तो क्या पंजाब के किसानों से भी खतरनाक है बंगाल के छात्र?

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रेप मर्डर का विरोध करने वालों पर आखिर इतनी क्रूरता क्यों दिखा रही है मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
पहली बार भाजपा, कांग्रेस और वामदल एक साथ आए। जसवंत दारा का सटीक कार्टून

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी लेडी डाक्टर के साथ रेप और मर्डर की घटना के विरोध में 27 अगस्त को भाजपा की ओर से पश्चिम बंगाल बंद करवाया गया। बंद को विफल करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। सरकारी दफ्तरों में उपस्थिति को अनिवार्य किया गया। प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज करने और आंसू गैस के गोले छोडन्Þो की खुली छूट पुलिस को दी गई। लेकिन बंद को आम लोगों का सहयोग मिला, इसलिए बंद सफल रहा। इससे पहले 27 अगस्त को कोलकाता में छात्रों ने सचिवालय चलो मार्च निकाला।

छात्रों के इस मार्च को रोकने के लिए सचिवालय से दो किलोमीटर पहले तीन लेयर सुरक्षा चक्र बनाया गया। यहां तक कि सड़कों पर कंटेनर तक खड़े किए गए। पुलिस ने पहले बल्लियों से अवरोध खड़े किए और फिर लोहे के पाइप लगाए। निर्माण कार्यो में काम आने वाले पाइपों को सड़क पर सीमेंट कंकरीट से गाड़ा गया ताकि कोई हिला न सके। छात्र जब तीन लेयर वाले सुरक्षा चक्र पर आए तो लाठी चार्ज के साथ आंसू गैस के गोले छोड़े गए।

यह तब हुआ जब छात्र निहत्थे थे। यानी किसी भी छात्र के पास लकड़ी तक नहीं थी। लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने प्रदेश के छात्रों को पंजाब के किसानों से भी ज्यादा खतरनाक समझा। पंजाब के किसानों को रोकने के लिए सिंधु बार्डर पर हरियाणा सरकार ने जो सुरक्षा दीवार खड़ी की उसे भी ज्यादा ममता बनर्जी ने अपने सचिवालय के लिए की। यह बात अलग है कि पंजाब के किसान अपने साथ ट्रेक्टर और जेसीबी जैसे उपकरण लेकिर आए थे। आज भी हरियाणा सरकार ने पंजाब के किसानों को सिंधु बार्ड पर ही रोक रखा है।

सवाल उठता है कि आखिर ममता बनर्जी छात्रों के प्रति इतनी क्रूरता क्यों दिखा रही है? क्या छात्रों को ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की वारदात का विरोध करने का अधिकार नहीं है? जबकि ममता की राजनीति तो आंदोलन से ही शुय हुई थी। ममता के आंदोलन से ही पश्चिम बंगाल में वामदलों की सत्ता को हटाया जा सका। लेकिन आज वही ममता बनर्जी चाहती है कि रेप और मर्डर जैसी वारदातों का भी विरोध न हो। लेकिन इस बार मता बनर्जी के सामने सबसे बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। कांग्रेस भले ही ममता की टीएमसी को इंडिया गठबंधन का सदस्य मानती हो, लेकिन पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी लगातार ममता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।

अधीन रंजन ममता सरकार के हर विरोध में सहयोग कर रहे हैं। राज्यपाल सीबी आनंद बोस की तरह अधीर रंजन चौधर ने भी माना है कि बंगाल में गुंडाराज है और महिलाएं सुरक्षित नहीं है। कांग्रसे के साथ साथ भाजपा और वामदल भी ममता सरकार के खिलाफ सड़कों पर है। कहा जा सकता है कि इस बार ममता सरकार को कांग्रेस, भाजपा और वामदलों से एक साथ चुनौती मिल रही है। यही वजह है कि ममता बनर्जी इन दिनों बौखलाई हुई है।

सटीक काटूर्न:
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की दमनकारी नीतियों को लेकर कार्टूनिस्ट जसवंत दारा ने सटीक कार्टून बनाया है। ताजा आंदोलन के संदर्भ में बनाए गए कार्टून को मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog  पर देखा जा सकता है। इस कार्टून के लिए मोबाइल नंबर 9828054045 पर जसवंत दारा को शाब्बाशी दी जा सकती है।

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