एक विद्वान को फाँसी लगने वाली थी। राजा ने कहा ~ तुम्हारी जान बख्श दूँगा, अगर … मेरे एक सवाल का सही उत्तर बता दोगे.
प्रश्न था, कि स्त्री , आख़िर चाहती क्या है ? विद्वान ने कहा ~ मोहलत मिले, तो पता कर के बता सकता हूँ। राजा ने एक साल की मोहलत दे दी, विद्वान बहुत घूमा, बहुत लोगों से मिला, पर कहीं से भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला।
आखिर में किसी ने कहा दूर जंगल में एक भूतनी रहती है। वो ज़रूर बता सकती है। इस सवाल का जवाब विद्वान उस भूतनी के पास पहुँचा, और अपना प्रश्न उसे बताया। भूतनी ने कहा कि मैं एक शर्त पर बताउंगी। अगर तुम मुझसे शादी कर लो।
उसने सोचा, सही जवाब न पता चला। तो जान … राजा के हाथ जानी ही है। इसलिए शादी की सहमति दे दी। शादी होने के बाद भूतनी ने कहा । चूंकि तुमने मेरी बात मान ली है, तो मैंने तुम्हें खुश करने के लिए फैसला किया है कि 12 घन्टे … मै भूतनी और 12 घन्टे खूबसूरत परी बनके रहूँगी।
अब तुम ये बताओ कि दिन में भूतनी रहूँ या रात को ?
उसने सोचा यदि वह दिन में भूतनी हुई, तो दिन नहीं कटेगा, रात में हुई तो रात नहीं कटेगी।
अंत में उस विद्वान व्यक्ति ने कहा जब तुम्हारा दिल करे परी बन जाना, जब दिल करे ~ भूतनी बन जाना।
ये बात सुनकर भूतनी ने प्रसन्न हो कर कहा, चूंकि तुमने मुझे अपनी मर्ज़ी करने की छूट दे दी है, तो मैं हमेशा ही परी बन के रहा करूँगी। और यही ~ तुम्हारे प्रश्न का उत्तर है.
स्त्री हमेशा अपनी मर्जी का करना चाहती है।
यदि स्त्री को अपनी मर्ज़ी का करने देंगे, तो वो परी बनी रहेगी, वर्ना भूतनी