उज्जैन के पंडित जी से जान लें ये जरूरी नियम
उज्जैन। भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले प्रभु श्रीकृष्ण का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है। व्रत करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि भाद्रपद माह के अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ था। इस दिन अगर आप लड्डू गोपाल को घर लाने की सोच रहे हैं। तो उसके पहले कुछ नियम जानना बेहद जरूरी हैं। आइए उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज से विस्तार से जानते हैं।
शुभ योग में मनाई जाएगी जन्माष्टमी
हर बार की तरह इस बार भी जन्मआष्ट्मी खास होने वाली है, क्योंकि इस साल की जन्माष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। जन्माष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर में 3 बजकर 55 मिनट से शुरू होगा। यह 27 अगस्त को सुबह 5 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया जाएगा। इस शुभ योग्य घर में लड्डू गोपाल की स्थापना करें तो साल भर घर में भगवान कृष्णा की कृपा बरसेंगी।
सुबह से शाम तक जरूर करें यह कार्य
कृष्णा प्रेमियों के लिए जन्माष्टमी का दिन बेहद शुभ होता है। अगर आप इस दिन लड्डू गोपाल को घर ला रहे हैं, तो सबसे पहले जान लें उनकी देखभाल बच्चों की तरह की जाती है। जिस प्रकार एक बच्चे को सुबह नींद से जगाया जाता है, ठीक वैसे ही लड्डू गोपाल को भी प्यार से जगाना चाहिए और मंगल गीत गाने चाहिए।
उसके बाद लड्डू गोपाल को बच्चे की तरह रोजाना स्नान करवाना चाहिए। इस दौरान उन्हें दूध, दही, शहद, गंगाजल, चीनी, आदि से स्नान करवा सकते हैं। फिर आप उन्हें साफ वस्त्र पहनाएं और श्रृंगार करें।
– लड्डू गोपाल को घर में रखने का सबसे पहला नियम है कि भोजन में हमेशा सात्विकता होनी चाहिए। साथ ही भोजन का सबसे पहला भोग लड्डू गोपाल को ही लगाएं।
– उसके बाद लडू गोपाल की पूजा अर्चना करें। साथ ही उन्हें माखन-मिश्री, बूंदी के लड्डू और हलवे का प्रसाद भी चढ़ाना चाहिए।
– रोजाना भगवान को शयन कराते समय मधुर गीत गाकर सुलाना चाहिए। साथ ही उन्हें कभी भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। अगर आप लंबे समय के लिए बाहर जा रहे हैं, तो उन्हें साथ लेकर जाएं।