जब पात्र जातियों को ही आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है, तब जातिगत जनगणना का क्या फायदा?
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने 25 अगस्त को एक बार फिर देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग की है। राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चेताया कि वो जातिगत जनगणना से पीछे नहीं हटे, क्योंकि देश की 90 प्रतिशत जातियां जातिगत जनगणना चाहती है। कांग्रेस ही नहीं बल्कि केंद्र में भाजपा सरकार को समर्थन देने वाली पार्टियां भी जातिगत जनगणना की मांग कर रही है। जातिगत जनगणना का उद्देश्य यही है कि अब तक पिछड़ी और कमजोर जातियों को आरक्षण के दायरे में लाया जा सके। इसमें कोई दो राय नहीं कि कमजोर और पिछड़ी जातियों को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।
कई राज्यों में जातिगत समीकरणों को देखते हुए निर्धारित पचास प्रतिशत से भी ज्यादा आरक्षण दिया जा रहा है, लेकिन जो लोग जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं उन्हें पहले एससी एसटी वर्ग की पात्र जातियों के वंचित परिवारों को भी आरक्षण दिलवाने की व्यवस्था करनी चाहिए। मौजूदा समय में एससी एसटी वर्ग में जितनी जातियां दर्ज है, उनमें से आधी जातियों के परिवारों को एक बार भी आरक्षण का लाभ नहीं मिला है। यानी एससी एसटी वर्ग में शामिल पात्र जातियां भी अभी आरक्षण से वंचित हैं।
जबकि एससी एसटी वर्ग की अनेक जातियां ऐसी है जिनके परिवारों ने दस दस बार आरक्षण का लाभ प्राप्त कर लिया है। इन जातियों के ऐसे अनेक परिवार हैं जिनके सदस्यों को इंसपेक्टर से लेकर आईएएस आईपीएस तक की नौकरी मिल गई है। राहुल गांधी और अन्य दलों के नेता जातिगत जनगणना की मांग तो करते हैं, लेकिन एससी एसटी वर्ग में पात्र जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं दिलवाते। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सुझाव दिया है कि एससी एसटी वर्ग में उपविभाजन कर वंचित जातियों को आरक्षण का लाभ दिलवाया जाए। लेकिन जो जातियां अब तक आरक्षण की मलाई खा रही है, उन्हीं जातियों के लोगों ने भारत बंद करवा कर यह दर्शा दिया है कि उप विभाजन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सवाल यह भी है कि आखिर पात्र जातियों को आरक्षण का लाभ दिलवाने का विरोध क्यों किया जा रहा है। संविधान के निमार्ताओं ने सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने के लिए ही आरक्षण की व्यवस्था की थी, लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि आज एससी एसटी वर्ग में ही भेदभाव हो गया है। कुछ जातियां आरक्षण का लाभ लेकर मलाई खा रही है तो अनेक जातियों के लोग आज भी गांवों में रहकर पत्थर तोड़ने का काम कर रहे हैं। यदि सही मायने में सामाजिक भेदभाव को दूर करना है तो पहले एससी एसटी वर्ग की सभी जातियों को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।