पाकिस्तान समर्थक भारतीयों को अब तो मानना चाहिए कि पाकिस्तान एक आतंकी देश है

0
(0)

पाकिस्तान और ईरान के सैन्य संघर्ष में भारत को सतर्क रहने की जरुरत
पाकिस्तान 230 नागरिक इन दिनों अजमेर में ठहरे हुए हैं

भारत में ऐसे कई राजनेता है जो पाकिस्तान का समर्थन करते हैं। कश्मीर के मुद्दे को सुलझाने के लिए अभी भी पाकिस्तान से मध्यस्थता की बात कही जाती है। यह बात अलग है कि अनुच्छेद 370 के निष्क्रिय होने के बाद भारत की नजर में कश्मीर कोई मुद्दा नहीं है। पाकिस्तान समर्थक भारतीयों को ईरान ने 16 जनवरी को पाकिस्तान में जो सर्जिकल स्ट्राइक की उससे सबक लेना चाहिए। ईरान और पाकिस्तान की सीमा मिली हुई है। ईरान का आरोप है कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकी संगठन जैश-अल-अउदल के अड्डे हैं। यहां प्रशिक्षित आतंकी ईरान में हमले करते हैं।

भारत भी लगातार कहता आज रहा है कि पाकिस्तान में चल रहे आतंकी अड्डों से प्रशिक्षित आतंकी ही कश्मीर में आतंकी वारदात करते है। अब जब ईरान ने भी भारत की तरह आरोप लगाकर हमला किया है, तब पाकिस्तान को एक आतंकी देश माना जाना चाहिए। असल में पाकिस्तान में सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। पाकिस्तान में सेना ही प्रभावी भूमिका में है। सेना की निगरानी में ही आतंकी अड्डे चल रहे हैं। इन अड्डों में तैयार होने वाले आतंकी कभी भारत तो कभी ईरान में आतंकी वारदात करते हैं।

पाकिस्तान में तालिबान विचारधारा के आतंकी भी है। इसीलिए अनेक बार खुद पाकिस्तान में भी आतंकी घटनाएं होती है। पाकिस्तान में अलग अलग विचारधाराओं के आतंकी अड्डे हैं। इन आतंकियों को मुस्लिम समुदाय की उन्नति से कोई मतलब नहीं है। इन आतंकियों का मकसद अपनी कट्टरपंथी विचारधारा के अनुरूप लोगों को चलाना है। इन दिनों पाकिस्तान में चारों तरफ अराजकता का माहौल है।

भारत को सतर्क रहने की जरुरत:
16 जनवरी को ईरान ने पाकिस्तान में जो सर्जिकल स्ट्राइक की उसके जवाब में 17 और 18 जनवरी को पाकिस्तान ने ईरान में बीएलए और बीएलएफ के ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई की है। कहा जा सकता है अब आतंक के मुद्दे पर पाकिस्तान और ईरान में युद्ध शुरू हो गया है। ये दोनों ही देश मुस्लिम है, इसलिए भारत को सतर्कता बरतने की जरूरत है।

भारत में 25 करोड़ मुसलमान रहते हैं। इनमें से पाकिस्तान और ईरान के समर्थक भी है। ऐसे में पाकिस्तान और ईरान समर्थक भारतीयों पर नजर भी रखी जानी चाहिए। मालूम हो कि इजरायल और कट्टरपंथी संगठन हमास के युद्ध में भारत के केरल में हमास के समर्थन में एक रैली हुई। इस रैली को गाजा से एक मुस्लिम नेता ने वर्चुअली संबोधित किया। यानी भारत में हमास के समर्थक भी है।

कट्टरपंथी संगठन तालिबान ने जब अफगानिस्तान पर कब्जा किया तो भारत के कुछ मुस्लिम नेताओं ने तालिबान की नीतियों की खुलेआम प्रशंसा की। अब जब दो मुस्लिम देशों में सैन्य संघर्ष हो रहा है तो भारत के सतर्क रहने की जरूरत है। जहां पाकिस्तान की सीमा ईरान से लगी हुई है, वहीं भारत की सीमा पाकिस्तान से जुड़ी हुई है। भारत और पाकिस्तान के बीच तो लंबी सीमा रेखा है। पाकिस्तान और ईरान के बीच युद्ध और तेज होता है तो इसका असर भारत पर पड़ेगा।

230 पाकिस्तानी अजमेर में:
भारत के राजस्थान प्रांत के अजमेर में इन दिनों ख्वाजा साहब के सालाना उर्स चल रहा है। इस उर्स में शरीक होने के लिए पाकिस्तान से सरकारी तौर पर 230 नागरिक आए हैं। ये पाकिस्तानी अजमेर के पुरानी मंडी स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में ठहरे हुए हैं। इस स्कूल से ही पाक नागरिक जियारत के लिए ख्वाजा साहब की दरगाह जाते हैं। हालांकि पाक नागरिकों को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है, लेकिन अब जब पाकिस्तान और ईरान में युद्ध शुरू हो गया है, तब अजमेर में पाकिस्तानी नागरिकों की सुरक्षा और बढ़ाई जानी चाहिए। हो सकता है कि ख्वाजा साहब के उर्स में भी ईरान का समर्थन करने वाले जायरीन मौजूद हो।

क्या आप इस पोस्ट को रेटिंग दे सकते हैं?

इसे रेट करने के लिए किसी स्टार पर क्लिक करें!

औसत श्रेणी 0 / 5. वोटों की संख्या: 0

अब तक कोई वोट नहीं! इस पोस्ट को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

Leave a Comment