सैलरी भी जबरदस्त, ऐसे लगाएं पता
नई दिल्ली। पहले नौकरी ढूंढने का फंडा सिंपल हुआ करता था। लोग अपने रेफरेंस का इस्तेमाल करते थे या अखबार में भर्ती से जुड़े नोटिफिकेशन चेक करते थे या विभिन्न कंपनियों के आॅफिस में जाकर अपना रिज्यूमे जमा कर आते थे। लेकिन टेक्नोलॉजी में बदलाव के साथ नौकरी ढूंढने का तरीका भी बदल गया। इन दिनों लोग लिंक्डइन या अन्य जॉब सर्च पोर्टल्स के जरिए नौकरी ढूंढते हैं। सोशल मीडिया कनेक्शंस के जरिए भी नौकरी आसानी से मिल जाती है।
यह तो सभी जानते हैं कि सोशल मीडिया पर दिख रहा हर तरह का कंटेंट असली नहीं है। जहां चेहरों पर फिल्टर लगे हैं, वहीं जानकारी भी अधूरी दी जा रही है। इसी वजह से आनलाइन स्कैम में भारी इजाफा होने लगा है। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि अब नौकरी के आफर भी नकली दिए जा रहे हैं? यानी जॉब्स के मामले में भी स्कैम होना बहुत सामान्य बात है। असली और नकली जॉब आफर की पहचान कैसे करें?
नौकरी का लालच है तगड़ा
लोगों में पार्ट टाइम और फुल टाइम जॉब का इतना लालच है कि वह बिना जांच-परख किए कहीं भी आवेदन कर देते हैं। जिनके पास नौकरी है, वह कुछ एक्सट्रा की चाहत में किसी भी लिंक पर क्लिक करके आनलाइन स्कैम का शिकार बन जाते हैं। वहीं, जिनके पास नौकरी नहीं है, वह थोड़ी सी भी सैलरी की उम्मीद में आनलाइन जॉब स्कैम को असली मान बैठते हैं। उन्हें होश तब आता है, जब उनके बैंक अकाउंट से पैसा कटने लगता है।
आनलाइन जॉब स्कैम कैसे होता है?
आनलाइन जॉब स्कैम के ज्यादातर मामलों में स्कैमर्स डिजिटल एडवर्टाइजमेंट, आॅनलाइन मेसेंजर्स और बल्क एसएमएस के जरिए लोगों को अपना टार्गेट बनाते हैं। इन जॉब नोटिफिकेशन में लोगों को कुछ ही घंटे काम करने के बदले में अच्छी सैलरी देने का लालच दिया जाता है। इनके वर्क प्रोफाइल में यूट्यूब वीडियो लाइक करना, किसी लिंक को अपने कॉन्टैक्ट्स के साथ शेयर करना या वीडियो पर कमेट करना आदि शामिल होता है। लोगों का भरोसा जीतने के लिए शुरूआत में कुछ पेमेंट भी दे दी जाती है।
धीरे-धीरे उठता है पर्दा
जब लोगों का उन पर ट्रस्ट बिल्ड हो जाता है और वह अकाउंट में जमा हो रही रकम से संतुष्ट होने लगते हैं, तब स्कैमर्स का असली काम शुरू होता है। आॅनलाइन जॉब स्कैम में कुछ दिनों के काम-काज के बाद स्कैमर्स की मांगें बढ़ जाती हैं। जब तक लोगों को हकीकत समझ में आती है, तब तक उनके पैरों के नीचे से जमीन और बैंक अकाउंट से रुपये कट चुके होते हैं। इसलिए इस तरह के आॅनलाइन जॉब स्कैम के झांसे में फंसने से बचना जरूरी है।
जॉब आफर की भाषा कैसी है?
आनलाइन मिला जॉब आफर असली है या नकली, इसे समझना बहुत आसान है। कई बार वैकेंसी नोटिफिकेशन में लिखी भाषा से भी उसके असली या नकली होने का पता चल जाता है। अगर जॉब आॅफर में जलेबी जैसी भाषा का इस्तेमाल किया गया हो या बहुत गलतियां हों तो समझ जाएं कि उसमें कुछ गड़बड़ जरूर है।
कितनी सैलरी दे रहे हैं?
आनलाइन जॉब स्कैम में दिनभर के 2-4 घंटे काम करने के बदले में काफी अच्छी सैलरी देने का आॅफर मिलता है। इसके साथ ही सामने वाला अर्जेंट हायरिंग जैसी डिमांड भी रख सकता है। वह आपसे आपका रिज्यूमे या काबिलियत तक की बात नहीं करता। आपको नौकरी की चाहे कितनी भी जरूरत हो, इस तरह के स्कैम से दूर रहने में ही भलाई है।
काम क्या करना है?
आनलाइन जॉब स्कैम के ज्यादातर मामलों में सामने आया कि नौकरी देने वाले ने यही नहीं बताया कि उसे सामने वाले से काम क्या करवाना है या वह इसके काबिल है भी या नहीं। इन ऐड्स में जॉब प्रोफाइल का कोई जिक्र ही नहीं होता है। स्कैमर्स बस इतना लिखते हैं कि वह आपको काम की ट्रेनिंग देंगे और फिर तुरंत नौकरी भी दे देंगे।
क्या आपको पेमेंट करना पड़ेगा?
जो लोग आनलाइन जॉब स्कैम के झांसे में फंस जाते हैं, वह ट्रेनिंग के लिए हामी भर देते हैं। कई मामलों में ट्रेनिंग के दौरान ही बैंक अकाउंट, यूपीआई जैसी डिटेल्स मांग ली जाती हैं। इसके बाद छोटे-मोटे काम के बदले में वह कुछ हजार रुपये आनलाइन ट्रांसफर भी कर देते हैं। इससे नौकरी हासिल करने वाले का भरोसा पक्का हो जाता है। लेकिन फिर वह आपसे पेमेंट मांगना शुरू कर देते हैं।
पेमेंट के बाद क्या करते हैं?
आनलाइन जॉब स्कैमर शुरूआत में 50, 100 रुपये मांगते हैं। उसके बदले में आपको डबल रकम का भुगतान करते हैं। मान लीजिए कि आपने 50 रुपये जमा किए तो आपके अकाउंट में 100 रुपये आ जाएंगे। इससे आप उन पर भरोसा पक्का कर लेते हैं। फिर वह धीरे-धीरे रकम बढ़ाते जाते हैं। अगर आप सवाल करते हैं तो आपको ब्लॉक कर दिया जाता है।
आनलाइन स्कैम से बचने के लिए जरूरी है कि आप किसी अंजान शख्स से सोशल मीडिया या व्हॉट्सऐप पर बात न करें। साथ ही किसी भी ऐसे-वैसे लिंक पर क्लिक न करें।