कोरोना वायरस का पहला शिकार, खतरनाक इरादे थे इसके

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चीन की वुहान लैब से इस वायरस के लीक होने की संभावना तो पहले से ही जताई जा रही थी। अब उस शख्स की पहचान हो गई है, जो सबसे पहले इस वायरस से संक्रमित हुआ। उसके साथ दो और लोग थे।

कोरोना वायरस आखिर कैसे फैला? वो पहला शख्स कौन था, जिसे इस जानलेवा वायरस ने जकड़ा? पूरी दुनिया में मौत का तांडव मचाने वाले इस वायरस की शुरूआत आखिर कहां से हुई थी? तीन साल से हर कोई इन सवालों के जवाब तलाश रहा है। अब जवाब ढूंढते-ढूंढते वो पहला शख्स तो मिल ही गया, लेकिन साथ ही एक खतरनाक साजिश का भी खुलासा हुआ है।

अमेरिकी सरकार के कई अधिकारियों ने दावा किया है कि इस खतरनाक वायरस ने सबसे पहले एक साथ तीन लोगों को अपना शिकार बनाया। ये तीन लोग कोई और नहीं बल्कि चीन की कुख्यात वुहान लैब के ही वैज्ञानिक थे। कथित तौर पर इनके नाम बताए गए हैं- बेन यू, पिंग यू और यान जू। दुनियाभर के वैज्ञानिकों को पहले से ही शक है कि वुहान लैब से ही कोरोनावायरस निकला था।

वायरस के साथ जानलेवा प्रयोग
अमेरिकी अधिकारियों ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि बेन यू नाम के शख्स ने ही कोविड के वायरस के साथ खतरनाक प्रयोग किए। जनर्लिस्ट माइकल शेलेनबर्गर और मैट टैबी ने अपनी खबर में अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से यह बात कही है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बेन यू ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर ये जानलेवा प्रयोग किए।

इस प्रक्रिया में संक्रमित हो गए। उनमें ठीक वैसे ही लक्षण थे, जैसे कि कोविड के समय होते हैं। 2019 में ये लोग वायरस के साथ एक्सपेरिमेंट कर रहे थे। कोविड को लेकर चीन ने जब कोई जानकारी भी नहीं दी थी, उससे काफी पहले इन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।

कैसे पहुंचे ‘Patient Zero’ तक
पब्लिक एंड रैकेट नाम की एजेंसी ने अमेरिकी सरकार के कई वैज्ञानिकों के हवाले से यह दावा किया है। जब इन वैज्ञानिकों से पूछा गया कि क्या आपको यकीन है कि बेन हू ही कोविड का पहला मरीज था, तो उन्होंने कहा, 100 फीसदी। हालांकि उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि वे कैसे वुहान लैब के इन वैज्ञानिकों तक पहुंचे। आखिर क्यों उन्होंने इस दावे को सार्वजनिक नहीं किया? इसमें सरकार आगे क्या करने वाली है?

2017 से कर रहे थे रिसर्च
कोविड-19 ने 2019 में दुनिया को अपनी चपेट में लेना शुरू किया। लेकिन इस तरह के वायरस पर लंबे समय से चीन में काम किया जा रहा था। दिसंबर 2017 का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें बेन हू बिना मास्क या कवर के उस लैब में घूम रहा है, जहां से कोविड-19 वायरस निकला। इसका मतलब यह हुआ कि भले ही यह दावा किया जाए कि वैक्सीन बनाने के लिए कई तरह के वायरस पर प्रयोग किया जा रहा था, लेकिन लैब में सुरक्षा का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जा रहा था।

तबाही मचाने को तैयार कर रहे थे हथियार!
माना जाता है कि वुहान इंस्टीट्यूट आफ विरोलॉजी की सीनियर वैज्ञानिक शी जेंग्ली चमगादड़ों में मिलने वाले वायरस पर काम कर रही थीं। इस वैज्ञानिक को लोग बैट वुमेन भी कहते हैं। कई थ्योरी और जांच में यह अनुमान लगाया गया है कि इसी की लैब से कोरोना वायरस निकला था। बेन यू इसी वैज्ञानिक का खास था। वो रअफर जैसे वायरस को इंसानी गुणों वाले चूहों पर टेस्ट करने में लगा हुआ था। इसी काम में वह गलती से इस वायरस से संक्रमित हो गया।

वुहान लैब की खतरनाक रिसर्च
चीन की Bat Woman शी जेंग्ली के नेतृत्व में वुहान की इस कुख्यात लैब में Gain of Function नाम से एक रिसर्च शुरू हुई थी। इस रिसर्च में जानवरों में मिलने वाले वायरस के इंसानों पर असर को लेकर टेस्ट किए जा रहे थे। हालांकि डॉक्टर शी को यह डर भी सता रहा था कि कोविड वायरस लैब से बाहर जाकर तबाही मचा सकता है।

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