भारत में सबसे बड़ी बीमारी है गैस्ट्रिक ट्रबल।शायद ही कोई भारतीय हो जिसे गैस बनने की बीमारी न हो।अजमेर में यह बीमारी सर्वहारा है।सियासती लोगों में तो अनावश्यक रूप से चलते रास्ते गैस बन जाती है।बिना कुछ खाये पिए, हाज़मा ख़राब हो जाता है।अब देखिए कल ही हमने अपने टी वी चैनल “बात आज की” के नए स्टूडियो का उद्घाटन समारोह रखा।विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के करकमलों से उद्घाटन हुआ और शहर के कुछ राजनेताओं के पेट में रासायनिक उथल पुथल होने लग गई।विभिन्न प्रकार की गैसों का उत्सर्जन होने लगा।
कारण तलाशा तो सियासती “अहम” और “वहम” ही समझ में आ सका।दरअस्ल पिछले विधानसभा चुनावों के बाद अजमेर उत्तर और दक्षिण के हिस्सों में द्वंद्व मच गया।एक समय था जब उत्तर और दक्षिण दोनों के ही नेता मंत्री थे।इस बार मंत्रियों की बाढ़ आ गई।केन्द्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी ही नहीं राज्य के मंत्री भी अजमेर के हो गए।अजमेर उत्तर से विधानसभा अध्यक्ष पद पर देवनानी जी सुशोभित हुए और पुष्कर नरेश सुरेश रावत को कैबिनेट मंत्री बना दिया गया।ओंकार सिंह लखावत ,ओम भड़ाना भी राज्य स्तर का दर्ज़ा पा गए ।
इधर बहन अनीता भदेल पांचवी बार विधायक बनी तो पूरे अजमेर को उनके मंत्री बनने की उम्मीद थी।उनको भी होगी मगर दुर्भाग्य से उनको कोई पद नहीं दिया गया।यही नहीं टी वी चैनल्स में उनके उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की ख़बर तक प्रसारित हो गई।ज़ाहिर है कि इस बात से बहन अनीता भदेल को बहुत कष्ट पहुंचा होगा।पूरा अजमेर उनके लिए आज भी दुआ करता है कि वह मंत्री बने।मुझे यक़ीन भी है कि शीघ्र ही जब मंत्री मंडल में विस्तार होगा उनको सम्मानीय पद मिलेगा।
मगर दूसरी तरफ इसमें भी कोई दो राय नहीं कि आज की तारीख़ में अजमेर ज़िले की विकास यात्रा में वासुदेव देवनानी और सुरेश रावत ही सर्वोपरि भूमिका अदा कर रहे हैं।ऐसे में पता नहीं क्यों कुछ सियासती लोग कुंठाओं के दौर से गुज़र रहे हैं।अनावश्यक रूप से अजमेर उत्तर दक्षिण में अजमेर के विकास को बाँटा जा रहा है।मिलकर विकास करने की बात की जाए तो अजमेर के लिए ये पाँच साल ऐतिहासिक हो सकते हैं।
पिछले दिनों से अजमेर उत्तर दक्षिण की खाई तेज़ी से बढ़ती जा रही है।इसके चलते कुछ सियासती बदलाव भी चर्चाओं में हैं।जो कल तक देवनानी के दिल की धड़कन समझे जाते थे और जिनका क़द बढ़ाने में देवनानी ने कृष्ण नीति का कोई पैंतरा बाक़ी नहीं रखा वह नेता भी अपने दल बल सहित अजमेर उत्तर की गर्व गीता का पाठन कर रहे हैं।
मज़ेदार बात दक्षिण में भी यही है।अजमेर दक्षिण की फ़ौज़ में भी तेज़ी से बदलाव हो रहा है।विरोधियों का बहुत बड़ा हिस्सा उनके समर्थन में खड़ा हो गया है।
