बिपरजोय चक्रवात ने राजस्थान में भारी तबाही मचाई है। अजमेर भी इस तबाही से अछूता नहीं। अन्य जिÞलों का क्या होगा मुझे पता नहीं क्यों कि उन जिलों के जनप्रतिनिधियों के क्रियाकलापों का मुझे पता नहीं। हाँ अजमेर की तबाही देखने और सारे हालात ठीक करने के लिए आर टी डी सी के चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ आज अजमेर तशरीफ ला रहे हैं।
अजमेर के दोनों विधायक क्रमश: अनीता भदेल और वासुदेव देवनानी शहर की तबाही देखने के लिए पहले से ही मौजूद हैं। वे दोनों नाकाफी हैं ऐसा तो मैं नहीं कह रहा मगर उनकी प्रशासन सुनता कहाँ है। अखबारों में बयान छप जाते हैं और शहर की राहत का जुबानी जमा खर्च हो जाता है।
दूसरी तरफ धर्मेन्द्र राठौड़ की बात ही कुछ और है। इन दिनों उनके तलवों में अजमेर साँसें ले रहा है। जहां जो हो रहा है वह समझिए राठौड़ साहब की इच्छा से ही हो रहा है। बैंड की धुन पर जैसे घोड़ी के पांव थिरकते हैं उसी तरह से अजमेर प्रशासन राठौड़ साहब के इशारों की धुन पर नाचता है।
जरा आप सोचिए कि यदि उनका इशारा नहीं होता तो क्या मकराना राज कांड में दो प्रशासनिक अधिकारियों के विरुध्द कथित गुंडागर्दी मेरा मतलब मारपीट का मुकद्दमा दर्ज़ हो पाता? यदि उनकी सहमति नहीं होती तो पुष्कर के पालिका सत्ता परिवर्तन में फिर भाजपा काबिज हो पाती? क्या प्रदेश उपाध्यक्ष! पूर्व मंत्री नसीम अख़्तर उनके पति और पुत्र पर मुकदमा दर्ज हो पाता? क्या दिग्गज नेता महेन्द्र सिंह रलावता के होनहार पुत्र शक्ति सिंह रलावता के विरुद्ध मामला दर्ज़ हो पाता?
मित्रों! राठौड़ साहब के इशारे के बिना किसी पेड़ का पत्ता भी नहीं हिल सकता।
कल बिपररॉय चक्रवात की हिम्मत कैसे हो गई कि राठौड़ साहब की इजाजत के बगैर वह आजमेर में कदम रख गया! तबाही के मंजर पेश कर गया! मुझे तो लगता है यह अजूबा इसलिए ही हो सका कि राठौड़ साहब अजमेर में नहीं थे और उनके दाएं बाएं, ऊपर नीचे लटकने वाले नेताओं के वश में चक्रवात को रोकने की बात नहीं थी।
मेरा दावा है कि यदि राठौड़ साहब अजमेर के खादिम बंगले में होते तो बिपररॉय क्या कोई आँधी तूफान पूरे जिÞले में कदम नहीं रख पाता।
अजमेर में तबाही करने के भी ईश्वर ने ठेके दे रखे हैं। किस विधानसभा में कौन तबाही मचाएगा यह तय है। अजमेर उत्तर और पुष्कर में तबाही मचाने का ठेका किसके नाम छूटा है मैं यह पता नहीं लगा पा रहा। मेरा पत्रकार साथियों से आग्रह है कि वे भी पता लगाने में मेरी मदद करें।
आज धर्मेन्द्र राठौड़ अजमेर लौट रहे हैं तो मुझे याद आ रहा है दैनिक नवज्योति में मेरा कार्यकाल। 35 साल पहले का। तब नवज्योति की प्राणवायु! कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी हुआ करते थे। जब भी वह कहीं से लौट कर वापस अजमेर आते थे तो मुझे सख़्त हिदायत थी कि मैं उनके अजमेर आने की खबर छापूं। “कप्तान दुर्गा प्रसाद चौधरी आज अजमेर में”। इस खबर में मुझे उनके सारे कार्यक्रम पहले से बना कर सूचीबद्ध करने होते थे।
आज क्यों कि बात राठौड़ साहब की चल रही है इसलिए मैं आपको भटकाना नहीं चाहता। राठौड़ साहब ने जब से अजमेर का कार्यभार संभाला है तब से अजमेर की आबोहवा उनके ही चरण पखारती है। बिना आचरण देखे।
