मधुकर कहिन
जिस दिन मरोगे उस दिन अफसोस होगा उस के लिए जो नहीं जीया … जो हाथ में था लेकिन नहीं किया
तुमको लगता है कि तुम स्वार्थी हो तो क्या हुआ सब स्वार्थी हैं
तुम्हें लगता है तुमने चोरी की है… तो तुमको बता दूँ कि यहाँ कोई साहूकार नहीं है
तुम्हें लगता है कि तुमने किसी को धोखा दिया है … तो जान लो यहाँ कोई भी किसी का नहीं है … सब बस खुद के लिए है
यहाँ कोई आदर्श आदिपुरुष पैदा नहीं हुआ है
मिडिल क्लास आदर्श वादिता तुम्हें ज्यादा सता रही है तो उठा कर ताक पर रख दो उसे … और जियो
मुझे नहीं लगता कि स्वर्ग या नर्क है … और बुरे लोग नर्क ही जाते हैं … तुम्हें लगता है तो तुम जीयो उस तरीके से जिस से तुम स्वर्ग जाओ … मुझे अपने जैसा बनाने की कोशिश मत करो…
जिंदगी जीने आया हूँ और वही करूँगा…
जिंदगी या तो आगे देखने का नाम है या पीछे देखने का आखिर किस बात से डर रहे हो
बीमार न पड़ जाऊँ
सड़क पर न आ जाऊँ
अकेला न जीना पड़े
बच्चे छोड़ कर चले जाएंगे
यकीन मानो ऐसा कुछ भी नहीं होगा … जो होना है वह होकर रहेगा तुम्हारे सोचने और चिंता कर कर के अपना आज खतम कर देने से नहीं टलेगा … डरों मत… डरोगे तो मरने से पहले मारे जाओगे