महापुरुष नारायण मेघाजी लोखंडे ने रविवार की छुट्टी की पेशकश की थी। नारायण मेघाजी लोखंडे ये जोतीराव फुलेजी के सत्यशोधक आंदोलन के कार्यकर्ता थे और कामगार नेता थी। अंग्र्रेजों के समय में हफ्ते के सातों दिन मजदूरों को काम करना पड़ा था कोई भी किसी प्रकार का अवकाश नहीं मिलता था। महापुरुष नारायण मेघाजी लोखंडे ने अंग्र्रेजों के सप्ताह में एक दिन का अवकाश की पेशकश की। नारायण मेघाजी का मानना था कि हम हफ्ते में सात दिन परिवार के लिए काम करते है लेकिन जिस समाज की बदौलत हमें नौकरियां मिली है, उस समाज की समस्या छुड़ानेके लिए हमें एक दिन छुट्टी मिलनी चाहिए।
उसके लिए उन्होंने अंग्र्रेजों के सामने सन् 1881 में प्रस्ताव रखा। लेकिन अंग्र्रेज ये प्रस्ताव मानने के लिए तैयार नहीं थे। इसलिए आखिरकार नारायण मेघाजी लोखंडे जी को इस रविवार की छुट्टी के लिए आंदोलन करना पड़ा। आखिरकार 1889 में अंग्र्रेजों को रविवार की छुट्टी का प्रस्ताव पास करना पड़ा।