बीसलपुर में तो पानी आ गया, अजमेर भी पूरा आना चाहिए, क्या जनप्रतिनिधि इसकी गारंटी देंगे
जलदाय विभाग का आंकलन है कि बीसलपुर बांध में अब तक इतना पानी (313.27 मीटर) आ गया है कि अजमेर (जयपुर, टोंक, दौसा भी) को अगले साल अक्टूबर तक पीने का पानी उपलब्ध हो सकेगा। आज के अखबारों में यह खबर पढ़कर दिल खुशी से झूम उठा। वैसे अजमेर में तो जिस दिन पानी आता है,उसी दिन त्यौहार माना जाता है। लेकिन आज राखी का त्यौहार होने के कारण खुशियां दोगुनी हो गई।
यूं विभाग भले ही विभाग भले अक्टूबर-2025 तक पानी की उपलब्धता बता रहा हो, लेकिन मेरा मानना है कि अजमेर को इससे मार्च- 2026 तक पानी आसानी से मिल सकेगा। भले ही अगले साल बारिश कम भी हो। क्यों? विभाग दो दिन यानी 48 घंटे में जल वितरण के हिसाब से अक्टूबर तक का अनुमान लगा रहा है। लेकिन अजमेर में तो आमतौर पर 72 से 96 घंटे में जलापूर्ति होती है। इंजीनियर इसे 120 घंटे तक पहुंचाने का भी अनुभव रखते हैं। साथ ही पाइप लाइन टूटने और ट्रिपिंग का अतिरिक्त लाभ भी विभाग को मिलता है। तो,राखी पर शहरवासियों को डेढ़ साल तक जलसंकट दूर होने की बधाई।
उम्मीद है तब तक अजमेर की पेयजल समस्या दूर करने के लिए इस साल जो पांच-छह सौ करोड़ रूपए मंजूर हुए हैं, उससे भी काफी काम हो ही जाएंगे। फिर ईआरसीपी आ जाएगी। फायसागर से पानी की सप्लाई बढ़ ही गई है। अफसरों और इंजीनियरों को आए दिन हड़काया ही जा रहा है। लेकिन क्या हकीकत यही होगी की अजमेर जलसंकट मुक्त हो जाएगा? शायद नहीं। क्योंकि अगर बीसलपुर बांध पूरा भर जाए, तो भी अजमेर तो ऐसे ही प्यासा रहेगा। क्योंकि फिर जयपुर को और ज्यादा पानी मिलने लगेगा। वहां के और गांवों और इलाकों को बीसलपुर से जोड़ दिया जाएगा। कितने ही साल गुजर गए भुगतते हुए। एक पूरी पीढी़ जवान या वृद्ध हो चुकी है, लेकिन पानी ना जवानी में पूरा मिला, ना बुढ़ापे में। सत्ता में कांग्रेस को भी देख लिया और भाजपा को भी। विधायक,सांसद, मंत्री इनके भी देख लिए और उनके भी। पानी अखबारों की खबरों और चैनल पर दिए बयानों का ही आया है।
बीसलपुर को अजमेर की लाइफलाइन कहा गया था, लेकिन अब इसे जयपुर की लाइफ लाइन बताया जाता है। यानी राजधानी की पानी की कब्जे पर पूरी तैयारी है। कभी अजमेर को बीसलपुर से ज्यादा और जयपुर को कम पानी मिलता था, लेकिन ये कब उलटा हो गया, पता ही नहीं चला। बीसलपुर में ज्यादा पानी आया, तो जयपुर ज्यादा जाएगा। जहां अधिकांश इलाकों में रोजाना पानी की सप्लाई है। जिसका हम तो सपना भी नहीं देख सकते। जैसे राखी पर बहिनें भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी रक्षा का वचन देते हैं, क्या वैसे ही एकीकृत अजमेर जिले के सभी जनप्रतिनिधि बीसलपुर से पर्याप्त जलापूर्ति के लिए अजमेर के हितों की रक्षा करने का वचन दे सकते हैं? भले ही इस पर आंच आने पर उन्हें किसी से भी भिड़ना पड़े और इसमें उनके आपसी मतभेद, राजनीतिक महत्वाकांक्षा आडे़ नहीं आएगी।