* आम दिनों में करौली में पूरे शहर में रात 11 बजे तक आॅटो चलते हैं जिनमें से 90 प्रतिशत आॅटो समुदाय विशेष के हैं।
* घटना वाले दिन या तो समुदाय विशेष अपने आॅटो लेकर आया ही नहीं और आया भी तो घटना से पहले-पहले ही आॅटो लेकर अपने इलाके में चले गए।
* घटना वाले दिन समुदाय विशेष ने अपनी दुकान नहीं खोली और खोली भी तो दोपहर तक बंद कर दी।
* यहां तक की हॉस्पिटल के बाहर फलों की दुकान जो कभी बंद नहीं होती उस दिन वो दुकाने भी बंद थी।
* घटना वाले दिन सुबह मंडी में भी समुदाय विशेष के दुकानदार नहीं गए जबकि उस दिन शनिवार था।
* घटना वाले दिन हटवाड़ा में डॉक्टर मकसूद अहमद, मतलूब और अंचू के जिम, घर और मस्जिद ढोलीखार और चिड़चिड़ी के लड़के देखे गए जबकि ये मोहल्ले घटनास्थल से बहुत दूर के हैं।
* किसी भी घर और मस्जिद पर इतने पत्थर सामान्य तौर पर नहीं हो सकते और अगर हो भी तो भावनाएं भड़कने के बहाने हाथोहाथ इकट्ठे नहीं किये जा सकते।
* कोई 50 – 100 लोग मिलकर किसी 4000 के आसपास की भीड़ पर हमला करने की हिम्मत नहीं कर सकते जब तक की उनको प्लानिंग के तहत उनको बैकअप प्लान का सपोर्ट नहीं हो।
* घटना में एक भी समुदाय विशेष का व्यक्ति घायल नहीं हुआ है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की हमला कितना सुनियोजित था।
* करौली नगर पालिका सभापति रशीदा खातून हैं फिर अमीनुद्दीन खान को प्रशासन अपनी मीटिंग में क्यों बुला रहा है जबकि अमीनुद्दीन खान सट्टे के अपराध में कई बार पुलिस की पकड़ में आ चुका है।
* करौली में पिछले सालों में क्या-क्या संदेहास्पद हो रहा था, जिससे वर्तमान घटना के सूत्र जुड़ते हैं
1. करौली शहर में घुसने और बाहर आने के लिए 6 बड़े दरवाजे और 12 छोटे रास्ते हैं इनमे केवल 2. दरवाजों के पास ही मुस्लिम आबादी रहती थी। लेकिन पिछले सालों में अचानक हर दरवाजे के अंदर और बाहर मस्जिदों की बाढ़ आ गई है।
3. सारी मस्जिदें हिन्दू बहुल इलाकों में बनायीं गईं, जिन पर प्रशासन को कई बार ध्यान दिलाया गया लेकिन किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। करौली के लोगों ने कभी भी करौली में बाहर के मुसलमान नहीं देखे थे लेकिन पिछले सालों में करौली में देवबंद और तब्लीगी जमात के बाहर के लोगों का जमावड़ा बढ़ गया है जिसको प्रशासन ने कभी गंभीरता से नहीं लिया।
4. ताम्बे की टौरी जो की रियासतकालीन होने के साथ साथ करौली का सबसे संवेदनशील इलाका है क्योंकि ये हिन्दुओं के पलायन के कारण कसाइयों के मोहल्ले ढोलीखार से लग चुका है। इस मोहल्ले में नगर परकोटे के पास मासलपुर दरवाजे के बाहर करौली शहर के ऐतिहासिक शमसान घाट हैं और हनुमानजी के कई प्राचीन मंदिर हैं।
इस मोहल्ले में मासलपुर दरवाजे के अंदर पिछले 3 सालों में अवैध मस्जिद खड़ी कर दी गई है जबकि ये मोहल्ला हिन्दुओं का है यहाँ समुदाय विशेष आबादी है ही नहीं इस मस्जिद के बनते ही शमशान और मंदिरों को जाने वाले रास्ते में इस मस्जिद के इलाके में तेजी से मुस्लिमों को उठना बैठना शुरू हो गया। जिससे मोहल्ले में कई बार असहज सिथि उत्पन्न हुई।
4. मस्जिद बनाने के बाद ऐतिहासिक करौली के परकोटे को जगह-जगह तोड़ दिया गया है और अतिक्रमण कर लिया गया है प्रशासन का इसको भी गंभीरता नहीं हुई।
5. मस्जिद के बनने के बाद एक घटना घटी जिसने 2 अप्रैल 2022 को घटने वाली घटना के संकेत दे दिए थे। नवम्बर 2021 में ताम्बे की टौरी मोहल्ले के लोगों को एक घटना ने झकझोर दिया। टौरी मोहल्ले में जिस जगह मस्जिद बनायीं गई है उसके बाहर सिद्ध हनुमान का मंदिर है। परकोटे से अंदर वाले हिस्से से परकोटा तोड़कर मंदिर की जमीन की तरफ समुदाय विशेष आबादी को बढ़ाने की कोशिश की गई।
6. जब ये अतिक्रमण की कोशिश की जा रही थी तो वर्तमान नगर सभापति (तथाकथित) अमीनुद्दीन खान का छोटा भाई भी यहां साथियों लेकर दूर उपस्थित था जबकि उसका निवास दूर मोहल्ले में है। इसकी सूचना कलेक्टर सहित प्रशासन को दी गई। इसके उपरांत भी नगर सभापति प्रतिनिधि (तथाकथित) अमीनुद्दीन खान ने मंदिर की जमीन पर नगर पालिका का सरकारी बुलडोजर भेजा। जिसका साफ सफाई का बहाना बनाया गया। लोगों ने फिर शिकायत की तब बुलडोजर मंदिर की जमीन से बाहर गया।
7. इसके बाद पिछले महीने इन्ही लोगों ने करौली के शमसान की जमीन पर अपना हक जताने की कोशिश की जबकि ये स्थानीय लोग पिछले सैंकड़ों सालों से जानती हैं की शमसान घाट राजकीय समय से ही हिन्दुओं का है।
8. ठीक इसी तरह करौली के नदी दरवाजे के बाहर बैठे हनुमान के आसपास तेजी से समुदाय विशेष आबादी बढ़ा दी गई है। वहां पर पिछले वर्षों में बैठे हनुमान जी के पास कुंड के शीतल कुइया महादेव मंदिर में शिवलिंग तोड़फोड़ की गई।
9. ठीक इसी प्रकार हिंडौन दरवाजे के बाहर मस्जिद बनाकर नूर कालौनी बसा दी गई जबकि वहां केवल 10 समुदाय विशेष परिवारों की आवादी होगी।
इस तरह पूरी करौली में पिछले 5 सालों में करौली में बहुत संदेहास्पद और तनावपूर्ण बदलाव हुए हैं इसकी लेकिन प्रशासन ने इसको कभी ध्यान नहीं दिया।