सचिन पायलट की समर्थक प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली गिरफ्तार होने को तैयार

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पायलट समर्थक रलावता के पुत्र पर दर्ज हो चुका है मुकदमा
आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ की दखल से अजमेर में कांग्रेस की फूट चौराहे पर

राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे भरोसेमंद कांग्रेस नेता धर्मेन्द्र राठौड़ के दखल की वजह से अजमेर में सत्तारूढ़ कांग्रेस की फूट चौराहे पर है। राठौड़ अजमेर उत्तर और पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए लालायित हैं। यही वजह है कि अजमेर उत्तर और पुष्कर में कांग्रेस का टिकट मांगने वाले नेताओं को ठिकाने लगाने का काम कर रहे है। 14 जून को ही पुष्कर की पूर्व विधायक आगामी चुनाव में कांग्रेस टिकट की प्रबल दावेदार श्रीमती नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली सहित 20 लोगों पर सरकारी कार्यक्रम में गुंडा गर्दी करने का मुकदमा पुलिस ने दर्ज किया है।

अजमेर के सिविल लाइन पुलिस थाने पर यह मुकदमा तब दर्ज हुआ है, जब श्रीमती नसीम अख्तर सत्तारुढ़ कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर है। गंभीर बात तो यह है कि यह मुकदमा अजमेर जिला परिषद के विजय सिंह चौहान ने दर्ज करवाया है। चौहान के पास ही अजमेर ग्रामीण और पीसांगन पंचायत समिति के विकास अधिकारी का पद भी है। यानी एक अधिकारी के पास तीन पद है। सिंह ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 13 जून को जब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के रीट कार्यालय में गांधी दर्शन समिति की ओर से कार्यक्रम हो रहा था, तब नसीम अख्तर अपने साथियों के साथ आईं और सरकारी कार्यक्रम में बाधा पहुंचाई। वीडीओ ने अपनी रिपोर्ट में नसीम के पति इंसाफ अली, कार्यकर्ता इरशाद, मजीद, मुकेश आदि के नाम भी लिखवाए। पुलिस ने वीडीओ की शिकायत पर दंगे का प्रयास करने की धारा 147, 143, 149, सरकारी अधिकारी को धमकाने की धारा 189, 186, सरकारी कार्य में बाधा डालने व रोकने की धारा 452, 332, 353 और गाली गलौज करने की धारा 506 में नसीम अख्तर और उनके साथियों पर मुकदमा दर्ज किया है।

जबकि श्रीमती अख्तर का कहना है कि यह मुकदमा राजनीतिक द्वेषता की वजह से दर्ज करवाया गया है। 13 जून को पुष्कर में आने वाली अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति का महंगाई राहत शिविर लगा था। क्षेत्र की पूर्व विधायक होने के नाते राहत शिविर की जिम्मेदारी मेरी थी। लेकिन इस शिविर में वीडीओ विजय सिंह चौहान और अन्य अधिकारी उपस्थित नहीं हुए। मुझे जब यह जानकारी मिली कि अधिकांश अधिकारी रीट कार्यालय में आयोजित समारोह में उपस्थित हैं तो मैंने रीट कार्यालय जाकर अधिकारियों को उलाहना दिया। मेरी बातचीत अधिकारियों से कार्यक्रम के बाहर हुई। लेकिन इसके बाद भी मेरे और समर्थकों के विरुद्ध संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

श्रीमती अख्तर ने बताया कि जिस वीडीओ विजय सिंह चौहान ने उनके विरुद्ध पुलिस में शिकायत दी है, उस विजय सिंह चौहान का मैंने अजमेर ग्रामीण के पद पर विरोध किया था। इस संबंध में मैंने 23 मार्च, 2021 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चौहान को मेरी पंचायत समिति में वीडीओ नहीं लगाने का आग्रह किया था। श्रीमती अख्तर ने कहा कि दर्ज मुकदमे में वे अदालत से अग्रिम जमानत नहीं करवाएंगी। मैं अपने साथियों के साथ गिरफ्तार होने को तैयार हंू। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि कांग्रेस की सरकार में ही उन जैसी कर्मठ और वफादार कार्यकर्ता के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है। नसीम ने कहा कि वे देश भर के कुरैशी समाज की महिला शाखा की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से देश भर के कुरैशी समाज में भी नाराजगी है।

