चार लाख लोग प्रतिदिन मुफ्त दवाएं प्राप्त कर रहे हैं यह जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है-डॉ. समित शर्मा
जीवन में सबसे बड़ा महत्व बेटी भूमिका का है-राजा डी थारवानी
सपनों की ऊंची उड़ान पुस्तक का विमोचन भव्य समारोह में हुआ
18 अगस्त को अजमेर के पंचशील स्थित सतगुरु इंटरनेशनल स्कूल के सभागार में सपनों की ऊंची उड़ान पुस्तक का विमोचन हुआ। यह पुस्तक स्कूल के निदेशक और देश के प्रमुख कारोबारी राजा डी थारवानी के जीवन पर लिखी गई है। इस भव्य समारोह में अजमेर उत्तर के भाजपा विधायक और राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि उनके राजनीतिक जीवन में अजमेर के लोगों का खास महत्व है। इसलिए वे चाहते हैं कि अंतिम सांस तक अजमेर के लोगों की सेवा करता रहंू। यहां के लोगों ने मुझे पांचवीं बार विधायक चुना है। जिन लोगों ने सहयोग नहीं किया उनका भी मैं आभारी हंू।
देवनानी ने कहा कि वे भारत की सनातन संस्कृति में भरोसा रखते हैं, इसलिए उनका मानना है कि ईश्वर की मर्जी से ही सब कुछ होता है। पांच बार विधायक बनने पर मैं दो बार राज्य सरकार में मंत्री रहा और जब विधानसभा का अध्यक्ष हंू। मैं जब उदयपुर के कॉलेज में शिक्षक था, तब सोचा नहीं था कि एक दिन राजस्थान जैसे बड़े प्रदेश की विधानसभा का अध्यक्ष बनूंगा। लेकिन ईश्वर की कृपा से आज मैं विधानसभा के अध्यक्ष के आसन पर बैठा हंू।
अपनी 75 वर्ष की उम्र को पीछे धकेलते हुए देवनानी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनने का जो संकल्प लिया है, उस संकल्प को मैं भी पूरा करने में अपना योगदान दूंगा। मैं भी 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र देखना चाहता हंू। देवनानी ने कहा कि कारोबारी राजा डी थारवानी ने अपने व्यवसाय को बढ़ाने के साथ साथ समाज सेवा का कार्य भी किया है। ऐसे व्यक्तियों को युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए।
चार लाख लोगों को मुफ्त दवा:
पुस्तक विमोचन समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि जब मैं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में था, तब प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त दवा और जांच की सुविधाएं उपलब्ध कराई। आज मुझे गर्व है कि प्रदेश भर में चार लाख लोग प्रतिदिन नि:शुल्क दवाएं प्राप्त कर रहे है तथा 1 लाख मरीजों की जांच हो रही है। मैं इसे अपने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि मानता हंू। मेरी उम्र पचास वर्ष हो गई है और अब यदि मुझे ईश्वर अपने पास बुलाता है तो मुझे कोई दुख नहीं होगा। इस जीवन में मैंने अपना काम पूरा कर दिया है। डॉ. शर्मा ने कहा कि जब मैंने अस्पतालों में जेनेरिक दवाएं शुरू करवाई तो विरोध भी हुआ, लेकिन आज उन्हीं कम कीमत वाली जेनेरिक दवाओं से रोगों का निदान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि देवनानी जी की तरह उनका भी ईश्वर पर भरोसा है। मैं आईएस का कार्य भी पूर्ण निष्ठा और ईमानदार के साथ करता हंू। भले ही मेरे अपने साथियों के पास संपत्तियों का साम्राज्य हो, लेकिन मेरे साथ लाखों लोगों की दुआएं हैं। मैं जिस विभाग में भी रहा, उसमें पूर्ण ईमानदारी के साथ काम किया। राजा डी थारवानी की सतगुरु इंटरनेशनल स्कूल के लिए सरकारी भूमि तब आवंटित हुई, जब मैं उद्योग विभाग में कार्यरत था। आज मुझे खुशी है कि निदेशक के जीवन पर लिखी पुस्तक का विमोचन कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि थारवानी वाकई एक मिलनसार और सफल कारोबारी है। आज समाज को थारवानी जैसे व्यक्तियों की जरूरत है।
बेटी की भूमिका:
अपने जीवन पर लिखी पुस्तक के विमोचन पर थारवानी ने कहा कि उनके जीवन में बेटी भूमिका थारवानी की महत्वपूर्ण भूमिका है। यदि मेरे जीवन में बेटी नहीं आती तो मैं आज इस मुकाम पर नहीं पहुंच पाता। थारवानी ने कहा कि माता पिता भाग्यशाली है जिन्हें बेटी मिली है। जीवन में जब भी कोई परेशानी हुई तो मैंने बेटी को ही अपने सामने रखा और परेशानियों का हल निकाला। उन्होंने अपने मित्र नरेंद्र गुरनानी का भी उल्लेख किया।
समारोह में थारवानी के जीवन से जुड़ी एक डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गइ्र। इसमें थारवानी को दैनिक नवज्योति अखबार पढ़ते हुए दिखाया गया। डॉक्यूमेंट्री में थारवानी की पत्नी, पुत्र, पुत्री और दामाद सार्थक मित्तल के विचार भी सुनाए गए। सभी ने थारवानी को अपना प्रेरणा स्त्रोत माना। समारोह में पुस्तक की सह लेखिका डॉ. नंदिनी खत्री ने भी अपने विचार रखे। भव्य समारोह में शहर के गणमान्य नागरिकों के साथ साथ मित्तल ग्रुप के मनोज मित्तल, दिलीप मित्तल, सुनील मित्तल, श्याम सोमानी, विजय रांका, चंदीराम ग्रुप के रमेश चंदीराम, भगवान चंदीराम आदि भी उपस्थित रहे। कारोबारी और समाजसेवी राजा डी थारवानी की उपलब्धियों पर उन्हें मोबाइल नंबर 9001702900 पर शुभकामनाएं दी जा सकती है।