*सकारात्मक सोच रखिए!ज़िन्दगी में ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ हैं!
*अभावों के भाव कम करने के कुछ आसान तरीक़े सिखा रहा हूँ!
*✒️मुनि सुरेन्द्र चतुर्वेदी*
*बिजली बार-बार जा नहीं रही! बार-बार आ रही है ! यह है सकारात्मक सोच !*
*बिजली का संकट रोने वालों!! ज़रा धैर्य रखो !! अभी बिजली आपके दरवाज़े पर आ तो रही है ! यदि नहीं भी आए तो आप बिजली का!कोयले का! कोयले की दलाली करने वालों का! या सरकार का कौनसा बाल उखाड़ लेंगे❓️
*….और हां एक ख़ुश ख़बरी मैं आपको और सुना देता हूं!! इस बार आपके बिजली के बिलों में भारी कटौती कर दी गई है! आपके घर ,ऑफिस या व्यावसायिक संस्थानों के बिल बहुत कम आएंगे!शायद न के बराबर!अगले महिने तो शायद सिर्फ़ मीटर का किराया ही जुड़ कर आए।
*……अरे यार ! जब बिजली आठ आठ ,दस दस घंटे आपके मीटरों से दूरी बना कर रख रही है तो बिल क्या खाक आएंगे ❓
*एकदम निश्चित रहें बिजली के बिलों से!
*दोस्तों!! गर्मी में आग बरस रही है ! यह पृथ्वी के लिए शुभ संदेश है ! जितनी सूरज देवता आग बरसाएंगे उतनी ही जल्दी और तेज़ बारिश की संभावनाएं प्रबल होंगी! बारिश हुई तो पृथ्वी पर चारों तरफ हरियाली छा जाएगी! फसलें लहलहा उठेंगी! खेतो और खलियानों में लक्ष्मी माता निवास करने आ जाएंगी! सोचिए कि यह गर्मी आपकी जिंदगी में कितनी खुशहाली लाने वाली है।
*प्रचंड गर्मी से बचने के लिए कृपया आप घर में ही रहिए! हाथ के पंखों का इस्तेमाल कीजिये! ए सी, कूलर के भरोसे मत रहिए!ये यूँ भी कई रोगों की जननी हैं! परंपराओं को निभाइये! हाथ के पंखों से गर्मी भगाइये! हाथ के पंखे बनाने वालों पर तरस खाइये!उनका परिवार चलाइए! यह गर्मी और बिजली देखो उनको कितनी दुआएं दे रही है!!! उनकी रोज़ी रोज़गार को बढ़ा रही है! बेचारे बेरोज़गार हो गए थे ।
*उधर बिजली ने आपके फ्रिज़ बंद कर दिए हैं।रखी हुई सब्ज़ियां सड़ा रहे हैं ।अरे यार ! मटको का उपयोग कीजिए!! यह देशी फ्रिज हैं!इनमें में रखा गया पानी न केवल ठंडा होता है बल्कि दिलों दिमाग को भी ताज़ा रखता है ।दरअसल वैज्ञानिक युग ने हमें निकम्मा बना दिया है । हमें अब फिर से पाषाण युग की तरफ मुड़ना पड़ेगा।
*बिजली नहीं आएगी तो कोयले की दलाली में हाथ काले नहीं होंगे।जो जम कर हो रहे थे।सरकारों और अडानी फड़ानी टाइप के बीच क्या चल रहा है उस गंदगी पर ध्यान मत दीजिए! वो तो होता रहेगा!आप सकारात्मक सोच रखिए!
*वैसे आपको लगे हाथ बता दूं कि देश की लगभग सभी कोयले की खानों पर अडानी जैसे पूँजी पतियों का कब्जा हो चुका है और आप मामूली यानी मूली जैसे लोग हैं। सरकारी कोयले की खानों में उत्पादन मात्र 40 फ़ीसदी से ज्यादा नहीं रहा! कल तक कोयले के जो भाव थे आज कई कई गुना मुनाफ़ा खोरों ने बढ़ा दिए हैं। सब कुछ सरकारी सकारात्मक सोच का नतीजा है। आप भी सकारात्मक हो जाइए।
*तपती गर्मी में यदि आप घर से बाहर नहीं निकले तो आपकी कोरोना से भी बचत हो जाएगी। घर रहेंगे तो आपका अपने बाल बच्चों और पति पत्नी पर भी नियंत्रण रहेगा ।आपकी पत्नी या पति का थर्मल मीटर भी आपके हाथों में रहेगा।
*यह सब मैं अपने सकारात्मक सोच को लेकर बता रहा हूं। सूरज आग बरसा रहा है मगर स्कूलों की छुट्टियां नहीं हो रहीं। कॉलेजों की छुट्टियां 1 मई से घोषित कर दी गई हैं। स्कूलों की छुट्टियों को ज़िला शिक्षा अधिकारी महोदय कलेक्टर साहब की अनुमति लेकर कर सकेंगे। मुझे यकीन है कि राजस्थान के सभी ज़िला कलेक्टर कृपालू किस्म के हैं। निर्मल बाबा की तरह बच्चों पर कृपा बरसेगी।छुट्टियां जल्दी हो जाएंगी।
*और हाँ ! आप चिंता न करें! उनके मोबाइल और इंटरनेट किसी काम के नहीं रहेंगे ! क्योंकि उन्हें चार्ज करने के लिए बिजली तो होगी ही नहीं ! मुझे पता है कि जितने मोबाइल आपके परिवार में हैं उतने तो स्विच भी आपके घर में नहीं हैं! बस तो यहां भी सकारात्मक हो जाइए ! मोबाइल से छुटकारा पाइए!
