कोरोना फिर याद आया राजस्थान में

0
(0)

राजस्थान में भी अनिवार्य हो सकता मास्क पहनना

कोरोना करीब- करीब समाप्त हो चुका था सब तरह से मुक्ति मिल चुकी थी पर फिर कोरोना प्रकोप के दो साल तांडव मचाने के बाद बीच में कोई दो महीने राहत जरूर रही, लेकिन अब नए वेरिएंट की शुरूआत हो गई है। हालात 2020-21 जैसे न हों, इसके लिए कुछ प्रदेशों में बढ़ते असर को देखते हुए सरकारों ने सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाना एक बार फिर से अनिवार्य कर दिया है। महाराष्ट्र के बाद नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुड़गांव में बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए दिल्ली में मास्क अनिवार्य हो चुका है।

 

केंद्र सरकार ने डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट को हटाते हुए 31 मार्च से लोगों को छूट दे दी थी, लेकिन कोरोना के एक बार फिर बढ़ते मामलों को देखते हुए एनसीआर में आने वाले उत्तर प्रदेश और हरियाणा के जिलों में फिर से मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इसे चौथी लहर के रूप में भी देखा जा रहा है।

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने चार जिलों के लिए नियमों का ऐलान किया है और कहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क घूमने वालों का चालान किया जाएगा। इसमें गुड़गांव और फरीदाबाद के अलावा झज्जर और सोनीपत भी शामिल हैं। गाजियाबाद प्रशासन की तरफ से आदेश दिए गए हैं कि अगर कोई मास्क नहीं लगाता है तो उसका 500 रुपये तक का चालान किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश में लखनऊ समेत सात शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाने का आदेश जारी किया गया है। वहीं दिल्ली सरकार ने मास्क को अनिवार्य तो नहीं किया, लेकिन जनता से मास्क लगाकर बाहर निकलने की अपील की है।

हरियाणा के चार जिलों में भी मास्क न लगाने पर 500 रुपये के जुमार्ने की बात कही गई है। यह जुमार्ना, पुलिस, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के अधिकारी वसूलेंगे। नोएडा में मास्क अनिवार्य तो कर दिया गया है लेकिन यह नहीं बताया गया है कि नियम का उल्लंघन करने पर कितना जुमार्ना देना होगा। कई प्रदेशों में जांच का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है।

सुदेश चंद्र शर्मा

क्या आप इस पोस्ट को रेटिंग दे सकते हैं?

इसे रेट करने के लिए किसी स्टार पर क्लिक करें!

औसत श्रेणी 0 / 5. वोटों की संख्या: 0

अब तक कोई वोट नहीं! इस पोस्ट को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

सिंक्रोनाइज़ ...