…तो क्या अनुपम गोयल इतने चरित्रवान हैं कि आईने में खुद को न देखकर भदेल को देखें? क्या पूर्व में प्रचारित आडियो में गोयल की आवाज नहीं जिसमें वह युवती को गलत काम के लिए उकसा (पटा) रहे हैं?
_* क्या भदेल को निबटाने के लिए कुछ लोग संगठित हो चुके हैं?
- सुरेन्द्र चतुवेर्दी
अजमेर की भारतीय जनता पार्टी में आपसी मनमुटाव का मवाद इतना बढ़ गया है कि विधायिका अनिता भदेल को ठिकाने लगाने के लिए कई ताकतें संगठित हो गई हैं।
इसका ताजा उदाहरण कल पुष्कर में देखने को मिला, जहां चर्चाओं में रहे बहुचर्चित और चरित्रवान अनुपम गोयल ने सोशल मीडिया विभाग की प्रदेश स्तरीय कार्यसमिति की बैठक आयोजित करवाई। इस बैठक के लिए जो बैनर बड़े स्तर पर शहरों में लगाए गए, उनमें आश्चर्यजनक रूप से केवल अनिता भदेल को ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इस बैनर में बाकी सभी विधायकों और संगठन के नेताओं की फोटो लगाई गई लेकिन बेचारी अनीता भदेल को हिकारत से नजरअंदाज किया गया। अनीता भदेल को ही क्यों पोस्टर से निकाला गया और क्यों उन्होंने प्रदेश स्तर की बैठक में अपनी मौजूदगी दर्ज नहीं करवाई? क्यों उन्होंने आज ही के दिन अपने स्तर पर छात्रों को सम्मानित करने का अलग से एक कार्यक्रम रख लिया? यह मुद्दा निश्चित रूप से जांच का विषय है।
इस सम्मेलन में उपस्थित राजस्थान की कई नामी गिरामी राजनीतिक हस्तियों में से किसी ने भी चरित्रवान अनुपम गोयल से यह पूछने की जहमत नहीं उठाई कि अनिता भदेल ने उसका कौनसा तीतर मार लिया, जो उन्हें पोस्टर लायक भी नहीं समझा गया!
खास तौर से अजमेर शहर के जिला अध्यक्ष प्रियशील हाडा जी से मैं यह पूछना चाहूंगा कि जब आपकी और आपकी मेयर पत्नी की खूबसूरत तस्वीरें सहित लगभग 21 फोटो बैनर्स पर काबिज हैं! अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी जी की भी तस्वीर है! विधायक लांबा, सुरेश रावत और पुष्कर के सभापति पाठक जी तक की तस्वीर है! तो फिर विधायक अनिता भदेल को ही किसी लायक क्यों नहीं समझा गया? आप तो जिला भाजपा संभालते हैं! आपका तो काम संगठन को एक सूत्र में बांधना है! फिर आप कैसे खामोश रह गए? कहीं इस पोस्टर राजनीती में आपके और अनीता जी के रिश्ते तो आड़े नहीं आ गए?
हो सकता है कि शहर जिला अध्यक्ष प्रियशील हाडा मेरी बात का यह कह कर जवाब दें कि शहर में लगे इन पोस्टर बैनर्स से मेरा क्या लेना देना! कार्यक्रम तो सोशल मीडिया विभाग का था वह जाने!
दोस्तों! मुझे पता है कि उनका जवाब यही होगा! दोस्तों सोशल मिडिया विभाग (जो वर्तमान में पार्टी का चेहरा कहा जा सकता है) उसके लिए ऐसा बयान गैर जिम्मेदार कहा जा सकता है। तो आइए जरा जान लीजिए कि इस सोशल मिडिया सेल का असली चेहरा कितना चरित्रवान है?
अनुपम गोयल नाम के चरित्रवान नेता जी इस सोशल मिडिया सेल के संभाग प्रभारी हैं! इनके बारे में, इनकी नियुक्ति के समय मैंने एक ब्लॉग लिखा था जिसे आज फिर काट पीट के पोस्ट कर रहा हूं। भाजपा के सारे नेता इसे एक बार फिर से पढ़कर देखें कि भाजपा का यह चेहरा कितना सम्मानजनक है? इनको एक संस्कारवान पार्टी द्वारा इतना सब कुछ सार्वजनिक हो जाने के बावजूद भी इतनी तवज्जो देना आश्चर्यजनक है।
आपको संक्षिप्त में बता दूँ कि इस चेहरे ने अपने साथ काम करने वाली एक युवती को किसी खास वजह से उकसाने के लिए किस किस तरीके के तर्क रखे! यह मेरी फेसबुक पर ब्लॉग संख्या 1831 में पोस्ट आॅडियो से आप सुन सकते हैं। फिलहाल इस चेहरे के पूरे कारनामें जानने के लिए पढ़ें विस्तार से लिखा मेरा पिछला ब्लॉग
पढ़िए पूर्व में मेरे द्वारा लिखा ब्लॉग
1831
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अनुपम विचार धारा के अनुपम को अनुपम भाजपा ने बनाया सोशल मीडिया सेल का संभाग प्रभारी?
