ज्ञानवापी सर्वेक्षण: दूसरे दिन के सर्वे का काम पूरा, थोड़ी देर में बाहर निकलेगी टीम, कयासों का दौर तेज

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ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का आज दूसरा दिन है। शनिवार की तरह आज भी सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त है। पहले दिन 50 से 60 फीसदी सर्वे पूरा हो चुका है। अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर में शनिवार को नए सिरे से सर्वे की कार्यवाही की जा रही है। दूसरे दिन यानी रविवार को सर्वे टीम की ओर परिसर के ऊपरी भाग का सर्वे कराया गया।

जानकारी के मुताबिक, दूसरे दिन के सर्वे का काम पूरा हो गया है। अंदर कागजी कार्यवाही चल रही है। थोड़ी देर में टीम बाहर निकलेगी। सूत्रों के मुताबिक, अभी काम शेष है, सोमवार को भी सर्वे होगा। इधर, सर्वें में क्या-क्या मिला, इसे लेकर कोई जानकारी नहीं है। लेकिन कयासों का दौर तेज हो गया है। पुलिस सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रख रही है।

आज बरामदे, छत, बाहरी दीवारों और नक्काशीदार गुंबद की वीडियोग्राफी हुई। इससे पहले पश्चिमी दीवार के दरवाजे का ताला खोला गया। शनिवार के मुकाबले आज सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा सख्त रही।

पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश खुद सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे। बताया कि आज सुरक्षा थोड़ी और बढ़ा दी गई है। जो दर्शनार्थी बाहर से आए हैं उन्हें दर्शन में किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके लिए भी विशेष ध्यान दिया गया है। सूत्रों के अनुसार अधिवक्ता आयुक्त (कोर्ट कमिश्नर) समेत वादी-प्रतिवादी पक्षों के कुल 52 सदस्यों ने परिसर में प्रवेश किया है।

शनिवार की तरह आज भी सभी के मोबाइल बाहर ही जमा करवा लिए गए। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने शनिवार को बताया था कि 50 से 60 फीसदी परिसर का सर्वे पूरा हो चुका है। ऐसे में आज सर्वे पूरा होने की उम्मीद थी।

सर्वे की रिपोर्ट गोपनीय, चप्पे-चप्पे पर निगरानी
सर्वे के दूसरे दिन भी तय समय पर जांच टीम सुबह करीब साढ़े सात बजे विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर चार पर पहुंची। यहां एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने बताया कि सर्वे की रिपोर्ट गोपनीय है, इसे साझा नहीं किया जा सकता। आज सर्वे का काम पूरा हो जाएगा या नहीं। इस सवाल पर विशाल सिंह ने कहा कि देखते हैं, काम कितना हो पाता है। कोर्ट ने 17 तारीख से पहले सर्वे की कार्रवाई पूरी करने का आदेश दिया है।

गेट नंबर चार के दोनों तरफ करीब 500 मीटर पहले ही बैरिकेडिंग लगी हुई है। दुकानें भी बंद है। किसी भी वाहन को गोदौलिया- मैदागिन मार्ग पर नहीं जाने दिया जा रहा है। दर्शनार्थियों को गलियों के रास्ते काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश कराया जा रहा है। ज्ञानवापी के एक किलोमीटर के दायरे में करीब जगह-जगह पुलिस और पीएसी के जवान तैनात हैं। पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने पैदल मार्च कर शांति की अपील की।

29 साल बाद खुले बंद कमरों के ताले
शनिवार को परिसर के पश्चिमी द्वार के तहखाने में कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक चली। तहखाने के अंदर की बनावट, धार्मिक चिह्न, कलाकृतियों और खंभों की वीडियोग्राफी भी करवाई गई। सर्वे टीम ने सभी पहलुओं की गहन जांच की। दो कमरों के ताले तो आसानी से खुल गए, लेकिन तीसरे का ताला नहीं खुलने के कारण उसे तोड़ना पड़ा। चौथे कमरे में दरवाजा नहीं है। दावा है कि चार जनवरी 1993 को तत्कालीन डीएम सौरभ चंद्र ने नीचे के तीनों कमरों पर ताले लगवा दिए थे।

कार्यवाही के दौरान मुस्लिम पक्ष का पूरा सहयोग मिला। तहखाने के अंदर की बनावट, धार्मिक चिह्न, कलाकृतियों और खंभों की वीडियोग्राफी भी करवाई। चार घंटे तक चली कार्यवाही के बाद टीम के सदस्य एक-एक करके 12 बजे से पहले ही मस्जिद परिसर से बाहर निकल आए।

इससे पहले 6 मई को सर्वे की कार्यवाही शुरू हुई थी। विरोध व हंगामे के बीच सात मई को कार्यवाही रुक गई थी। 12 मई को अदालत ने फिर से सर्वे का आदेश दिया। सर्वे की रिपोर्ट 17 मई को अदालत में पेश की जाएगी।

सर्वे पूरा होने के बाद तैयार होगी रिपोर्ट
अदालत ने कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 17 मई की तिथि निर्धारित की है। आज सर्वे के बाद आगे की रणनीति पर मंथन किया जाएगा। कारण, अगर कमीशन की कार्यवाही पूरी हो जाएगी तो 17 मई को विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह, अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्र और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह संयुक्त रिपोर्ट न्यायालय को सौंपेंगे। यदि टीम को लगता है कि कमीशन के लिए और समय की आवश्यकता है तो वह न्यायालय से अगली तिथि पर रिपोर्ट पेश करने की अनुमति भी मांग सकती है।

ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन और परिसर में स्थित अन्य विग्रहों को सरंक्षित करने के लिए याचिकाकर्ता राखी सिंह, मंजू व्यास, सीता साहू, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी ने 18 अगस्त 2021 को वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन के यहां याचिका दाखिल की थी। इस मामले में 26 अप्रैल को कोर्ट द्वारा परिसर का सर्वे का आदेश जारी कर दिया गया था। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अजय कुमार को इसके लिए वकील कमिश्नर नियुक्त किया।

6 मई को पहली बार टीम ने सर्वे शुरू किया और सात मई को सर्वे टीम का मुस्लिम पक्ष के लोगों ने विरोध किया। न्यायालय में मुस्लिम पक्ष ने वकील कमिश्नर को बदलने की मांग की। हालांकि न्यायालय ने इस प्रति आपत्ति को खारिज करते हुए 12 मई को आदेश जारी किया कि अजय कुमार के साथ विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह को नियुक्त किया था। न्यायालय ने आदेश भी दिया है कि ताला खोलकर या तोड़कर कमीशन की कार्यवाही निर्बाध पूरी कराई जाए। इसमें बाधा डालने वालों पर एफआईआर दर्ज कर सख्त विधिक कार्यवाही का भी आदेश दिया गया है। (स्त्रोत- अमर उजाला)

सुदेश चंद्र शर्मा

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