नई दिल्ली। बिपरजॉय जब गुजरात के तट से टकराएगा तो उस वक्त 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, समंदर तट से टकराने से पहले बिपरजॉय थोड़ा कमजोर हो सकता है लेकिन इसमें तबाही मचाने की क्षमता बनी हुई है। लैंडफॉल से पहले चक्रवात बिपरजॉय का असर गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर में सबसे अधिक दिखाई दे रहा है। वहीं, मुंबई के समंदर में भी उफान हैं।
महातूफान बिपरजॉय का खतरा गुजरात पर सबसे ज्यादा मंडरा रहा है। राज्य के तटीय क्षेत्रों में दो से तीन मीटर ऊंची लहरें उठ रही हैं। तूफान गुजरात से अभी करीब 180 किलोमीटर दूर है, जो रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। तूफान की असर से गुजरात के कच्छ, मांडवी समेत कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। मौसम विभाग की मानें तो ये तूफान काफी शक्तिशाली है। कच्छ के जखाऊ पोर्ट से टकराने के बाद ये तूफान काफी तबाही मचा सकता है। गुजरात के अलावा मुंबई में भी तूफान के असर से समंदर में उफान देखने को मिल रहा है। ऊंची-ऊंची लहरें डरा रही हैं। साथ ही तेज हवाएं चल रही हैं।
150 किलोमीट प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं, महाराष्ट्र पर भी असर
बिपरजॉय जब गुजरात के तट से टकराएगा तो उस वक्त 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, समंदर तट से टकराने से पहले बिपरजॉय थोड़ा कमजोर हो सकता है लेकिन इसमें तबाही मचाने की क्षमता बनी हुई है। लैंडफॉल से पहले चक्रवात बिपरजॉय का असर गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर में सबसे अधिक दिखाई दे रहा है।
सेना मुस्तैद
आईएमडी ने कहा कि कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर में 15 जून को अधिकतर इलाकों में छिटपुट जबकि निकटतम इलाकों में अत्यधिक वर्षा होने की संभावना है। वहीं, मुंबई में भी समंदर की लहरों ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। मैरिन ड्राइव पर हाई टाइड की स्थिति है। वहीं, जुहू बीच पर एहतियातन लोगों की एंट्री बंद कर दी गई है।
गुजरात में 74,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
चक्रवात बिपरजॉय के टकराने की संभावना को देखते हुए राज्य प्रशासन ने एहतियात के तौर पर तट के पास रहने वाले 74,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित कर दिया है। अकेले कच्छ जिले में लगभग 34,300 लोगों को निकाला गया, इसके बाद जामनगर में 10,000, मोरबी में 9,243, राजकोट में 6,089, देवभूमि द्वारका में 5,035, जूनागढ़ में 4,604, पोरबंदर जिले में 3,469 और गिर सोमनाथ जिले में 1,605 लोगों को निकाला गया। इसी के साथ गुजरात के दो सबसे प्रसिद्ध मंदिर – देवभूमि द्वारका में द्वारकाधीश मंदिर और गिर सोमनाथ जिले में सोमनाथ मंदिर गुरुवार को भक्तों के लिए बंद रहेंगे। इन क्षेत्रों में मौसम विभाग ने तेज बारिश की चेतावनी जाहिर की है।
ठऊफऋ की टीमों ने संभाला मोर्चा
तूफान से जुड़े खतरों को देखते हुए सरकार ने कंट्रोल रूम बनाए हुए हैं, जिसके जरिए हालात पर नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही गुजरात के सभी 33 जिलों में हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। इतना ही नहीं लोग किसी भी मदद के लिए 1077 पर कॉल कर सकते हैं। उद्योगों को किसी भी प्रकार की मदद के लिए उद्योग विभाग ने भी हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
तूफान से निपटने के लिए गुजरात और महाराष्ट्र में टीमों को तैनात किया है। 18 टीमें गुजरात में एक्टिव रहेंगी। इसके अलावा एक टीम दादर और नगर हवेली के साथ-साथ दमन और दीव में भी मौजूद रहेगी। गुजरात की बात की जाए तो 4 टीमों को गुजरात के कच्छ जिले में, तीन टीमों को राजकोट और तीन को द्वारका में तैनात किया गया है।
गुजरात के जामनगर में 2, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, मोरबी, वलसाड और गांधीनगर में एक-एक टीम तैनात की गई है। महाराष्ट्र की बात की जाए तो यहां 14 टीमों को लगाया गया है। इसमें से 5 को मुंबई में तैनात किया गया है, जबकि बाकी को अलर्ट मोड पर रखा गया है।