क्या आप जानते हैं कि मिनी विमानन कंपनी ने ऐसा क्यों किया है? यदि नहीं जानते हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कि सरकारी विमानन कंपनी ने केवल मुस्लिम प्रशिक्षुओं की ही लिस्ट क्यों जारी की है।
पवनहंस लिमिटेड कंपनी के संयुक्त कु प्रबंधक (विमानन अकादमी) का नाम मोहम्मद आमिर हैं।
बाकी नाम में क्या क्या छुपा होता है वह तो इस कांड से साफ साफ दिख ही रहा है!
हालाँकि, ऐसा लगता है कि यह नई दिल्ली स्थित ‘अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान’ जामिया मिल्लिया chuस्लामिया के साथ पवन हंस लिमिटेड (पीएचएल) के एक विशेष समझौते के कारण है। पवन हंस की वेबसाइट पर जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक पवन हंस जामिया मिल्लिया chuस्लामिया विश्वविद्यालय के साथ मिलकर ढाई साल का कंम्प्लीट बेसिक विमान रखरखाव प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है। ऐसे में उसके सभी ट्रेनी जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के हैं और केवल मुस्लिम हैं।
पवन हंस हेलीकॉप्टर कंपनी और जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के बीच 2017 में एक समझौता किया गया था, जिसमें दोनों के बीच शुरू में बीएससी (एयरोनॉटिक्स) पाठ्यक्रम के लिए विमानन उद्योग के लिए प्रशिक्षण क्षेत्र में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की गई थी। इसके साथ ही विमानन क्षेत्र में बीएससी कोर्स के लिए संभावना तलाशने पर भी सहमति जताई गई थी।
गौरतलब है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया पवन हंस लिमिटेड के साथ समझौते के तहत चलाए जा रहे अपने पाठ्यक्रमों में केवल मुस्लिम छात्रों को ही प्रवेश दे सकता है। हमने पवन हंस लिमिटेड के संयुक्त kuप्रबंधक (विमानन अकादमी) मोहम्मद अमीर को फोन करके इसकी पुष्टि करने की कोशिश की लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला। ऑपइंडिया की यह रिपोर्ट एक डेवलपिंग स्टोरी है, आगे जैसे ही हमें और सूचनाएँ मिलेंगी हम इस लेख को अपडेट करेंगे।
आखिर कोई सरकारी कंपनी जामिया मिल्लिया इस्लामिया जैसे जिहादी मानसिकता के शिक्षण संस्थानों से ऐसे आपत्तिजनक समझौते कैसे और क्यों कर सकती है जो हिंदुओं के लिए हानि कारक है।
पुनः जिहादी मजहब वालों को किसी भी पद पर बैठा दिया जाए तो भी उनकी जिहादी आतंकवादी मानसिकता कभी नहीं बदलती है तो फिर इस बात की क्या गारंटी है कि जिहादी मजहब के ये सभी प्रशिक्षु भविष्य में भारत के विरुद्ध किसी ziहादी आतंकी षडयंत्र का हिस्सा नहीबनेंगे और भारत के शत्रुओं की मदद नहीं करेंगे?
जामिया मिल्लिया chu स्लामिया से किया गया यह एग्रीमेंट रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि यह भारत के अस्तित्व पर ही संकट उत्पन्न करेगा। कल को यह सभी पायलट बन कर भी zi हादी गतिविधियों में लिप्त होंगे और विमान अपहरण आदि साजिशो में अंतरराष्ट्रीय zi हादी आतंकी संगठनों के एजेंट बन कर काम करेंगे।
मोदी जी पहनावे और चाल तक से उनकी कूत नीति तक बता देने वाले भक चोन्नहरों के नीचे से लंगोट खींच रहा उसका कोई पता नहीं…
एस पी मित्तल
वर्ष 2016 में मेरी उम्र 54 वर्ष है और मैं करीब 40 वर्षों से पत्रकारिता कर रहा हूँ | पत्रकारिता की घुट्टी जन्मजात है। मेरे पिता स्व.कृष्ण गोपाल जी गुप्ता जो भभक पाक्षिक पत्र निकालते रहे। उससे मैंने पत्रकारिता का सबक सीखा। मेरी पत्रकारिता की यात्रा में दैनिक राष्ट्रदूत, दैनिक भास्कर, दैनिक नवज्योति, दैनिक पंजाब केसरी आदि अखबारों का सहयोग तो रहा ही है, लेकिन वर्ष 2000 में जब मैंने सम्पूर्ण उत्तर भारत में पहली बार केबल नेटवर्क पर न्यूज चैनल शुरू किया तो मुझे सीखने का जोरदार अवसर मिला। जिलेभर के केबल ऑपरेटरों की मदद से जब एक घंटे की न्यूज का प्रसारण हुआ तो अजमेर सहित राजस्थान भर में तहलका मच गया। हालांकि साधनों के अभाव और बड़े मीडिया घरानों के केबल में कूद पडऩे से मुझे अपना अजमेर अब तक नामक चैनल बंद करना पड़ा। 17 नवम्बर 2005 को जब मैंने देश के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से अजमेर के सर्किट हाऊस में व्यक्तिगत मुलाकात की तो मुझे एक सुखद अनुभूति हुई। यूं तो मेरे लिखे की गूंज राजस्थान विधानसभा से लेकर लोकसभा तक में हुई है, लेकिन मेरी पत्रकारिता की सबसे बड़ी सफलता यही है कि मैं आज भी नियमित लिख रहा हूँ | यदि किसी पाठक के पास कोई सुझाव हो तो अवश्य दें | आपका एस.पी.मित्तल
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