अमेजन-फिल्पकार्ट जैसे बड़े प्लेयरों की वजह से क्या छोटे दुकानदारों को घाटा हो रहा है? क्या इनकी वजह से छोटे-मोटे दुकानदारों की कमर टूट रही है? दरअसल, यह सवाल इसलिए क्योंकि खुद केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अमेजन के ग्रोसरी आइटम बेचने पर सवाल उठाया है। साथ ही उन्होंने अमेजन द्वारा जिस रेट पर सामान बेचा जा रहा है, उस पर भी सवालिया निशान लगाए हैं। उनका कहना है कि इससे छोटे, खुदरा दुकानदारों को काफी परेशानी हो रही है।
बकौल केंद्रीय मंत्री, अमेजन ऐसी कीमतें लगा रहा है, जिनका मुकाबला एक आम दुकानदार के लिए कर पाना बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा कि इन्हीं कम कीमतों के कारण उसे घाटा हो रहा है जिसकी भरपाई के लिए वह भारत के अपने आॅपरेशन में पैसे डाल रहा है और लोग इसे इन्वेस्टमेंट समझकर खुश हो रहे हैं। पीयूष गोयल के इस बयान से आम दुकानदार काफी खुश हैं। न्यूज18 हिंदी ने जमीन स्तर पर जायजा लेने के लिए कुछ दुकानदारों से बात की। यह पूरी बातचीत आप नीचे पढ़ सकते हैं।
लखनऊ के विकास नगर के सेक्टर 3 के ग्रोसरी दुकान चलाने वाले पंकज अग्रवाल का कहना है कि अरहर की दाल हो या फिर चने की दाल हो अमेजन इसे पांच रुपए 10 सस्ता ही बचता है। जिससे ग्राहक अमेजन से आॅनलाइन शॉपिंग करते हैं और ग्राहक के घर पर डिलीवरी हो जाती है। ग्राहक को लगता है कि एक तो सामान सस्ता दूसरे घर पर सीधा डिलीवरी हो रहा है।
पंकज अग्रवाल यह भी कहते हैं कि घर पर डिलीवरी तो वह खुद भी करा सकते हैं। लेकिन अमेजन से आॅर्डर करना अब एक प्रचलन बन गया है। और ग्राहक को लगता है कि वस्तु यहां सस्ती मिलती है लेकिन कई बार जब मैं ही चेक करता हूं तो उसका रेट उनकी दुकान से महंगा अमेजन में होता है। अमेजॉन के मार्केट में आने से बिक्री पर असर पड़ा है। पहले के मुकाबले अब कम सेल होता है।
लखनऊ के मुंशी पुलिया के ग्रॉसरी के दुकानदार विजय कुमार का कहना है कि अमेजन के द्वारा जाहिर तौर पर कई लोगों को नौकरी दी गई है। जो जरूरत के समान लोगों के घरों पर पहुंचते हैं। लेकिन, अमेजन के नुकसान भी हैं। जैसे हम भी अंडा बेचते हैं और अमेजन भी अंडा भेजता है। अंडा अगर 3 दिन के भीतर न खाया जाए तो उसका प्रोटीन खत्म हो जाता है। हमारा अंडा सीधे फार्म हाउस से आता है और हम उतनी ही क्वांटिटी में मांगते हैं जो हमारा सेल है। अमेजन जो अंडा मांगता है वह तीन दिन में सेल नहीं करता है बल्कि स्टॉक में भी रखा जाता है। हम 60 प्रति दर्जन अंडा बेचते हैं जबकि अमेजन पर इसकी कीमत ज्यादा है।
बिहार के दुकानदारों की भी कमोबेश यही स्थिति है। मुजफ्फरपुर के अनीश गुप्ता सुजावलपुर में श्रृंगार और कॉस्मेटिक की दुकान चलाते हैं। 15 वर्षों से दुकान चलाने वाले अनीश गुप्ता भी आनलाइन शॉपिंग बाजार की वजह से परेशान हैं।
अनीश बताते हैं कि एक वक्त था जब मेरी दुकान खूब चलती थी, लेकिन आॅनलाइन शॉपिंग ने सब व्यवसाय की स्थिति खराब कर दी। एक तो आॅनलाइन में कैसा प्रोडक्ट आएगा इसकी कोई गारंटी नहीं, लेकिन छूट का लालच देकर आनलाइन शॉपिंग वालों ने छोटे दुकानदारों की कमर तोड़ दी हैं।
वहीं मुजफ्फरपुर में श्रीमान किराना स्टोर चलाने वाले संजय गुप्ता बताते हैं कि आज के दौर में आनलाइन शॉपिंग हर चीज की होने लगी हैं। लोग भी अंधाधुंध आनलाइन खरीदारी कर रहे हैं, जबकि किराना जैसे सामान उन्हें देख परखकर लेना चाहिए। बावजूद अंधी दौर में सब भागे जा रहे हैं। इसका काफी बुरा असर पड़ा है। अब हम सब दिनभर दुकान पर बैठते हैं, लेकिन अब धंधा पहले जैसा नहीं रहा, स्थिति तो ऐसी हो गई कि लगता हैं अब दुकान ही बंद कर दें।
मुजफ्फरपुर में चप्पल जूते की दुकान चलाने वाले सूर्यनारायण साह भी अपनी दुकान पर दिनभर समय काटते हैं, लेकिन ग्राहक अब बेहद कम आते हैं। सूर्यनारायण साह बताते हैं कि आनलाइन शॉपिंग ने सभी दुकानदारों की हालत खराब कर दी हैं, कोई ऐसा महीना नहीं जाता है, जिसमे अच्छी बचत हो, हर महीने नुकसान झेलना पड़ रहा हैं।अमेजन फ्लिपकार्ट तोड़ रहे छोटे दुकानदारों की कमर?
