सौ करोड़ के ट्रांजेक्शन, 250 करोड़ का फर्जी बिल

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रिक्शे और कबाड़ी वालों के अकाउंट से जीएसटी में धांधली

कानपुर। कानपुर डिवीजन की इन्कम टैक्स टीम ने गरीब तबके के लोगों का सहारा लेकर जीएसटी की बड़ी चोरी का खुलासा पूरा गैंग रिक्शे वाले और कबाड़ उठाने वाले लोगों के नाम पर फर्जी फर्म और बैंक अकाउंट खोलकर धांधली कर रहा था

यूं तो टैक्स चोरी और नकली बिल बना कर जीएसटी में धांधली करना कोई नई बात नहीं है, लेकिन कानपुर डिवीजन की इन्कम टैक्स टीम ने एक ऐसे नेक्सस का पदार्फाश किया है जो गरीब तबके के लोगों का सहारा लेकर जीएसटी और इन्कम टैक्स की बड़ी चोरी कर रहा था।

इन्कम टैक्स सूत्रों के मुताबिक इस पूरे नेक्सेस का मास्टरमाइंड कानपुर में भूसा टोली इलाके में ही काम करता है। अभियुक्त कबाड़ मंडी में मौजूद स्क्रैप, बैटरी डीलर एवं अन्य व्यापारियों को फर्जी बिल सप्लाई करता था। इन फर्जी बिलों में वह जिन लोगों से सामान की खरीद दिखाता था वह और कोई नहीं बल्कि रिक्शेवाले और कबाड़ उठाने वाले जैसे गरीब तबके के लोग थे। जिसके बाद फर्जी आईटीसी क्लेम और जीएसटी में रिबेट भी लेते थे। इस पूरे काम के लिए अभियुक्त ने कई सौ कबाड़ वालों और रिक्शे वालों के नाम पर कई फर्म खोली। बैंक में फर्जी एड्रेस देकर खाता खुलवाया और उनसे उनकी चेक बुक पर साइन ले लिए। बैंक की डिटेल्स और एटीएम कार्ड अपने पास रख लिया।

जिसकी एवज में उन सभी गरीब लोगों को महीने 10000 रुपये देने का वादा किया गया। इन्हीं के बैंक खातों में पेमेंट करी जाती थी और फिर चेक के जरिए वही पेमेंट वापस निकाली जाती थी। ऐसा करके अभियुक्त ने ढाई सौ करोड़ से ज्यादा की ट्रांजैक्शन कर डालें और एजेंसीज को 80 करोड़ के ऊपर का चूना लगा डाला। इनमें से कई ऐसे लोग ऐसे हैं, जिन्हें 10,000 रुपये दिए जाने का वादा किया गया था, लेकिन कुछ समय बाद उन्हें वह भी मिलना बंद हो गया। जब जीएसटी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इसके बारे में पता चला तो इन फर्म्स को नोटिस भेजा गया। जब इनमें से अमित कश्यप, सोमल तिवारी, सफल सिंह और प्रदीप नाम के व्यक्ति जो कि कबाड़ बीनने का काम करते हैं, एजेंसी के सामने आए तो उनके होश उड़ गए। यहीं से पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हुआ।

इन्कम टैक्स सूत्रों की मानें तो इस मामले में बैंक अधिकारियों पर भी सवाल उठते हैं कि कैसे केवाईसी इन लोगों की नहीं कराई गई। प्रॉपर ब्रेक ग्राउंड चेक नहीं कराया गया और इनकी फर्म और खाते बैंक अकाउंट में खोल दिए गए। इस नेक्सस के मास्टर माइंड के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इनकम टैक्स द्वारा कई नोटिस भी दिए गए। जल्द ही आगे की करवाई भी इसमें की जाएगी।

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