कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू कश्मीर में मिलकर चुनाव लड़ेंगे

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तो क्या कांग्रेस भी अनुच्छेद 370 की बहाली और पाकिस्तान से वार्ता के पक्ष में है?

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 21 और 22 अगस्त को जम्मू कश्मीर के दौरे पर रहे। इस प्रदेश में अगले माह विधानसभा के चुनाव होने हैं। दौरे के बाद कांग्रेस ने घोषणा की कि वह नेशनल कॉन्फ्रेंस (अब्दुल्ला खानदान वाली) के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। यानी दोनों दल संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करेंगे। कांग्रेस की इस घोषणा के साथ ही सवाल उठा है कि क्या कांग्रेस भी जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली के साथ साथ इस मुद्दे पर पड़ोसी पाकिस्तान से वार्ता करने के पक्ष में है?

विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही नेशनल कॉन्फ्रेंस ने वादा किया है कि बहुमत मिलने पर वह विधानसभा में अनुच्छेद 370 की बहाली का प्रस्ताव स्वीकृत करवाएगी तथा कश्मीर समस्या के समाधान के लिए पाकिस्तान से वार्ता के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डाला जाएगा। अब जब कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है तब कांग्रेस को अपनी सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनाव वादे पर अपना स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए। सब जानते हैं कि पूर्व में भी कांग्रेस और अब्दुल्ला खानदान वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन की सरकार चली और तभी कश्मीर घाटी में हिंदुओं पर अत्याचार हुए। आतंकियों के अत्याचार के कारण चार लाख हिंदुओं को कश्मीर घाटी से भागना पड़ा।

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