जलाना रघु शर्मा के पुतले का और फेल हो जाना यूजर्स टैक्स के सवाल पर अजमेर के व्यापारियों का

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भाजपा और कांग्रेस के सारे धुरंधर आखिर इतने नपुंसक कैसे हो गए मालवीय! डॉ रघु! राठौड़! देवनानी! नीरज जैन सब फेल
अजमेर में आखिर कौनसी चमत्कारी शक्तियां! काचे कलवे पाल रही हैं हर सवाल का जवाब मेरा यह ब्लॉग

राजस्थान की राजनीति में कभी सर्वशक्तिमान रहे डा.ॅ रघु शर्मा का पुतला फूंके जाने की खबर ने कांग्रेस पार्टी के प्याज को सड़क पर फोड़ दिया है। इधर यूजर्स टैक्स के मसले पर भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के नेताओं की औकात भी सामने आ गई है।

दोनों ही मुद्दों का यदि बारीकी से अध्ययन किया जाए तो पता चलता है कि इन दोनों के पीछे कोई खेल खेल रहा है।

आइए दोनों के पीछे की कहानी पर विचार कर लें। अजमेर जिले में डॉक्टर रघु शर्मा के प्रभाव को खारिज नहीं किया जा सकता। माना उनके पास खोने को अब कुछ भी नहीं बचा है। हाँ इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि राज्य में उनकी जिस आवाज में तूंती बोला करती थी, वह खामोश हो चुकी है। राजनेताओं, कार्यकर्ताओं और सरकारी तंत्र पर उनकी पकड़ ढ़ीली पड़ चुकी है।

केकड़ी जो उनका विधानसभा क्षेत्र है वहां तक राजनीति के चूजे उनको भाव नहीं दे रहे। उनका जनाधार यद्यपि अभी भी उनकी पकड़ में है मगर वह सिर्फ़ दिखावे भर का है।

यही वजह है कि रघु शर्मा के नाम से छोले भटूरे बेचने वाले कई लोग जो कल तक उनके शरणागत रहे अब राठौड़ बाबा के चरणों का अमृत पान कर रहे हैं। रघु शर्मा के कई कृपा पात्र कारोबारी नेताओं ने सुरंगों के माध्यम से अपने रिश्ते राठौड़ बाबा से जोड़ रखे हैं। कई भूमाफिया दलाल जो कल तक खुद को रघु शर्मा का हनुमान कहा करते थे, अब अपने कारोबार को सुरक्षित रखने के लिए राठौड़ बाबा की जय जयकार कर रहे हैं।

मैं जानता हूं कि राठौड़ बाबा का चमत्कार नितांत नकली है। उनका पूरा साम्राज्य गहलोत की गुलामी में ही निहित है। उनकी कोहनी में गहलोती मधुमक्खी का छत्ता लटका हुआ है, जिसमें रोज शहद का उत्पादन हो रहा है। यह शहद अधिकारी वर्ग सर्वाधिक चाट रहा है। गहलोत से अपनी नजदीकी दिखाने में माहिर बाबा योग्यता के मामले में रघु शर्मा की राजनीतिक गांठ के बाल हैं। राजनीतिक दूरदर्शिता उनके पास नहीं।

रघु शर्मा हमेशा चाणक्य की भूमिका में रहे हैं। सत्ता,संगठन और विपक्ष तीनों में संतुलन बनाए रखकर उन्होंने जो छवि बनाई है उसे तोड़ने में राठौड़ बाबा को कई जन्म लेने पड जाएंगे… मगर … मगर यह भी सही है कि उनके पुतले जलाए जा रहे हैं।

आखिर क्यों? जिस रघु शर्मा की लघु शंका से चिराग जला करते थे, उनके चिराग ही उनका पुतला जला रहे हैं। आखिर यह किसके इशारे पर हो रहा है यह किसी से छुपा नहीं।

