पड़ोसी देश पाकिस्तान में जब से राजनीतिक अस्थिरता हुई है, तब से प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार भारत और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा कर रहे है। 8 अप्रैल को भी इमरान ने अपने संबोधन में भारत को एक खुद्दार देश बताया। एक और इमरान खान भारत की प्रशंसा कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर अपने ही मुल्क के राजनेताओं को बेईमान बता रहे हैं। इमरान का आरोप है कि उनकी पार्टी के सांसदों को अमेरिका ने 20-20 करोड़ रुपए में खरीद लिया है। हालांकि इमरान खान ने संसद के डिप्टी स्पीकर और राष्ट्रपति के जरिए संसद को भंग करने का जो निर्णय करवाया उसे पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है। अब इमरान खान को संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग करवानी पड़ेगी। इमरान खान का प्रधानमंत्री पद से जाना तय है, ये वो ही इमरान खान ने जिन्होंने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुसलमानों का विरोधी बताया था। तब इमरान ने कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया, लेकिन इमरान को मुस्लिम देशों का भी समर्थन नहीं मिला। जो इमरान खान नरेंद्र मोदी को मुस्लिम विरोधी बताते रहे वही इमरान आज मोदी की आर्थिक और विदेश नीति की प्रशंसा कर रहे हैं। असल में इमरान खान ने कश्मीर के मुद्दे पर जो विरोध किया उसे पाकिस्तान में भी समर्थन नहीं मिला। पाकिस्तान के मुसलमान भी जानते हैं कि भारत में रहने वाला मुसलमान ज्यादा समृद्ध और खुशहाल है। भारत भले ही मुस्लिम राष्ट्र न हो, लेकिन यहां रहने वाले मुसलमानों को किसी मुस्लिम राष्ट्र के मुसलमानों से भी ज्यादा अधिकार मिले हुए हैं। मुसलमानों का अपना पर्सनल लॉ है, जिसके मुताबिक वे जीवन व्यतीत करते हैं। मुसलमानों की बेहतरी के लिए सरकार ने अनेक कल्याणकारी योजनाएं चला रखी है। भारत में बिना किसी भेदभाव के समाज के सभी वर्गों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी मिलता है। पाकिस्तान में भले ही गैर मुसलमानों खासकर हिंदुओं को प्रताड़ित किया जाता हो, लेकिन भारत में मुसलमानों का न केवल राजनीति में दखल है बल्कि सरकार के उच्च पदों पर मुसलमानों की भागीदारी है।
S.P.MITTAL BLOGGER (09-04-2022)
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एस पी मित्तल
वर्ष 2016 में मेरी उम्र 54 वर्ष है और मैं करीब 40 वर्षों से पत्रकारिता कर रहा हूँ | पत्रकारिता की घुट्टी जन्मजात है। मेरे पिता स्व.कृष्ण गोपाल जी गुप्ता जो भभक पाक्षिक पत्र निकालते रहे। उससे मैंने पत्रकारिता का सबक सीखा। मेरी पत्रकारिता की यात्रा में दैनिक राष्ट्रदूत, दैनिक भास्कर, दैनिक नवज्योति, दैनिक पंजाब केसरी आदि अखबारों का सहयोग तो रहा ही है, लेकिन वर्ष 2000 में जब मैंने सम्पूर्ण उत्तर भारत में पहली बार केबल नेटवर्क पर न्यूज चैनल शुरू किया तो मुझे सीखने का जोरदार अवसर मिला। जिलेभर के केबल ऑपरेटरों की मदद से जब एक घंटे की न्यूज का प्रसारण हुआ तो अजमेर सहित राजस्थान भर में तहलका मच गया। हालांकि साधनों के अभाव और बड़े मीडिया घरानों के केबल में कूद पडऩे से मुझे अपना अजमेर अब तक नामक चैनल बंद करना पड़ा। 17 नवम्बर 2005 को जब मैंने देश के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से अजमेर के सर्किट हाऊस में व्यक्तिगत मुलाकात की तो मुझे एक सुखद अनुभूति हुई। यूं तो मेरे लिखे की गूंज राजस्थान विधानसभा से लेकर लोकसभा तक में हुई है, लेकिन मेरी पत्रकारिता की सबसे बड़ी सफलता यही है कि मैं आज भी नियमित लिख रहा हूँ | यदि किसी पाठक के पास कोई सुझाव हो तो अवश्य दें | आपका एस.पी.मित्तल