क्या होगा अगर पॉपुलेशन कंट्रोल बिल पास हुआ

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बीजेपी को नवंबर में राज्यसभा में बहुमत मिलेगा और 25 दिसंबर से 31 मार्च के बीच सबसे अहम बिल पॉपुलेशन कंट्रोल बिल के साथ 25 नए बिल पास होंगे। ध्यान रखें कि यह हमारे जीवन का सबसे कठिन समय होगा। मैं सभी से अभी से तैयारी करने का आग्रह करता हूं। अपने आसपास के लोगों से सावधान रहें। उन्हें समझाएं कि हमें उस समय बहुत ही समझदारी और सावधानी से काम लेना चाहिए।

 

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उस समय हमें अपने परिवार और समाज के लोगों की रक्षा करनी होती है। अगर इसकी पहले से तैयारी नहीं की गई तो बड़ा हादसा हो सकता है। जब ये सभी बिल पास हो जाएंगे तो एक बार में पूरे देश में बड़ा गृहयुद्ध छिड़ सकता है।

आप तैयार हों या न हों, विरोधियों की तैयारी जबरदस्त है। इनकी तैयारी के सैंपल दिल्ली और बेंगलुरु में देखे गए हैं। वहीं, चीन और पाकिस्तान से युद्ध की प्रबल संभावना है। सेना सीमा पर व्यस्त रहेगी, जिसका अर्थ है कि वह देश के अंदर कुछ भी करने की स्थिति में नहीं होगी। इसलिए हमारी एकता और समझ में फायदा है।

क्या करें? एक दिन और समय निर्धारित करके अपने 8-10 पड़ोसियों के साथ समुदाय में कहीं बैठें। फिर अगले दो दिनों में और 8-10 लोगों को इकट्ठा करें और उन्हें बताएं कि हम यहां हर हफ्ते बैठेंगे। यही प्रक्रिया दो-तीन बार दोहराने से आपकी पूरी गली साप्ताहिक सभा में आ जाएगी।

अगर वे मंदिर में इकट्ठा हो रहे हैं, तो पूजा के बाद, उनसे धर्म, जाति विनाश, स्वच्छता, सहयोग, स्वास्थ्य, समाज, शहर और देश के बारे में बात करें कि इस सुरक्षा चक्र में इस बार कोई भी जिहाद नहीं कर सकता। अंदर मत आओ।

प्रसारण करें, प्रचार करें, कड़ी मेहनत करें ताकि हर गली में एक अच्छी सुरक्षा व्यवस्था हो और हर गली में हर मंदिर पूरे देश में इस नारे के साथ गूंजता रहे। बात करो भाई, बात करो। हर गली में हिंदू एकता। यह गणित से समझें-

आजादी के 73 सालों में भारत में मुसलमानों की आबादी 3 करोड़ से बढ़कर 30 करोड़ हो गई है, तो हमारे बेटे की उम्र यानी अगले 70 साल (2090) में उनकी कितनी आबादी होगी?*

दस गुना सोचे फिर 300 करोड़ ज्यादा

1- हमारी संपत्ति का क्या होगा?
2- हमारे व्यापार का क्या होगा?
3-हमारे काम के बारे में क्या?
4- हमारे मंदिरों का क्या होगा?
5- स्कूल जाने वाली हमारी बेटी का क्या होगा?
6- हमारे संविधान का क्या होगा?
7- हमारे आरक्षण का क्या होगा?
8- हमारे नेतृत्व का क्या होगा?
9- हमारी जाति के लोगों का क्या होगा?

तो क्या हमारी स्वार्थी बुद्धि कोई समाधान ला सकती है? नहीं, तो कश्मीरी हिन्दुओं का जो हुआ वही होगा। उन्हें अभी भी भारत में शरण लेनी थी* आपके पास क्या होगा। इसलिए आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए सीएए, एनआरसी, एनपीआर और जनसंख्या नियंत्रण विधेयक अनिवार्य हैं।

सुदेश चंद्र शर्मा

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