* नियुक्ति होते ही चाल ,चेहरा और चरित्र को दशार्ने वाला आडियो हुआ वायरल? * सांसद चुनाव में “डेटा बैंक” देने गया था विपक्षी पार्टी प्रत्याशी के निजी सचिव को,और शिकायत होने पर चुनाव के बीच ही हटाया गया था?
* अब पुन: ताज पोशी को लेकर आलाकमान चचार्ओं में??*
- सुरेन्द्र चतुवेर्दी
यह संस्कारवान पार्टी है। यहाँ चाल, चेहरा और चरित्र को कंप्यूटरीकृत कांटे पर तोला जाता है। चरित्रहीन और दोगली मानसिकता के लोगों को यहां कोई तवज्जो नहीं दी जाती। खास तौर से राजस्थान में तो यह पार्टी किसी को भी नियुक्ति देने से पहले व्यक्ति को कई अग्नि परीक्षाओं से गुजारती है। इस बार भी ऐसा ही किया गया होगा। अजमेर संभाग की सोशल मीडिया सेल पर इस पार्टी ने अनुपम प्रतिभा को नियुक्त कर चाल ,चेहरा और चरित्र तीनों के महान पुरुषों की मुद्रा में सम्मान दिया है।मैं पार्टी हाईकमान को इसके लिए बधाई देता हूँ।
संस्कारवान पार्टी में फिर एक बार ऐसे नेता को नियुक्ती दी गयी है, जिसके चर्चे करवा चौथ पर होते हैं। अनुपम आधुनिक विचारों के प्रतिनिधि नेता हैं।प्रगतिशील विचारों के होने से उनकी विचारधारा कामुक होने के बावजूद दो टूक है। वे स्त्री पुरुष के बीच बनाए जाने वाले संबंधों को चार्वाक ऋषि की विचारधारा से जोड़ते हैं। “खाओ, पीयो और जिन्दगी के मजे लूट”। जो लोग खुले सेक्स को कुत्सित निगाह से देखते हैं, उनके लिए अनुपम गोयल के विचार संदिग्ध हो सकते हैं मगर वे इसे दकियानूसी मानते हैं।
अनुपम जो अब पूरे संभाग का आई टी विभाग चलाएंगे उनके विचार कितने उच्च स्तरीय हैं, यह जानने के लिए पाठक मेरे फेसबुक अकाउंट पर जाएं और वह आॅडियो सुनें जिनमें आचार्य रजनीश की भाषा में वे अपने साथ काम करने वाली युवती को उकसा रहे हैं। कथित संस्कारवान युवती उनकी दृष्टि में दकियानूसी विचारों की है। क्योंकि वो संबंध स्थापित करने को बुरा मानती है। मगर फिर भी अनुपम जी उसे अपने वैचारिक मोहपाश में लेकर शरणागत करना चाहते हैं। आॅडियो सुनने लायक है। इससे पाठक संस्कारवान पार्टी के चाल चेहरे और चरित्र के पीछे छुपे सत्य से वाकिफ हो सकते हैं।
दोस्तों! वैसे तो ये आॅडियो पहले चर्चित हो चुका है परंतु अब जैसे ही आलाकमान ने इनको संभाग स्तर का नेता बनाया वैसे ही अनुपम कारसेवक सक्रिय हो गए और इस आॅडियो को जोरदार तरीके से वायरल कर दिया। मुझे भी इस नियुक्ति के पीछे इनके राजनीतिक आका के आशीर्वाद को लेकर भी बहुत कुछ बताया गया।
संगठन की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का वादा करने वाले अनुपम जी बेबाक और स्पष्ट चरित्र के नेता हैं। आइए इनके बारे में और भी थोड़ा बहुत जान लिया जाए।
यह अनुपम प्रतिभा पूर्व में आईटी विभाग के अजमेर जिला संयोजक का दायित्व भी निभा चुकी हैं। सांसद चुनाव के दौरान एक होटल में पूरे सोशल मीडिया और आई टी विभाग (जिसमे मतदाताओं से संबंधित भी कई डाटा था) वो डाटा विपक्षी पार्टी को सौंपने (बेचने के लिए कहना उपयुक्त नहीं होगा) की चर्चा भी उस समय जोरों पर रही थी।
