“मुझे तो मरना है पर आपका तप बड़ा है, आपको सदियों तक इंतजार करना है”

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काशी में मंदिर के बाहर बैठे नंदी के कान में ये वाक्य बोलकर उस पंडित ने शिवलिंग के साथ कुएं में छलांग लगा दी!

औरंगजेब की सेना ने काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़ने के लिए पूरे क्षेत्र को घेर लिया था पूरे काशी में मुगल सैनिकों के हाथों में तलवारें और मंदिर को छोड़कर भागते लोगों की चीखें ही दिखाई और सुनाई दे रहीं थी! तब एक पुजारी ने हिम्मत दिखाई और महादेव के स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को बचाने के लिए शिवलिंग के साथ ही ज्ञानवापी कुएं में कूद गए!

मोदी सरकार के प्रयासों से 353 साल पुराना ज्ञानवापी कुंड काशी विश्वनाथ मंदिर के विस्तार में कॉरिडोर का हिस्सा बना लेकिन, ये तस्वीर उसी नंदी की है जो सालों तक अपने महादेव की ओर मुंह करके मंदिर के पुनरुत्थान की प्रतीक्षा कर रहे है!

वर्षो से अपने महादेव की प्रतीक्षा करते इस नंदी की प्रतीक्षा अब समाप्त होने को है!

सुदेश चंद्र शर्मा

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