यही वजह है कि हमारे चैनल के उद्धघाटन के बाद तेज़ी से सियासती समीकरण बदले।ऐसा कहा गया कि बात “आज की चैनल” देवनानी जी की गोद में बैठ गया है।ग़लत फ़हमी की इस गैस का हमारे पास कोई इलाज़ नहीं।अजमेर उत्तर और दक्षिण का बंटवारा सियासती नेताओं के दिमाग़ की उपज हो सकता है हम इस बंटवारे के सख़्त ख़िलाफ़ हैं।
तो चलिए ज़रा विषय को नया मोड़ दिया जाए।कल देवनानी जी हमारे कार्यालय पधारे।उन्होंने मुझे निजी तौर पर प्रभावित किया।बहुत सी बातें उन्होंने वार्ता के दौरान कही।
स्टूडियो के उद्धघाटन की रस्म अदा करते हुए उन्होंने फीते में लगी गाँठ को देखकर प्रसन्नता ज़ाहिर की।कहा “यदि फीता काटने को कहा जाता तो मैं नहीं काटता।मैं काटने में विश्वास नहीं करता गिरह खोलने में यक़ीन करता हूँ।”
ज़ाहिर है कि उनका आशय वर्तमान सियासती बंटवारे को लेकर ही रहा होगा।उनसे छिटक कर जाने वाले लोगों के लिए यह सीधी सूचना थी।पिछले दिनों जब उनपर सोसियल मीडिया पर एक नेता विशेष द्वारा सीधे हमले किए जा रहे थे तब भी देवनानी ख़ामोश थे।साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि मैं अजमेर के विकास के लिए उर्ज्या लगाना चाहता हूँ।प्रतिक्रियाओं में नहीं।यही नहीं उन्होंने इंटरव्यू में मेरे सवाल के जवाब में कैमरे पर कहा कि अजमेर चुनाव की दृष्टि से भले ही उत्तर दक्षिण भाग हो मगर चुनाव के बाद एक है।दोनों विधायक एक पार्टी और एक उद्देश्य के लिए हैं।यही वज़ह है कि वह बहन अनीता को यक़ीन दिलाते हैं कि विकास रथ पर वह उनको भी साथ लेकर चलेंगे।अजमेर का विकास टीम भावना से ही सम्भव है।
हो सकता है उनकी बात की प्रतिक्रिया में कुछ लोग कई आक्रामक टिप्पणियां करें मगर मेरा मानना यह है कि विरोधी चाहें भी तो देवनानी जी का क़द छोटा नहीं कर सकते।अजमेर के विकास का ताला फ़िलहाल तो देवनानी जी की चाबी से ही खुल रहा है।जनता!प्रशासन और विपक्षी पार्टी के लोग भी यह जानते हैं।
यहाँ आपको एक और मनोवैज्ञानिक रहस्य बता दूं कि देवनानी जी दोस्ती और दुश्मनी कोई अधूरी नहीं छोड़ते।गाँठ खोलने में यक़ीन रखने वाले देवनानी जी के बारे में उनके दोस्त दुश्मन सब जानते हैं कि वह राम राज्य चाहते है मगर कृष्ण नीति से।
कल जब उद्धघाटन के अवसर पर उनसे समोसे खाने को कहा तो उन्होंने बारीक़ कतरते हुए कहा।वह तली हुई चीज़ नहीं खाते न तल कर खाने में यक़ीन रखते हैं।ज़ाहिर है उनको कोई तले तो….
देवनानी जी !इस समय अजमेर की ज़रूरत हैं और उनकी कार्य निपुणता से ही शहर का विकास हो सकता है।इसके अलावा यदि कोई और सोच रखता हो तो मुझे उससे भी कोई आपत्ती नहीं।विवाद के नाम पर विवाद करने वालों से मेरा कोई विवाद नहीं।मैं जानता हूँ कि एक पक्षी ऐसा भी होता है जिसे दिन में दिखाई नहीं देता।आज इतना ही ।धन्यवाद।