भारत बंद: देशव्यापी आंदोलन

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दलित-आदिवासी अधिकारों के लिए देशव्यापी आंदोलन

क्या हैं मांगें

दलित और आदिवासी संगठनों ने एससी, एसटी और ओबीसी की सुरक्षा की मांग को लेकर भारत बंद का आह्वान किया है। प्रदर्शनकारी एससी एसटी और ओबीसी के रिजर्वेशन को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाखुश हैं।

दलित और आदिवासी संगठनों की ओर से बुधवार को भारत बंद का ऐलान किया गया है। एससी एसटी और ओबीसी की सुरक्षा की मांग को लेकर आज देश भर में पूरी तरह से बंदी की घोषणा के साथ दलित और आदिवासी प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी एससी एसटी और ओबीसी के रिजर्वेशन को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाखुश हैं। नेशनल कॉन्फेडरेशन आॅफ दलित एंड आदिवासी आगेर्नाइजेशन्स का कहना है कि दलित, पिछड़ा वर्ग और आदिवासी समुदाय को हाशिए पर रखा गया है। उन्हें इसलिए सरकार से उन्हें न्याय दिलानें और मांगों को लेकर यह बंद घोषित किया गया है। कई राज्यों में प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

ये है सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्र्ट ने फैसला दिया है कि राज्यों को कोटा में कोटा देने का अधिकार है। प्रदेश सरकार एससी एसटी वर्ग में अब सब कैटेगरी बना सकती है जिससे इस वर्ग के सबसे जरूरतमंद व्यक्ति को भी आरक्षण का लाभ मिल सके। राज्य सरकारें इसे लेकर कानून भी बना सकते हैं।

तमाम राज्यों में प्रदर्शन, स्कूल कॉलेज भी बंद

दलित और आदिवासी संगठनों ने आज 14 घंटे का भारत बंद रखा है। इस दौरान बाजार, स्कूल आदि सब बंद रखा गया है। बिहार में लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं तो राजस्थान में सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। राजस्थान सरकार ने सभी स्कूल और कॉलेज को बंद रखा है। दुकानें और यातायात के लिए वाहन का संचालन भी बंद किया गया है।

बिहार में संपर्क क्रांति एक्सप्रेस रोकी

बिहार में भारत बंद का असर दिख रहा है। दरभंगा में प्रदर्शनकारियों ने बंद का आह्वान करते हुए संपर्क क्रांति एक्सप्रेस को ही रोक दिया। दरभंगा से दिल्ली जाने वाली इस ट्रेन के सामने खड़े होकर भीम आर्मी के कार्यकर्ता ने नारे लगाए और ट्रेन को आगे जाने नहीं दिया।

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