जलस्तर 313.85 के पार। यानी गत वर्ष जितना पानी तो आ ही गया। लेकिन अजमेर में अभी भी पानी की किल्लत
बीसलपुर बांध में 25 अगस्त की रात को दस बजे 313.59 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया जो 26 अगस्त को प्रात:8 बजे 313.75 मीटर हो गया। यानी 12 घंटे में बांध में 16 सेंटीमीटर पानी आ गया। बांध के पानी पर निगरानी रखने वाले इंजीनियरों का मानना है कि 26 अगस्त को ही बांध का जलस्तर 313.85 मीटर के पार हो जाएगा। बांध में बनास, मेनाली और कोठारी नदियों के जरिए पानी आ जाता है। इन तीनों नदियों के त्रिवेणी पर साढ़े चार मीटर की चादर चल रही है।
त्रिवेणी पर जलप्रवाह को देखते हुए बांध में 314 मीटर पानी की आवक 27 अगस्त तक मानी जा रही है। यानी गत वर्ष बरसात के दिनों में जितना पानी बांध में आया था उतना अभी तक आ चुका है। गत वर्ष 314 मीटर पानी ही आ पाया था। बांध की भराव क्षमता 315.50 मीटर है। इंजीनियरों को उम्मीद है कि इस वर्ष बीसलपुर बांध ओवर फ्लो हो जाएगा। राजस्थान में यह एक मात्र बांध है जिसके पानी से अजमेर, जयपुर और टोंक जिले के एक करोड़ लोगों की प्यास बुझाई जाती है। बांध से प्रतिदिन एक हजार एमएलडी पानी लेकर तीनों जिलों में सप्लाई किया जाता है।
अजमेर की संपूर्ण आबादी तो इस बांध पर निर्भर हे। यह बात अलग है कि बांध में पर्याप्त पानी होने के बाद भी अजमेर शहर में चार दिनों में एक बार पेयजल की सप्लाई हो रही है। अब तो सत्तारूढ़ भाजपा के जिम्मेदार नेता भी मानते हैं कि भाजपा के जनप्रतिनिधियों की वजह से ही अजमेर में पेयजल की किल्लत बनी हुई है। ऐसे नेता भले ही अपने राजनीतिक स्वार्थों के कारण बयान दे रहे हो, लेकिन उन्होंने हकीकत को स्वीकार किया है। असल में अजमेर में समय पर पेयजल के संसाधन नहीं बढ़ाए जाने के कारण पानी की समस्या है।
135 किलोमीटर दूर बांध से जिस पाइप लाइन को 2021 में बदला जाना था, उसे आज तक भी नहीं बदला गया है। इस मामले में भाजपा की तरह कांग्रेस के जनप्रतिनिधि भी दोषी हैं। जयपुर जिले में आए दिन नए क्षेत्रों को बीसलपुर से जोड़ा जा रहा है। जबकि अजमेर में योजना से जुड़े क्षेत्रों में ही पेयजल की सप्लाई नहीं हो पा रही है। जब कांग्रेस का शासन होता है तो भाजपा के नेता और जब भाजपा का शासन होता है तो कांग्रेस के नेता आरोप लगाते है। इस बार तो कांग्रेस के साथ साथ सत्तारूढ़ भाजपा के नेता भी मुखर है। जहां तक इंद्र देवता का सवाल है तो उन्होंने बीसलपुर बांध में आगामी डेढ़ वर्ष तक का पानी जमा करा दिया है। अब यदि अजमेर के लोग प्यासे हैं तो इसकी जिम्मेदारी उन नेताओं की है जो जनता के वोट से सत्ता का उपभोग करते हैं।