कांग्रेस के प्रत्याशी के निजी सचिव से पता नहीं किस तरह का झुनझुना लेने गए थे। यह बात लीक होकर प्रमुख पदाधिकारियों के पास आ गई। खास तौर से तत्कालीन जिलाध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा के पास तो हेड़ा जी ने इस बात को चुनावी रण में पार्टी के लिए बहुत गंभीर तरीके से लिया। उन्होंने इस पर तुरंत कार्रवाई करके ऊपर तक (प्रदेश नेतृत्व को) इस बारे में जानकारी दी । कार्यकतार्ओं की इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए हेड़ा जी ने तुरंत ही कड़ा निर्णय लिया और सांसद चुनाव में ही इस विलक्षण प्रतिभा को हटाकर जिला संयोजक बदल दिया।
काफी मशक्कत के बाद यह बात मीडिया में दबाई गई थी। चुनाव सर पर होते हुए भी आननफानन में आईटी विभाग का जिला संयोजक क्यों बदला गया? इस बात को फुल प्रूफ त?ीके से दफन कर दिया गया। किसी को भी इस बात की जानकारी नहीं दी गयी। जबकि प्रमुख कार्यकतार्ओं को यह पता था कि यह शख्स कॉन्ग्रेस प्रत्याशी के निजी सचिव से होटल में( ?)…..मन्त्रणा करने चला गया था। आरोप लगाया गया कि पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकतार्ओं के डाटा की कीमत तय हुई थी।सच जो भी हो।
इसके बाद एक आॅडियो वायरल हुआ जिसका जिक्र मैं पहले कर चुका हूँ। उस आॅडियो में इसकी आॅफिस की निजी काम करने वाली लड़की के साथ वातार्लाप है जिसमें लड़की से काफी मेहनत वाले तर्क दिए जा रहे हैं।
शहर जानता है कि यह महान नेता स्थानीय एक बड़े कद्दावर राजनेता का चहेता है। लोग यह भी जानते हैं कि इसने ही उनका मीडिया सेंटर भी चलाया था।
….और अब बीजेपी के मंडल स्तर का नेता होने के बाद इस महान विभूति को अचानक पदोन्नत करके अजमेर संभाग संयोजक बना दिया गया है। (जो कारसेवकों को हजम नही हुआ)। जिस व्यक्ति पर आईटी विभाग के डाटा को दूसरी पार्टी को देने का आरोप है…. और जो महिलाओं के बारे में ऐसी सोच रखता है उसे चरित्रवान पार्टी ने आईटी विभाग का ही संभाग प्रभारी बनाया है,यह है तो ताज्जुब की ही बात मगर जो पार्टी नैतिकता और महिला उत्थान की बात करती है ,वह ऐसे किसी को उपकृत करे ये उसकी अस्मिता पर सवाल जरूर खड़े करती है।
यहाँ यह भी जानकारी दी गयी कि मामले की शिकायत थाने में दी भी गई थी मगर शिकायत को भाजपा के एक दो पार्षदों ने मिलकर बड़ी मशक्कत के बाद निपटाया। मुझे तो ये भी बताया गया है कि इस प्रकरण को खत्म करने के लिए महिला और इनके बीच जो समझौता पत्र तैयार हुआ था उसकी शर्तो का पालन अभी तक नही किया गया है। शर्ते पूरी नही होने से वो महिला अभी भी इन महाशय को निबटाने की जुगत में बताई जाती है।
दोस्तों! सोचने वाला विषय है कि संस्कारवान पार्टी कही जाने वाली ये पार्टी किस दिशा में जा रही है?? कहीं भूमाफियाओं को पूर्ण संरक्षण देते हुए उनके साथ फोटोज खिंचवा कर विधायक अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं तो कहीं ऐसे दागी लोग जिनपर दोषसिद्धि के बाद आलाकमान द्वारा कार्यवाही अमल में लाई जाकर पदमुक्त तक कर दिया गया हो उसे ही वापस एक विधायक के कोटे से संगठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंपना सबको चौंकाने वाली बात है।