आज जब राठौड़ साहब अजमेर आएंगे तो कोई चक्रवात ! चक्रवर्ती राठौड़ साहब को चुनौती नहीं दे पाएगा! वह खुद एक चक्रवात हैं! जिधर जाते हैं मौसम बदल जाता है।
अजमेर में उनके सक्रिय होने के बाद भाजपा निस्तेज और निष्क्रिय लगने लगी है। उनके नेताओं की हैसियत सिर्फ़ बयानों तक सिमट गई है।
पिछले दिनों राठौड साहब के कृपापात्र अनिल शर्मा ने निजी शिक्षण संस्थाओं के शिक्षकों को जो निर्देश दिए! उससे पहले एक ब्राह्मण नेता को जो नसीहत दी उससे लगता है कि “जा पर कृपा राम की होई,ता पर कृपा करहीं सब कोई”।
जिस पर राठौड़ साहब की कृपा है उसका कोई कहीं का बाल बांका नहीं कर सकता और जिस पर उनकी कृपा नहीं वह कुछ भी करने में समर्थ नहीं हो सकता।
राठौड़ बाबा ने क्यों कि अब पुष्कर से चुनाव न लड़ने का मानस बना लिया है इसलिए ही पुष्कर में फिर बरसाती जीव जंतु शोर मचाने लगें हैं। जो भाई लोग इंसाफ मांगते मांगते राठौड़ साहब से चिपक गए थे सब उनसे छिटक गए हैं। खुल कर विरोध कर रहे हैं। क्या पार्षद क्या कार्यकर्ता और क्या पदाधिकारी सब राठौड़ साहब को भला बुरा कह रहे हैं। कांग्रेस का एक धड़ा तो पुष्कर विधानसभा से किसी ब्राह्मण नेता को टिकिट दिए जाने की मांग कर रहा है! कोई समता राम जी के गीत गा रहा है। जाहिर है कि राठौड़ साहब ने पुष्कर की तरफ से मुंह फेर लिया है। पता नहीं नसीम जी और उनके दो हजार करोड़ के पति क्यों इस खेल को समझ नहीं पा रहे। उनको तो राठौड़ साहब को थैंक्स देना चाहिए कि वह अजमेर उत्तर की तरफ कूच कर गए हैं। उनका पुष्कर राठौड़ के प्रभाव से मुक्ति पा चुका है।
मेरा दावा है कि यदि अजमेर उत्तर से उनका मोह भंग हो गया और वह पुन: पुष्कर की पवित्र पृथ्वी पर पधार गए तो उनको भला बुरा कहने वाले सभी चिल्गोजे फिर उनकी जयजयकार करने लगेंगे। ठीक उसी तरह जैसे आज कल अजमेर उत्तर के बड़े बड़े नेता कर रहे हैं।
मित्रो! आज राठौड़ साहब अजमेर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि वह विनाशकारी चक्रवात से तबाह हुए क्षेत्रों का दौरा करेंगे। प्रशासन उनके साथ रहेगा। गायबाना तौर पर राज्य की सरकार भी उनके साथ रहेगी। उनकी जुबान ऐलान कर उठेगी। वह कृपायें बरसायेंगे।
कभी कभी तो लगता है कि मैं देवनानी जी और अनीता भदेल से भी कहूँ कि कुछ दिन राठौड़ साहब के साथ रह कर राज करना सीखो। अगली साल काम आएगा! चुनाव लड़ने से पहले जो शख्श इतना बाहुबली है वह चुनाव लड़ने के बाद क्या करेगा?
चुनाव की टिकिट लाना और दिलाना तो राठौड़ साहब के बाएं हाथ का खेल है। वह चुनावों और टिकिट से बहुत ऊपर उठ चुके हैं। देखना कि अंत समय में पार्टी खुद उनको कह देगी कि आप एक विधानसभा में चुनाव लड़ कर अपनी चहुंमुखी प्रतिभा का विनाश न करें! आप पार्टी के स्टार फेस हैं! कॉग्रेस और भाजपा के नेताओं से आपके अच्छे सम्पर्क हैं! भाजपा के नेता भी आपके साथ उठते बैठते है! खाते पीते हैं! आप तो सभी विधानसभाओं में घूम। घूम। कर पार्टी को धन्य कीजिये।
बंधुओं ! देख लेना पार्टी के हित में राठौड़ साहब कहीं से चुनाव नहीं लड़ेंगे! यदि ऐसा हो जाये तो अजमेर के डरे हुए नेता फिर से एक हो जाएं। ये जो माहौल कांग्रेसियों के इर्द गिर्द है सब समाप्त हो जाए! पर राठौड़ साहब ऐसा करें तो सही।