राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सचिव मेघना चौधरी अब सवा करोड़ उत्तर पुस्तिकाएं 30 हजार शिक्षकों से जंचवाने में जुटीं
24 व 25 जुलाई को होने वाली रीट परीक्षा के आवेदन की प्रक्रिया भी बोर्ड में जारी है
जब किसी संस्थान में राजनीतिक दखल नहीं होता है तो बड़े से बड़ा कार्य भी शांति और सरलता से संपन्न हो जाता है। ऐसा ही कुछ राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में देखने को मिला है। ये दोनों परीक्षाएं प्रदेशभर में 26 अप्रैल को शांतिपूर्ण तरीके सं संपन्न हो गई। इन परीक्षाओं के लिए प्रदेशभर में 6 हजार 668 परीक्षा केंद्र बनाए गए। इन केंद्रों पर 20 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। यहां यह उल्लेखनीय है कि इस बार सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में देशभर के 38 लाख विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। यानी राजस्थान बोर्ड ने आधे देश के विद्यार्थियों की परीक्षा संपन्न करवाई है। सीबीएसई की परीक्षा के पीछे केंद्र सरकार की पूरी ताकत लगी होती है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री खुद मॉनिटरिंग का काम करते हैं।
लेकिन वहीं राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सचिव मेघना चौधरी ने जिन परिस्थितियों में 20 लाख विद्यार्थियों की परीक्षा करवाई, उन्हें भी जानना जरूरी है। शिक्षा बोर्ड में इस समय परीक्षा के विशेष अधिकारी, मुख्य परीक्षा नियंत्रक, गोपनीय विभाग के निदेशक, परीक्षा के उपनिदेशक आदि के पद रिक्त हैं। यानी जिन अधिकारियों के भरोसे परीक्षा का काम होना है, वे सभी पद खाली है। मेघना चौधरी ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए 10वीं और 12वीं की परीक्षा शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न करवा दी। मेघना के सामने अब 20 लाख विद्यार्थियों की सवा करोड़ उत्तर पुस्तिकाएं जांचवाने का चुनौतीपूर्ण काम है। इसके लिए प्रदेश के 22 जिलों में परीक्षा मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर 30 हजार अनुभवी शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। बोर्ड अब अजमेर स्थित मुख्यालय से कोई नंबर अंकित उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल मूल्यांकन केंद्रों पर भिजवा रहा है। 6 हजार 668 परीक्षा केंद्रों से सभी उत्तर पुस्तिकाएं पहले बोर्ड मुख्यालय पर आई हैं। परीक्षा केंद्रों से उत्तर पुस्तिकाएं मंगवाने और फिर मूल्यांकन केंद्रों पर भिजवाने का कार्य भी चुनौतीपूर्ण है। मेघना चौधरी को गत वर्ष शिक्षा बोर्ड का सचिव तब बनाया गया,जब रीट परीक्षा का पेपर लीक होने पर अशोक गहलोत सरकार की पूरे देश में बदनामी हो रही थी। सब जानते हैं कि रीट परीक्षा में राजनीति का पूरा दखल था। तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग के सीधे दखल की वजह से राजीव गांधी स्टडी सर्किल के लोग सक्रिय थे। लेकिन मेघना चौधरी ने बोर्ड राजनीतिक दखल को होने की नहीं दिया। वैसे भी मेघना के सख्त मिजाज को देखते हुए राजीव गांधी स्टडी सर्किल या अन्य कोई नेता बात ही नहीं करता है। मेघना ने विपरीत परिस्थितियों में न केवल 20 लाख विद्यार्थियों की परीक्षा शांति से करवाई, बल्कि परीक्षा के दौरान ही राज्य स्तरीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) के लिए आवेदन की प्रक्रिया को भी जारी रखा। 24 व 25 जुलाई को होने वाली रीट परीक्षा में इस बार भी 15 लाख अभ्यर्थियों के भाग लेने का अनुमान है। कहा जा सकता है कि पहले चरण में मेघना चौधरी राज्य सरकार की अपेक्षाओं पर खरी उतरी हैं। मेघना की योग्यता पर भरोसा था, इसलिए कांग्रेस सरकार दूसरी बार मेघना को बोर्ड का सचिव बनाया। यह छठा अवसर है, जब बोर्ड सचिव की हैसियत से मेघना वार्षिक परीक्षा करवा रही हैं। मेघना पहले भी दो बार रीट की परीक्षा सफलतापूर्वक करवा चुकी हैं। मेघना चौधरी को बोर्ड के प्रशासक एल.एन. मंत्री का भी पूर्ण सहयोग है यह पहला अवसर है जब सरकार ने बोर्ड में एक आईएएस की स्थाई तौर पर नियुक्ति की है।
S.P.MITTAL BLOGGER
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एस पी मित्तल
वर्ष 2016 में मेरी उम्र 54 वर्ष है और मैं करीब 40 वर्षों से पत्रकारिता कर रहा हूँ | पत्रकारिता की घुट्टी जन्मजात है। मेरे पिता स्व.कृष्ण गोपाल जी गुप्ता जो भभक पाक्षिक पत्र निकालते रहे। उससे मैंने पत्रकारिता का सबक सीखा। मेरी पत्रकारिता की यात्रा में दैनिक राष्ट्रदूत, दैनिक भास्कर, दैनिक नवज्योति, दैनिक पंजाब केसरी आदि अखबारों का सहयोग तो रहा ही है, लेकिन वर्ष 2000 में जब मैंने सम्पूर्ण उत्तर भारत में पहली बार केबल नेटवर्क पर न्यूज चैनल शुरू किया तो मुझे सीखने का जोरदार अवसर मिला। जिलेभर के केबल ऑपरेटरों की मदद से जब एक घंटे की न्यूज का प्रसारण हुआ तो अजमेर सहित राजस्थान भर में तहलका मच गया। हालांकि साधनों के अभाव और बड़े मीडिया घरानों के केबल में कूद पडऩे से मुझे अपना अजमेर अब तक नामक चैनल बंद करना पड़ा। 17 नवम्बर 2005 को जब मैंने देश के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से अजमेर के सर्किट हाऊस में व्यक्तिगत मुलाकात की तो मुझे एक सुखद अनुभूति हुई। यूं तो मेरे लिखे की गूंज राजस्थान विधानसभा से लेकर लोकसभा तक में हुई है, लेकिन मेरी पत्रकारिता की सबसे बड़ी सफलता यही है कि मैं आज भी नियमित लिख रहा हूँ | यदि किसी पाठक के पास कोई सुझाव हो तो अवश्य दें | आपका एस.पी.मित्तल