रघु शर्मा! जिले की राजनीति पर अपना जादू समाप्त होते नहीं देखना चाहते। वह अजमेर शहर और ग्रामीण क्षेत्र में अपने कार्यकतार्ओं और समर्थकों के हितों को सुरक्षित रखना चाहते हैं। यही वजह है कि उनके इस कृत्य को कुछ प्रभावशाली नेता बर्दास्त नहीं कर पा रहे। यहां मैं बता दूं कि डॉ रघु शर्मा के प्रभाव को चुनौती दी जा सकती है कम नहीं किया जा सकता। मैं उनकी अनेक शक्तियों का जानकार हूं। यह भी जानता हूं कि डॉ रघु शर्मा को 101 राठौड़ बाबा भी निस्तेज नहीं कर सकते।

डॉ रघु शर्मा को अपने कृपा पात्रों को एक बार फिर से एकत्रित करना चाहिए। यह बात सही है कि गुजरात प्रभारी बनकर वह उन्हें भगवान भरोसे छोड़ गए। लावारिस की तरह। यदि गुजरात जाने से पहले अजमेर विकास प्राधिकरण सहित अन्य राजनीतिक पदों पर वह अपने चेलों की नियुक्ति करवा जाते तो उनका पुतला जलाने की नौबत नहीं आती। खुद को केंद्रीय राजनीती में रोपने के चक्कर में उन्होंने अपनी फौज को, राजनीति की सब्जी मंडी में मुंह मारने के लिए तन्हा छोड़ दिया ।अब इसका खामियाजा तो भुगतना ही पड़ेगा।

….और आइए बात करें यूजर्ज चार्ज की। अजमेर के अतिरिक्त्त चतुर व्यापारी समाज ने चार्ज को खत्म करवाने में किसी भी देवरे को ढोकने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। अजमेर प्रभारी मालवीय जी जब अजमेर आए तो उनके मुंह में जुबान रख दी गई। निगम के अधिकारियों को चार्ज हटाने के लिए वह साफ साफ कह गए। चार्ज नहीं हटा।

उन्होंने डॉक्टर श्रीगोपाल बाहेती, राजकुमार जयपाल से लेकर हर चंगू मंगू नेता को अपने साथ कर लिया! भाजपा नेता व उपमहापौर नीरज जैन तक को उन्होंने साथ ले लिया !….फिर राठौड़ बाबा से भी उन्होंने समर्थन प्राप्त कर लिया। डॉ रघु शर्मा अजमेर आए तो वह उनका कुर्ता पकड़कर-भी लंबूट लिए।

अब विधायक वासुदेव देवनानी ने भी नगर निगम के आयुक्त सुशील जी को यूजर चार्ज नहीं हटाने पर उन्हें हटवाने की चेतावनी दे डाली है।

निगम में भाजपा का बोर्ड है। बोर्ड चाहे तो यह आदेश एक सेकंड में निरस्त कर सकता है। आदेश निरस्त नहीं हो रहा। कमाल का तंत्र है। देवनानी, नीरज जैन सहित सारे भाजपाई पार्षद मिलकर भी अपने बोर्ड में बैठे अधिकारियों को झुका नहीं पा रहें?

कांग्रेस सरकार में उनके नेता लोकल स्तर पर अपनी वाहवाही नहीं करवा पा रहे! इसके पीछे कौन सी शक्ति काम कर रही है?

दोस्तों! सबकी जिम्मेदारी किसी की जिम्मेदारी नहीं होती।

अजमेर के व्यापारी शायद यही बात नहीं समझ पा रहे। बच्चा जो माता-पिता, भाई-बहन, मामा मामी, चाचा चाची, सब से एक साथ दूध मांगता है तो सब एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल देते हैं।

सबके चरण स्पर्श करने की जगह, यदि व्यापारी वर्ग जयपुर जाकर सीधे मुख्यमंत्री से बात करता तो अब तक टैक्स वापस ले लिया जाता। अब श्रेय की लड़ाई चल रही है। मालवीय जी! रघु शर्मा! राठौड़ बाबा! देवनानी! आखिर कौन श्रेय लेगा? बस यही सवाल उत्तर ढूंढ रहा है।

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