रलावता के पुत्र पर भी मुकदमा:
अजमेर उत्तर से कांग्रेस टिकट के प्रबल दावेदार और गत माह चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता के पुत्र शक्ति सिंह रलावता और कांग्रेस के अन्य कार्यकतार्ओं के विरुद्ध भी क्रिश्चियन पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया था। यह मुकदमा कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश की सह प्रभारी अमृत धवन के अजमेर आगमन पर हुआ। कार्यक्रम स्थल पर कांग्रेस के कार्यकतार्ओं में जो मार पिटाई हुई उसे देखते हुए अमृता धवन कार्यक्रम स्थल पर नहीं आई। असल में इन दिनों अजमेर जिले की राजनीति में आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ का दखल है। हालांकि राठौड़ पूर्व में अजमेर की राजनीति में सक्रिय नहीं थे, लेकिन पिछले दो वर्षों से राठौड़ सक्रिय हैं।

राठौड़ ने दो दिन पहले ही संकल्प लिया है कि अजमेर जिले की सभी आठों सीटों पर कांग्रेस की जीत करवाएंगे। जब तक जीत नहीं होगी, तब तक वे किसी भी समारोह में माला और साफा नहीं पहनेंगे। चूंकि राठौड़ पुष्कर या अजमेर उत्तर से चुनाव लड़ना चाहते हैं, इसलिए इन दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में टिकट मांगने वालों को ठिकाने लगाने का काम कर रहे हैं। जिन घटनाओं को लेकर नसीम अख्तर और रलावता के पुत्र पर मुकदमा दर्ज हुए हैं, ऐसी घटनाएं राजनीति में आम है।

लेकिन अपने विरोधियों को कुचलने के लिए धर्मेंद्र राठौड़ की ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। राठौड़ कह सकते हैं कि इन दोनों मुकदमों में उनकी कोई भूमिका नहीं है। यह सही भी है कि राठौड़ ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया है। लेकिन सब जानते हैं कि अजमेर पुलिस में धर्मेन्द्र राठौड़ की एक तरफा चल रही है। राठौड़ के पास जो राज्यमंत्री का दर्जा है, वैसे राज्य मंत्री सीएम गहलोत ने करीब पचास बना रखे हैं। लेकिन धर्मेन्द्र राठौड़ अकेले ऐसे राज्यमंत्री हैं जिन्हें अजमेर में पुलिस का पायलट वाहन उपलब्ध होता है।

दोनों पायलट समर्थक:
श्रीमती नसीम अख्तर और महेंद्र सिंह रलावता दोनों ही पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के समर्थक हैं। गत 11 मई को पायलट ने अपनी जन आक्रोश यात्रा अजमेर में रलावता के जयपुर रोड स्थित फार्म हाउस से ही शुरू की थी। हालांकि प्रदेश उपाध्यक्ष होने के नाते नसीम अख्तर मुख्यमंत्री गहलोत के संपर्क में भी हैं, लेकिन इन दोनों को पायलट समर्थक ही माना जाता है।

मुस्लिम एकता मंच का भी विरोध:
कांग्रेस की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नसीम अख्तर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का मुस्लिम एकता मंच ने भी विरोध किया है। मंच के प्रतिनिधि पीर नफीस मियां चिश्ती, नवाब हिदायतुल्ला, काजी मुनव्वर अली, फखर काजमी ने कहा कि श्रीमती अख्तर मुस्लिम समाज की भी सम्मानित नेता है। उनके विरुद्ध राजनीति द्वेषता के चलते मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रतिनिधियों ने इस बात पर अफसोस जताया कि कांग्रेस के शासन में ही कांग्रेस की पदाधिकारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है।

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