बाँध 212 स्क्वायर किलोमीटर में फैला हुआ है
अजमेर के जो लोग टूटी सड़कों से दुखी है उन्हें कलेक्टर आवास वाली सड़क भी देखनी चाहिए
कलेक्ट्रेट के सामने सड़क पर गड़ा है जानलेवा लोहे का एंगल
कार्टूनिस्ट दारा का सटीक कार्टून
गत वर्ष बरसात के मौसम में बीसलपुर बांध में अधिकतम 314.9 मीटर पानी आया था। जबकि इस वर्ष 27 अगस्त तक बाँध में 314.20 मीटर पानी एकत्रित हो गया है। बाँध में पानी की आवक लगातार जारी है। गत वर्ष के मुकाबले ज्यादा पानी आ जाने से अजमेर जयपुर और टोंक जिलों के एक करोड़ लोगों को राहत मिलेगी। बाँध से अब इन तीनों जिलों के लोगों को अगले डेढ़ वर्ष तक पेयजल की सप्लाई की जा सकेगी। बीसलपुर बांध से जुड़े अधिशासी अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि बनास मेनाली और कोठारी नदी के त्रिवेणी पर अभी भी 3.40 मीटर का प्रवाह बना है।
ऐसे में बांध का जलस्तर और तेजी से बढ़ेगा। इंजीनियर बंसल को भी उम्मीद है कि इस बार बांध ओवरफ्लो हो जाएगा। बीसलपुर बांध 212 स्क्वायर किलोमीटर में फैला हुआ है। बाँध की भराव क्षमता 315.50 मीटर है। अभी तक बाँध में 78% पानी एकत्रित हो चुका है।
कलेक्टर आवास की सड़क
बरसात के दिनों मे अजमेर के लोग टूटी सड़कों से बेहद दुखी है। शहर के मुख्य मार्गों पर एक-एक फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं। जो लोग टूटी सड़कों से दुखी है उन्हें सिविल लाइन स्थित जिला कलेक्टर के सरकारी आवास वाली सड़क भी देखनी चाहिए। आमतौर पर यही माना जाता है कि कलेक्टर आवास वाली सड़क को संबंधित विभाग के इंजीनियर हमेशा साफ सुथरी रखते हैं लेकिन इन दिनों कलेक्टर आवास वाली सड़क भी आम सड़कों की तरह टूटी पड़ी है। जब कलेक्टर आवास वाली सड़क ही टूटी-फूटी है तो फिर लोगों को अपनी सड़क की दुर्दशा पर दुखी नहीं होना चाहिए।
जानलेवा एंगल
अजमेर के जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट के सामने स्टेट बैंक आॅफ इंडिया की मुख्य शाखा के बाहर वाली सड़क पर जानलेवा लोहे का एंगल लगा हुआ है। सड़क से कोई 3 इंच ऊपर इस लोहे के एंगल से आए दिन चौपाइयां वाहनों के टायर फट रहे हैं। दोपहिया वाहन चालक तो रोजाना दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। यह एंगल बैंक के मुख्य द्वार के किनारे है लेकिन ना तो बैंक प्रबंधन और ना कलेक्ट्रेट में बैठे अधिकारी इस और ध्यान दे रहे हैं। मुख्य सड़क पर ही बैंक का एटीएम लगा हुआ है इसलिए यहां ग्राहकों की भीड़ रहती है। रात के अंधेरे में तो लोहे का यह एंगल जानलेवा साबित हो रहा है। ट्रैफिक पुलिस को कलेक्ट्रेट के बाहर ट्रैफिक मैनेजमेंट की तो चिंता है लेकिन इस जानलेवा एंगल को हटाने की कोई कार्यवाही नहीं की जाती। बैंक प्रबंधन ने नगर निगम को शिकायत कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली।