पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मुसलमानों को 100 रुपए किलो भाव से भी आटा नसीब नहीं, जबकि भारत में जरूरतमंद सभी मुसलमानों को पांच किलो अनाज प्रतिमाह मुफ्त मिल रहा है।

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इस फर्क को समझने की जरूरत है। जिस पाकिस्तान के पास खाने को रोटी नहीं है वह परमाणु बम क्या फोडेगा

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद में 11 मई को पुलिस को तब गोली चलानी पड़ी जब क्षेत्र के नागरिक सस्ता आटा उपलब्ध करवाने की मांग कर रहे थे। पाकिस्तान की पुलिस की फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई तथा कई बुरी तरह घायल हो गए।
प्रदर्शनकारी मुसलमानों का कहना रहा कि बाजार में सौ से लेकर 150 रुपए किलो के भाव से आटा मिल रहा है, महंगे आटे को खरीदा नहीं जा सकता। सरकार को गरीब मुसलमानों को सस्ता आटा उपलब्ध करवाना चाहिए।  यदि मुजफ्फराबाद वाला कश्मीर भारत में शामिल होता तो यहां के जरूरतमंद मुसलमानों को भी प्रतिमाह प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज मुफ्त में मिलता, लेकिन इसे पाक के कब्जे वाले कश्मीरियों का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि वह भारत में शामिल नहीं हो पा रहे हैं।

भारत में 81 करोड़ जरुरतमंद लोगां को प्रतिमाह पांच किलो राशन मुफ्त में मिल रहा है। यदि किसी मुस्लिम परिवार में दस सदस्य है तो उन्हें प्रतिमाह पचास किलो अनाज मुफ्त मिलता है। इस फर्क को समझने की जरूरत है कि पाक के कब्जे वाले कश्मीर में सस्ता आटा मांगने पर गोलियां दागी जाती है, इसके विपरीत भारत में जरुरमंद लोगों को प्रतिमाह पांच किलो अनाज मुफ्त दिया जाता है।

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लगते नारे पाकिस्तान से लेंगे आजादी

कांग्रेस के कई नेता कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करते हैं। खुलेआम कहा जाता है कि कश्मीर समस्या के समाधान के लिए भारत को पाकिस्तान से वार्ता करनी चाहिए। हालांकि हमारे जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर का मुद्दा ही नहीं रहा है।
लेकिन हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने एक बयान प्रकाश में आया है जिसमें अय्यर कह रहे है कि भारत को पाकिस्तान को कमजोर नहीं समझना चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान के पास भी परमाणु बम है। कांग्रेस के नेताओं को ऐसे बयानों पर तरस आता है, जिस पाकिस्तान में लोगों को सस्ता आटा नसीब नहीं हो रहा है, वह पाकिस्तान परमाणु बम क्या फोड़ेगा।
भारत में ऐसे कई मुस्लिम संगठन है जो पाकिस्तान के प्रति हमदर्दी रखते हैं। ऐसे संगठनों को भी 11 मई की मुजफ्फराबाद की घटना से सबक लेना चाहिए। अधिकांश मुस्लिम देश भी मानते हैं कि दुनिया में भारत में मुसलमान न केवल सुरक्षित है, बल्कि सम्मान और समृद्धि के साथ रह रहा है। पाकिस्तान भी 1947 में भारत के साथ आजाद हुआ था, लेकिन आज हम पाकिस्तान की दुर्दशा देख रहे है। भारत में रहने वाले मुसलमानों को इस फर्क को अच्छी तरह समझना चाहिए।

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