अमेजन-फिल्पकार्ट जैसे बड़े प्लेयरों की वजह से क्या छोटे दुकानदारों को घाटा हो रहा है? क्या इनकी वजह से छोटे-मोटे दुकानदारों की कमर टूट रही है? दरअसल, यह सवाल इसलिए क्योंकि खुद केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अमेजन के ग्रोसरी आइटम बेचने पर सवाल उठाया है। साथ ही उन्होंने अमेजन द्वारा जिस रेट पर सामान बेचा जा रहा है, उस पर भी सवालिया निशान लगाए हैं। उनका कहना है कि इससे छोटे, खुदरा दुकानदारों को काफी परेशानी हो रही है।
बकौल केंद्रीय मंत्री, अमेजन ऐसी कीमतें लगा रहा है, जिनका मुकाबला एक आम दुकानदार के लिए कर पाना बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा कि इन्हीं कम कीमतों के कारण उसे घाटा हो रहा है जिसकी भरपाई के लिए वह भारत के अपने आॅपरेशन में पैसे डाल रहा है और लोग इसे इन्वेस्टमेंट समझकर खुश हो रहे हैं। पीयूष गोयल के इस बयान से आम दुकानदार काफी खुश हैं। न्यूज18 हिंदी ने जमीन स्तर पर जायजा लेने के लिए कुछ दुकानदारों से बात की। यह पूरी बातचीत आप नीचे पढ़ सकते हैं।
लखनऊ के विकास नगर के सेक्टर 3 के ग्रोसरी दुकान चलाने वाले पंकज अग्रवाल का कहना है कि अरहर की दाल हो या फिर चने की दाल हो अमेजन इसे पांच रुपए 10 सस्ता ही बचता है। जिससे ग्राहक अमेजन से आॅनलाइन शॉपिंग करते हैं और ग्राहक के घर पर डिलीवरी हो जाती है। ग्राहक को लगता है कि एक तो सामान सस्ता दूसरे घर पर सीधा डिलीवरी हो रहा है।
पंकज अग्रवाल यह भी कहते हैं कि घर पर डिलीवरी तो वह खुद भी करा सकते हैं। लेकिन अमेजन से आॅर्डर करना अब एक प्रचलन बन गया है। और ग्राहक को लगता है कि वस्तु यहां सस्ती मिलती है लेकिन कई बार जब मैं ही चेक करता हूं तो उसका रेट उनकी दुकान से महंगा अमेजन में होता है। अमेजॉन के मार्केट में आने से बिक्री पर असर पड़ा है। पहले के मुकाबले अब कम सेल होता है।
लखनऊ के मुंशी पुलिया के ग्रॉसरी के दुकानदार विजय कुमार का कहना है कि अमेजन के द्वारा जाहिर तौर पर कई लोगों को नौकरी दी गई है। जो जरूरत के समान लोगों के घरों पर पहुंचते हैं। लेकिन, अमेजन के नुकसान भी हैं। जैसे हम भी अंडा बेचते हैं और अमेजन भी अंडा भेजता है। अंडा अगर 3 दिन के भीतर न खाया जाए तो उसका प्रोटीन खत्म हो जाता है। हमारा अंडा सीधे फार्म हाउस से आता है और हम उतनी ही क्वांटिटी में मांगते हैं जो हमारा सेल है। अमेजन जो अंडा मांगता है वह तीन दिन में सेल नहीं करता है बल्कि स्टॉक में भी रखा जाता है। हम 60 प्रति दर्जन अंडा बेचते हैं जबकि अमेजन पर इसकी कीमत ज्यादा है।
बिहार के दुकानदारों की भी कमोबेश यही स्थिति है। मुजफ्फरपुर के अनीश गुप्ता सुजावलपुर में श्रृंगार और कॉस्मेटिक की दुकान चलाते हैं। 15 वर्षों से दुकान चलाने वाले अनीश गुप्ता भी आॅनलाइन शॉपिंग बाजार की वजह से परेशान हैं।
अनीश बताते हैं कि एक वक्त था जब मेरी दुकान खूब चलती थी, लेकिन आॅनलाइन शॉपिंग ने सब व्यवसाय की स्थिति खराब कर दी। एक तो आॅनलाइन में कैसा प्रोडक्ट आएगा इसकी कोई गारंटी नहीं, लेकिन छूट का लालच देकर आॅनलाइन शॉपिंग वालों ने छोटे दुकानदारों की कमर तोड़ दी हैं।
वहीं मुजफ्फरपुर में श्रीमान किराना स्टोर चलाने वाले संजय गुप्ता बताते हैं कि आज के दौर में आनलाइन शॉपिंग हर चीज की होने लगी हैं। लोग भी अंधाधुंध आनलाइन खरीदारी कर रहे हैं, जबकि किराना जैसे सामान उन्हें देख परखकर लेना चाहिए। बावजूद अंधी दौर में सब भागे जा रहे हैं। इसका काफी बुरा असर पड़ा है। अब हम सब दिनभर दुकान पर बैठते हैं, लेकिन अब धंधा पहले जैसा नहीं रहा, स्थिति तो ऐसी हो गई कि लगता हैं अब दुकान ही बंद कर दें।
मुजफ्फरपुर में चप्पल जूते की दुकान चलाने वाले सूर्यनारायण साह भी अपनी दुकान पर दिनभर समय काटते हैं, लेकिन ग्राहक अब बेहद कम आते हैं। सूर्यनारायण साह बताते हैं कि आनलाइन शॉपिंग ने सभी दुकानदारों की हालत खराब कर दी हैं, कोई ऐसा महीना नहीं जाता है, जिसमे अच्छी बचत हो, हर महीने नुकसान झेलना पड़ रहा हैं।