हाई स्पीड बन रही है मौत का कारण, अजमेर में तीन घंटे में होते हैं सबसे ज्यादा एक्सीडेंट

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तलाशे जा रहे हैं बचाव के तरीके

अजमेर। इंटीग्रेटेड रोड़ एक्सीडेण्ट डेटाबेस (आईआरएडी) एप के बारे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों में प्रशिक्षित किया गया। एनआईसी के तकनीकी निदेशक अंकुर गोयल ने बताया कि सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार ने राष्ट्रीय सूचना एवं विज्ञान विभाग एवम आईआईटी चेन्नई के सहयोग से एकीकृत सडक सुरक्षा डेटा बेस तैयार करने के लिए इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेन्ट डेटाबेस (आई रेड एप) विकसित कर लागू कर दिया है।

भारत सरकार द्वारा इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेन्ट सडक दुर्घटना का डेटा बेस तैयार कर अभियान चलाया जा रहा है। इसमें किसी भी प्रकार की सडक दुर्घटना होने पर निर्धारित पुलिस थाने के कार्मिक द्वारा मौका निरीक्षण कर, दुर्घटना के स्थान से ही फोटो व दुर्घटना से संबधित सभी सूचनाओं को एप के माध्यम से अपलोड किया जाता है।

आईआरएडी एप के डेटा बेस से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि अजमेर जिले में शाम 6 बजे से रात्रि के 9 बजे के मध्य में सर्वाधिक दुर्घटनाएं हुई है। भविष्य में किस प्रकार कम से कम दुर्घटना हो सके इस डेटा बेस को तैयार करने का मुख्य उद्देश्य यही है। इन सभी दुर्घटनाओं के विभिन्न कारणों मे से मुख्य कारण हाइ स्पीड से वाहन चलाना पाया गया।

1417 दुर्घटनाओं का विवरण अपलोड
गोयल ने बताया कि जिले के विभिन्न पुलिस थानों के की ओर से वर्ष जनवरी 2021 से अप्रेल 2022 तक की समस्त 1417 दुर्घटनाओं के विवरण को एप के माध्यम से अपलोड किया जा चुका है। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के ट्रोमा सेन्टर एवं आपातकालीन विभाग के नर्सिंग और कम्प्यूटर आॅपरेटर आदि को एप का प्रशिक्षण दिया गया और उन्हें बताया गया कि आईआरएडी एप में एंट्री कैसे करनी है।

सभी विभागों को जोड़ा गया
गोयल ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को अजमेर में जनवरी 2021 से लागू किया गया था। इस प्रोजेक्ट में परिवहन विभाग, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, एनएचआई एवं पीडब्ल्यूडी आदि विभागों को जोडा गया है। ये विभाग आॅन लाइन एप के जरिए से कार्य कर रहे है। इस एप के माध्यम से अजमेर में होने वाली दुर्घटनाओं को एप में अपलोड किया जा रहा है।

500 कर्मचारियों को दिया प्रशिक्षण
एनआईसी अजमेर की ओर से विभिन्न विभागों के 500 से अधिक कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि एप के लिए पूर्व में एनआईसी, अजमेर के द्वारा अलग-अलग समय में पुलिस, परिवहन, स्वास्थय,राजमार्ग के विभागों के विभिन्न प्रशिणार्थियों को विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है। आईआरएडी एप के प्रशिक्षण में पुलिस विभाग के कार्मिकों को यह बताया गया की जैसे ही किसी दुर्घटना की जानकारी संबंधित कार्मिक को मिलती है तो उसे दुर्घटना के मौके पर पहुंच कर दुर्घटना के स्थान से ही फोटो व दुर्घटना से संबधित सभी सूचनाओ को एप के माध्यम से किस प्रकार अपलोड करना है व अन्य विभाग को यदि कोई जानकारी भेजनी की आवश्यकता है तो किस प्रकार उन्हें विभिन्न सूचनाए एप के माध्यम से प्रेषित करनी है। (स्त्रोत- राजस्थान पत्रिका)

सुदेश चंद्र शर्मा

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