टाइम्स नाउ नवभारत चैनल को बताया भाजपा का दलाल। महिला एंकर असहज।
करौली की हिंसा के पहले ही पीएफआई ने गहलोत सरकार को चिट्ठी लिखी थी।
भास्कर अखबार भी दबाव में है-सीएम अशोक गहलोत।
अजमेर के ग्रामीण क्षेत्रों में सुंदर कांड की पुस्तकों का वितरण।
4 अप्रैल को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जहां देश के सबसे बड़े अखबार दैनिक भास्कर पर केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों का दबाव बताया वहीं गहलोत सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने टाइम्स नाउ नवभारत न्यूज चैनल को भाजपा का दलाल कहा दिया। चार अप्रैल को जयपुर में पुलिस की मोबाइल इन्वेस्टिगेशन वेन को हरी झंडी दिखाने के अवसर पर मीडिया से संवाद करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि भास्कर अखबार पर केंद्र की मोदी सरकार का दबाव है। इसलिए हमारी सरकार के खिलाफ खबरें छापी जाती है। गहलोत ने कहा कि न्यूज चैनल और अखबारों के मालिकों को सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स आदि जांच एजेंसियों का डर दिखाया जाता है। गहलोत ने कहा कि अखबारों और न्यूज चैनलों के मालिकों से मेरे भी अच्छे संबंध हैं। लेकिन इन अखबारों और चैनलों के मालिकों की मजबूरी है। उल्लेखनीय है कि मीडिया पर ऐसे आरोप गहलोत कई बार लगा चुके हैं। अपने मुख्यमंत्री का अनुसरण करते हुए ही चार अप्रैल को प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी टाइम्स नाउ नवभारत न्यूज चैनल को भाजपा का दलाल बता दिया। खाचरियावास ने इस न्यूज़ चैनल के लाइव प्रोग्राम में आरोप लगाया कि चैनल को भाजपा से पैसा मिलता है, इसलिए कांग्रेस विरोधी खबरें दिखाई जाती हैं। असल में राजस्थान के करौली में 2 अप्रैल को हुई साम्प्रदायिक हिंसा के संबंध में टाइम्स नाउ की एंकर मीनाक्षी कंडवाल ने मंत्री खाचरियावास की प्रतिक्रिया चाहती थी। एंकर कंदवाल ने जब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पत्र के बारे में जानकारी चाही तो खाचरियावास ने उत्तेजित होकर कहा कि यह पीएफआई क्या है। आप लोग ऐसी खबरें दिखाकर माहौल खराब कर रहे हैं। वहीं एंकर कंदवाल का बार बार आग्रह था कि क्या पीएफआई के पत्र पर राज्य सरकार ने कोई कार्यवाही की? लेकिन एंकर के सवाल का जवाब देने के बजाए खाचरियावास ने चैनल को ही भाजपा का दलाल बता दिया। खाचरियावास ने पीएफआई के पत्र पर कोई जवाब नहीं दिया। यहां यह उल्लेखनीय है कि पीएफआई की ओर से विगत दिनों राज्य सरकार को एक पत्र लिखा गया था, जिसमें हिन्दू नववर्ष के मौके पर विवाद होने की आशंका जताई गई थी। अभी तक भी यह पता नहीं चला है कि पीएफआई के पत्र पर सरकार की ओर से क्या कार्यवाही की गई। लेकिन वहीं भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला का कहना रहा कि आखिर करौली हिंसा से पहले पीएफआई को यह कैसे पता चला कि हिन्दू नववर्ष के मौके पर विवाद हो सकता है। पूनावाला ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आग्रह किया कि वे करौली के प्रकरण में पीएफआई की गतिविधियों की जांच करवाए। करौली में दो अप्रैल को हिन्दू नववर्ष के अवसर पर निकली बाइक रैली पर हटवाड़ा बाजार में पत्थर फेंके गए थे। इसमें पुलिस सहित कई बाइक सवार जख्मी हुए। बाद में हुई हिंसा में भी कई दुकानों को आग लगा दी गई। करौली में अब कफ्र्यू लगा हुआ है।
सुंदरकांड की पुस्तकों का वितरण:
अजमेर के सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषा काबरा की ओर से शहर के निकटवर्ती गांव काजीपुरा, बोराज सरपंच का बाडिय़ाआदि में सुंदर कांड की पुस्तकों का निशुल्क वितरण किया गया। इस अवसर पर उपस्थित रहे महेंद्र सिंह रावत, मांगीलाल टांक, सोहन सिंह रावत, कल्याण सिंह, तेज करण अग्रवाल, राजेंद्र बैरवा आदि ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। काबरा ने बताया कि हिन्दू नववर्ष के अवसर पर ग्रामीणों का मिश्री से मुंह मीठा करवाकर पुस्तक दी गई। पुस्तक वितरण आगामी दिनों में भी की जाएगी। काबरा ने कहा कि सुंदरकांड को पढ़ने से आत्मबल की प्राप्ति होती है। सुंदरकांड वितरण के संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829071696 पर सुभाष काबरा से ली जा सकती है।
S.P.MITTAL BLOGGER
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