* बी सी संचालक गुप्ता ने पुलिस महानिरीक्षक से लगाई गुहार: गरीब खातेदारों को पैसा लौटाने का दोहराया संकल्प!!
* करोड़ों की बेनामी सम्पति लाखों में मिल गई, जिसे अरबों में बेचना चाहते हैं कारोबारी!
* पुलिस महानिरीक्षक ने संवेदनशीलता से मामले की जांच का किया आश्वासन!
*✒️सुरेन्द्र चतुर्वेदी*
*अवैध कारोबार कर रहे बेनामी माफ़ियाओं के चेहरे जो संगठित होकर अजमेर पुलिस के गठबंधन से पाक साफ़ नज़र आने की कोशिश कर रहे थे, अब एक साथ सामने आ गए हैं।
*ढाई साल जेल में परिवार सहित रहकर लौटने के बाद नगरा के बी सी संचालक प्रमोद गुप्ता ने सभी चेहरों को बेनकाब कर दिया है ।गुप्ता ने पुलिस महानिरीक्षक श्री रूपेंद्र सिंह के सामने प्रस्तुत होकर बेनामी सफ़ेद पोशों के अधो वस्त्रों का असली रंग बता दिया है।
*अलवर गेट थाने में दर्ज़ मूल मुक़द्दमे की जब जांच की जा रही थी और तत्कालीन जांच अधिकारी सुनीता गुर्जर ने मामले को प्याज बनाकर उसकी परतें खोलनी शुरू कर दीं थीं तभी कुछ प्रभावशाली पुलिस अधिकारियों ने जमकर बंदरबांट करते हुए मामले को बर्फ़ में लगाने के इंतज़ाम कर दिए थे ।
*अब जबकि उच्च न्यायालय के आदेश पर इन अधिकारियों की करतूत बाक़ायदा कलंकित मानकर कटघरे में खड़ी कर दी गई है तो फिर कब्र में से फाइलें निकलना शुरू हो गई हैं।
*करोड़ों की नशीली दवाओं का कारोबार करने वाले श्याम मूंदड़ा को क्लीन चिट देने वाले और जांच में कोताही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के संगठित गिरोह की तबसे इस मामले में भी संलिप्तता नज़र आ रही थी।
*प्रारंभिक जांच अधिकारी जब जांच कर रही थीं तब कहा जा रहा था कि बेनामी संपत्तियों के कारोबारी केवल जांच अधिकारी के डर से भूमिगत हो गए हैं । उनका इस काले कारोबार से कोई लेना देना नहीं है। नामचीन व्यवसायी और संघ विचारधारा के एक महान संत कहलाये जाने वाले महानुभाव ने तो मामले को दबाने के लिए हर तरह से हाथ पैर मार लिए थे। बोरों में भरकर बरामद हुए दस्तावेज़ कहां चले गए❓कहाँ चले गए वे लैपटाप❓️कौन कौन सफेदपोश इस काले कारोबार में लिप्त रहा ❓️अब ये कुछ भी बताने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि ख़ुद प्रमोद गुप्ता ने हर कारोबारी के कारनामों को अपने प्रार्थना पत्र में लिख दिया है ।
*पुलिस महानिरीक्षक ने भी प्रमोद गुप्ता के प्रार्थना पत्र को संवेदनशीलता से लिया है और अवैध रूप से चलाए जा रहे बेनामी कारोबार को बेनकाब करने का आश्वासन दिया है।यह संगठित गिरोह यदि फिर से पुलिस को अपने अंटे में नहीं ले पाया तो यह मामला फिर गरीबों की हाय खाकर चौराहे पर आ जाएगा ।
*प्राची अटरिया और की शिकायत से शुरू हुआ यह मामला एक साल पहले ही इन कमज़र्फ कारोबारियों की गर्दन नाप लेता यदि तत्कालीन पुलिस कप्तान जगदीश शर्मा का तबादला न हुआ होता! या जांच कर रही ईमानदार महिला पुलिस अधिकारी को सुनियोजित तरीके से जांच के दायित्वों से मुक्त नहीं किया जाता ।*