*एक और सकारात्मक बात जो मेरे दिमाग में आ रही है वह यह है कि जब आप गर्मी से बचने के लिए घर से बाहर नहीं निकलेंगे तो पेट्रोल डीजल की खपत भी कम होगी। आपके वाहन घर में ही खड़े होकर हनुमान चालीसा पढ़ रहे होंगे या तिलावत कर रहे होंगे! ऐसे में हज़ारों की बचत भी आपके मासिक बचत खाते में शामिल हो जाएगी ।
*गर्मी पड़ते ही अच्छे भले इंसानों में खाने पीने की इच्छा मर जाती है। कुछ भी खाने का मन नहीं होता और इस तरह की स्थिति में हमारे घर की रसोई सकारात्मक हो जाती है ।पानी पीजिए वो भी मिट्टी के मटके वाला और रसोई का संतुलन बनाए रखिए!
*देखिए आप जब घर पर रहने को मजबूर होंगे तो आपके कपड़े भी ज्यादा इस्तेमाल नहीं होंगे! वही पुराने धुराने कपड़े पहनकर आप काम चलाएंगे ।इससे कपड़े धोने की मुसीबत से छुटकारा तो मिलेगा ही साथ ही लॉन्ड्री का खर्चा भी आप की मासिक आय को सुरक्षित करेगा ।
*सकारात्मक सोच के साथ रहने का फायदा ही फायदा है। देखिए जब आप धूप में नहीं घूमेंगे तो दवाइयों का खर्च भी बचेगा। धूप में घूमने से होने वाली बीमारियों का कोई भरोसा नहीं! कई बार तो वे जानलेवा भी हो जाती हैं। अपनी सेहत का ध्यान रखिए। बाकी सब ठीक होगा।
*आपका व्यापार धंधा आपकी जिंदगी से ज़ियादा ज़रूरी थोड़े ही है। यूँ भी सड़कें सूनी पड़ी हैं। बाज़ारों में लोग आ जा ही नहीं रहे ।ऐसे में सुबह शाम अपने संस्थान खोलिए। जो सूरज गर्मी दे रहा है उसकी सौर उर्जा बनाईए । बिजली से पीछा छुड़ाइये! चारों तरफ खुशियां बिखरी पड़ी हैं। बस सकारात्मक सोच के साथ जीना सीखिए।
*देश के विख्यात पत्रकार और दार्शनिक खुशवंत सिंह ने कभी कहा था कि जब रेप टाला नहीं जा सके तो उसे इंजॉय कीजिए। मैं उनकी इस बात का समर्थन तो नहीं करता मगर उनके सकारात्मक सोच को नमन ज़रूर करता हूं।
सुरेंद्र चतुर्वेदी
सुरेन्द्र चतुर्वेदी की साहित्य की कई विधाओं में पचास के करीब पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं | फिल्मी दुनिया से भी सुरेन्द्र चतुर्वेदी का गहरा जुड़ाव रहा है ,जिसके चलते उन्होंने लाहौर, तेरा क्या होगा जानी, कुछ लोग, अनवर, कहीं नहीं, नूरजहां और अन्य तमाम फिल्मों में गीत लिखे, पटकथा लिखीं. पंजाबी, हिंदी, उर्दू आदि कई भाषाओं पर अधिकार रखने वाले सुरेन्द्र चतुर्वेदी अपने ऊपर सूफी प्रभावों के कारण धीरे-धीरे सूफी सुरेन्द्र चतुर्वेदी के रूप में पहचाने जाने लगे. यों तो उन्होंने अनेक विधाएं आजमाईं पर ग़ज़ल में उनकी शख्सियत परवान चढ़ी. आज वे किसी भी मुशायरे की कामयाबी की वजह माने जाते हैं.उनकी शायरी को नीरज, गुलज़ार, मुनव्वर राणा जैसे शायरों ने मुक्तकंठ से सराहा है. गुल़जार साहब ने तो जैसे उन्हें अपने हृदय में पनाह दी है. वे राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा विशिष्ट साहित्यकार सम्मान एवं अन्य कई सम्मानों से नवाजे गए हैं | कानपुर विश्वविद्यालय से मानद डाक्टरेट की उपाधि से विभूषित चतुर्वेदी इन दिनों अजमेर में रह रहे हैं |
चौथी कक्षा में जिंदगी की पहली कविता लिखी | कॉलेज़ तक आते-आते लेख और कविताएं तत्कालीन पत्र पत्रिकाओं में प्रमुखता से प्रकाशित होने लगीं. जैसे धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान, सरिता, दिनमान, सारिका, इंडिया टुडे आदि |
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