नई दिल्ली। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत आप सस्ता सोना खरीद सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2023 24 के पहले सीरीज के तहत 19 जून से 23 जून के बीच सस्ता सोना खरीदा जा सकता है। वहीं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2023 24 की दूसरी सीरीज सितंबर में जारी की जाएगी। आरबीआई के जरिये सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की दूसरी सीरीज 11 सितंबर से 15 सितंबर 2023 को खुलेगी। इसकी इश्यू डेट 20 सितंबर 2023 होगी। आइए इस स्कीम से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जानते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बांड या सरकारी गोल्ड बांड के कई सारे फायदे हैं। भारत सरकार की तरफ से रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ये बांड जारी करता है। इस स्कीम के तहत आप आनलाइन और आफलाइन दोनों तरीकों से सोना खरीद सकते हैं। खास बात यह है कि गोल्ड बॉन्ड जीएसटी के दायरे में नहीं शामिल है। साथ में गारंटीड रिटर्न भी मिलेगा।
मिलेगा 2.50 फीसदी का ब्याज
गोल्ड बॉन्ड के लिए आनलाइन आवेदन करने और आनलाइन पेमेंट करने पर डिस्काउंट भी मिलता है। एसजीबी की कीमत 999 शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक्ड होती है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में आपको हर साल 2.50 फीसदी का ब्याज दिया जाता है। आप चाहें तो बॉन्ड के बदले लोन भी ले सकते हैं। इस बॉन्ड की कीमत भारतीय बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड के द्वारा तय किया जाता है। आईबीजेए पब्लिश्ड रेट के आधार पर बॉन्ड की कीमत तय करती है।
कितना कर सकते हैं निवेश
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने जा रहे हैं तो आपको कम से कम एक ग्राम सोना खरीदना होगा। वहीं, इंडिविजुअल्स और एचयूएफ के लिए यह सीमा 4 किलोग्राम है। ट्रस्ट और विश्वविद्यालयों के लिए अधिकतम सीमा 20 किलोग्राम है। भारत का कोई भी निवासी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और धर्मार्थ संस्थान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में निवेश कर सकते हैं।
कब होता है मैच्योर
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया लिमिटेड, डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज आॅफ इंडिया लिमिटेड और बीएसई के जरिए खरीदा जा सकता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी अवधि 8 साल की होती है। साथ ही आपको इसमें 5वें वर्ष के बाद अगली ब्याज भुगतान तारीखों पर बाहर निकलने का विकल्प भी मिलता है। मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद ग्राहक को प्राप्त होने वाला रिटर्न पूरी तरह टैक्स फ्री है।