कि वह राधा मोहन अग्रवाल का विरोध न करें। मालूम हो कि पायलट पर दिए गए बयान के बाद अग्रवाल का प्रदेश भर में कांग्रेस के कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। यहां तक कि अग्रवाल की कार को रोक कर स्याही फेंकी जा रही है।

यह सही है कि पायलट ने हमेशा धैर्य और संयम से काम लिया है। 2020 में जब सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली चले गए थे, तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट को धोखेबाज, गदर और निकम्मा नेता बताया था। तब भी पायलट ने कहा कि अशोक गहलोत उनके पिता के समान है, इसलिए वे जवाब देना नहीं चाहते। पायलट ने गालियां सुनने के बाद भी जो संयम और धैर्य रखा उसी का परिणाम है कि आज सचिन पायलट कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर के नेता है और अशोक गहलोत अब जयपुर में सरकारी बंगले में रहकर सिर्फ अखबारों में बयानकारी कर रहे है।

गहलोत न तो राजस्थान और न कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय है। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने गहलोत को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दे रखी है। गहलोत के समर्थकों का कहना है कि बीमारी के कारण अशोक गहलो जयपुर के आवास पर ही है, लेकिन सब जानते हैं कि गहलोत कोरोना काल में चार बार संक्रमित हुए और एक बार उनके हार्ट की एंजियोप्लास्टी भी हुई है। तब भी गहलोत ने सरकारी आवास से ही मुख्यमंत्री पद के दायित्व को निभाया। यहां तक कि व्हील चेयर पर बेठ कर भ प्रदेश के दौरे किए। यानी गंभीर से गंभीर बीमारी में भी अशोक गहलोत ने राजनीति में सक्रिय रहे। ऐसे में अब उनकी बीमारी और जयपुर में रहने पर सवाल उठ रहे हैं।

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