आपने भी हरी चादर लेकर घूमते कुछ दाढी वालों को देखा होगा या बहुत लोग पीर की पूजा करने जाते हैं। *आखिर क्या है पीर??*
क्यों पूजे जाते हैं पीर, मजार ?
*सोये हुए हिन्दू* को जगाये रखने के लिए इस ऐतिहासिक सचाई का संदेश बार- *बार प्रसारित करना नितांत आवश्यक है!*
*पीर* का मतलब*???
*मुस्लिम राजा का यह एक अधिकारी* होता था, जिसे *पीर कहा जाता था।* जिसकी नौ गज के घेरे तक सुरक्षा रहती थी, जैसे आजकल सुरक्षा कमांडो मुख्यमंत्री को घेरा बनाकर चलते हैं। *गावों में लगान आदि इकट्टा करने का जिम्मा पीर का होता था!*
रैवैन्यु गांँव के एक निश्चित स्थान पर सभी लोग उस पीर के पास जाकर मुगलों का टैक्स देते थे! वो *टैक्स केवल हिंदूओं पर ही था, जिसको जजिया कर भी कहते थे!*
जो *हिन्दू परिवार, वह जजिया कर देने से मना कर देता था, तो उस पीर के साथ नौ गज के घेरे में रहने वाले सुरक्षा कर्मी , गांँव में सबके सामने उस जजिया कर न चुकाने वाले परिवार की सबसे सुंदर बहू या बेटी को नंगा करके लाते थे,* व *सबके सामने उसके साथ बलात्कार किया जाता था, ताकि किसी की हिम्मत ना पड़े बाद में* जजिया कर देने से मना करने की!
सबके सामने हो रहे इस घिनौने बलात्कार के समय *कुछ लोग उस बहू बेटी के उपर चादर डाल देते थे, व गांँव के बाकी लोग डर के मारे लगान व जजिया कर (पैसा) उसी चादर के उपर या उसके पास धड़ाधड़ डालते और चले जाते थे*!
और *हाथ जोड़ लेते थे सिर झुकाते थे कि कहीं उनके उपर भी पीर या उसके नौ गज के घेरे वाले सुरक्षा देने वाले मुल्ले कोई अत्याचार ना करें!* 😔
क्यों हिन्दू पूजा करते हैं पीर मजार की???
यह है *उन पीरों की सच्चाई*, जब वह *दुष्ट नीच पीर मरे थे तब भी मूर्ख अज्ञानी हिंदुओं में उनके प्रति वही घबराहट व भयंकर खौफ बना रहा*, और फिर यह पीढी दर पीढी परम्परा लोगों के दिमाग में बैठ गई। *ऐसे राक्षस पीरों के मरने के सदियों बाद भी मूर्ख हिंदू डर के मारे उनकी कब्रों पर वही चादर व पैसा चढ़ाता है!*
अर्थात् जिस–जिस
*नीच पीर* ने
मूर्ख हिंदुओं की बहिन बेटियों की इज्जत लूटी,
*यह मूर्ख उनकी ही कब्रों (पीरों) पर माथा रगड़ता फिरता है! कहीं नौकरी मांँगता फिरता है तो कहीं पुत्र और धन दौलत व व्यापार या तरक्की के लिए माथा रगड़ता है।*
क्या *इससे अधिक कायरता व मूर्खता की मिसाल दुनियांँ में कहीं मिल सकती है!*
पीर से ज्यादा अधिकार और क्षेत्रफल *ख्वाजा* के पास होता था और वह पीर से भी ज्यादा अत्याचार लूट–खसोट करता था और उससे भी ज्यादा अधिकार *सैय्यद* को मिले होते थे। और वह अपने अधीन *जनता पर अत्याधिक अनाचार–अत्याचार व*दुराचार करता था, उसी भय से आज भी हिन्दू उनसे डरते हैं और उनकी मजारों पर चदर चढ़ाते हैं और उनकी जय तक बोलते हैं।*
इस जानकारी को सार्वजनिक कर के सभी सनातन धर्म के सभी अनुयाइयों तक पहुचें यह आप का काम है! ताकि *मानसिक गुलामी में जी रहे लोगों को असलियत का पता चल सके*!