अगर तोहफा ‘अपनों’ से मिला तो
भाई-भाई के मामले में अहम फैसला
मुंबई। इनकम टैक्स से जुड़े एक मामले में इनकम टैक्स अपीलीयेट ट्रिब्यूनल की मुंबई बेंच ने अहम फैसला सुनाया है। इसमें कहा गया है कि विदेश में रह रहे एनआरआई भाई से मिलने वाली 20 लाख रुपये की रकम पर टैक्स नहीं लगेगा। आयकर विभाग की इस संस्था की ओर से दिया गया यह निर्णय इस बात पर जोर देता है कि भारतीय टैक्स कानून कुछ करदाताओं को अपने रिश्तेदारों से मिलने वाले गिफ्ट पर टैक्स को लेकर छूट देते हैं।
हालांकि, अभी तक इनकम टैक्स कानून के तहत किसी रिश्तेदार से मिलने वाले 50,000 रुपये से ज्यादा के गिफ्ट को इनकम फ्रॉम अदर सोर्स (किसी अन्य स्त्रोत से कमाई) माना जाता है और इस पर लागू आयकर की निर्धारित दरों के अनुसार टैक्स कटता है। लेकिन, कई मामलों में इस पर टैक्स से छूट मिलती है। इनमें नजदीकी रिश्तेदार से मिलने वाले गिफ्ट, शादी में मिलने वाले तोहफे और विरासत में मिलने वाली संपत्ति शामिल है।
क्या कहता है कर कानून
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 56 (2) (X) में भाई से मिलने वाले गिफ्ट पर टैक्स में छूट मिलती है। आयकर अपीलीयेट ट्रिब्यूनल ने यह निर्णय सलाम नाम के एक व्यक्ति के मामले में दिया, जिसे अपने भाई से गिफ्ट मिला था। लेकिन, इनकम टैक्स विभाग के अधिकारी ने शुरूआत में इस तोहफे को टैक्सेबल इनकम के तौर पर माना था। इस मामले इनकम टैक्स कमिश्नर ने भी अधिकारी के फैसले को सही ठहराया और कहा कि टैक्सपेयर यह साबित करने में नाकामयाब रहा कि गिफ्ट के तौर उसे यह पैसा अपने भाई से मिला।
इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता आईटीएटी के पास पहुंचा, जहां सलाम ने सबूतों के साथ यह साबित किया कि उसका भाई, 25 साल से दुबई में रह रहा है और वहां बिजनेस कर रहा है। उसकी ओर से मिला 20 लाख रुपये की यह रकम एक प्यारे तोहफे के तौर पर उसे भेजी गई है।