*प्रमोद गुप्ता ने साफ़ कह दिया है कि यदि उन्हें बेनामी धंधे में लिप्त लोग गिरवी रखे संपत्ति के सारे दस्तावेज़ वापस कर देंगे तो वह लगभग दो ढाई हज़ार गरीबों का लगभग 4 करोड रुपए वापस कर देंगे । यही नहीं उन्होंने बेनामी कारोबारियों से ली गई राशि भी वापस लौटाने का वादा किया है। कुछ कारोबारी उनसे मिल बैठकर लिखत पड़त भी करवाना चाहते हैं मगर इस गंदगी भरे तालाब में कुछ मोटी मछलियां भी हैं जो मगरमच्छों पर भारी पड़ती हैं। यही मछलियां समाज में सफेदपोश! सिद्धांत वादी उपदेशक भी बने रहना चाहती हैं और अवैध कारोबार से करोड़ों का खेल भी खेलना चाहती हैं ।
*प्रमोद गुप्ता ने कैमरे पर और लिखित रूप में जो जानकारियां मीडिया और पुलिस अधिकारियों को दी उनकी जांच के बिना मैं व्यक्तिगत रूप से किसी का नाम सामाजिक रुप से उछालना नहीं चाहता मगर मेरी यह नैतिक जिम्मेदारी तभी तक है जब तक गरीब और सर्वहारा वर्ग की संचित कमाई उनके खातों में न पहुंच जाए।
*यदि इन बाहुबलियों ने गरीबों का पैसा उन तक पहुंचाने में मदद नहीं की तो हार कर उनके कारनामे! चरित्र! चेहरा और संस्कार ! मुझे चौराहे पर खड़े करने ही पड़ेंगे ।
*बी सी संचालक की बातों से पता चल रहा है कि वह किसी भी बेनामी कारोबारी से भिड़ंत नहीं लेना चाहता। उसका उद्देश्य लड़ना नहीं बल्कि अपनी संपत्ति वापस लेना है, ताकि गरीबों और कारोबारियों का पैसा वापस कर दिया जाए!
*इस मामले में दिक्कत यह आ रही है कि करोड़ों की संपत्ति मात्र लाखों में गिरवी रखी हुई है! प्रमोद गुप्ता उनको मूल रकम से ज्यादा ब्याज भी दे चुका है। अब वह चाहता है कि उसकी संपत्ति वापस मिल जाए ।वह नेक नियति से कारोबारियों से लिया गया मूल पैसा भी लौटा देना चाहता है मगर कारोबारी चाहते हैं कि जो करोड़ों की संपत्ति लाखों में उनके पास आ गई है उनसे वे अरबों रुपया कमाएं।
*प्रमोद गुप्ता ने अपनी सारी संपत्तियों का जो ब्यौरा मीडिया और पुलिस महानिरीक्षक को दिया है उसमें साफ़ तौर पर हर प्रॉपर्टी के बारे में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है।
*वही सत्ता रूढ़ पार्टी की छात्र इकाई एन एस यू आई के जिलाध्यक्ष अब्दुल फरहान ने भी इसी प्रकरण को केंद्र में रखकर संभागीय आयुक्त को ज्ञापन के माध्यम से बेनामी संपत्ति प्रकरण की जाँच सी बी आई से करवाने की मांग की है।
*मुझे उम्मीद है कि यदि प्रमोद गुप्ता साफ़ नीयत से गरीबों का पैसा वापस करने का संकल्प ले चुके हैं और बाजार में उतर आए हैं तो बेनामी कारोबारियों को भी अपनी इज़्ज़त मिट्टी में मिलने से पहले मिल बैठकर सौदा निपटा देना चाहिए।
*यदि ऐसा नहीं किया गया तो माल भी जाएगा मांजना भी। मामला निबटा नहीं तो कई चेहरे निबट जाएंगे।ये तय है।